IIT हैदराबाद और सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा के बीच एमओयू साइन, हेल्थ सेक्टर में…
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबादImage Credit source: IIT Hyderabad web site
सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (AFMS) ने अनुसंधान और प्रशिक्षण पर सहयोग करने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौता ज्ञापन पर सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह और आईआईटी हैदराबाद के निदेशक प्रोफेसर बीएस मूर्ति ने हस्ताक्षर किए.
एमओयू का उद्देश्य नए चिकित्सा उपकरणों के विकास और विभिन्न क्षेत्रों में सेवारत सैनिकों के लिए विशिष्ट स्वास्थ्य संबंधी इनोवेशन और रिसर्च को बढ़ाना देना है. आईआईटी हैदराबाद अपने जैव प्रौद्योगिकी, जैव चिकित्सा इंजीनियरिंग और जैव सूचना विज्ञान विभागों के साथ सशस्त्र बलों के सामने आने वाली विभिन्न चिकित्सा चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगा.
इन सेक्टर में सहयोग करेगा संस्थान
जिन प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की गई उनमें ड्रोन-आधारित रोगी परिवहन, टेलीमेडिसिन नवाचार, चिकित्सा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अनुप्रयोग और नैनो प्रौद्योगिकी में प्रगति शामिल हैं. इसके अतिरिक्त समझौता ज्ञापन छात्र विनिमय कार्यक्रमों, स्नातक छात्रों के लिए अल्पकालिक पाठ्यक्रमों और संकाय विनिमय पहलों की सुविधा प्रदान करेगा.
सैनिकों के प्रशिक्षण को मिलेगा बढ़ावा
लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने परिधीय और तृतीयक देखभाल सेटिंग दोनों में सैनिकों को व्यापक चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए एएफएमएस की प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि अपनी अत्याधुनिक तकनीक के लिए प्रसिद्ध आईआईटी हैदराबाद जैसे संस्थान के साथ साझेदारी करना रिसर्च और प्रशिक्षण को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अंततः सैनिकों और उनके परिवारों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाएगा.
वहीं प्रोफेसर बीएस मूर्ति ने सशस्त्र बलों द्वारा प्रस्तुत समस्या को संबोधित करने और उनके सामने आने वाली चुनौतियों का त्वरित और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करने के लिए आईआईटी हैदराबाद के समर्पण को व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि यह सहयोग सैन्य कर्मियों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ाने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी और अनुसंधान का लाभ उठाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा.