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बैठक में नहीं बनी बात अब होगा आंदोलन, संयुक्त ट्रेड यूनियन और प्रबंधन के बीच बैठक रही बेनतीजा

कोरबा। एसईसीएल गेवरा एरिया संयुक्त ट्रेड यूनियन ने विभिन्न मांगों को लेकर प्रबंधन को हड़ताल का नोटिस थमाया है। हड़ताल टालने को लेकर सोमवार को संयुक्त ट्रेड यूनियन के पदाधिकारी और प्रबंधन के अधिकारियों के बीच बैठक हुई। बैठक में अधिकारी मांगों पर सकारात्मक जवाब नहीं दे सके।जिसे लेकर बैठक बेनतीजा समाप्त हो गई। बैठक में कोई निर्णय नहीं निकलने से यूनियन नेता आंदोलन की चेतावनी पर अडिग हैं। उन्होंने आंदोलन की रणनीति भी बनानी शुरू कर दी है। महाप्रबंधक सभागार गेवरा प्रोजेक्ट में हुई बैठक में प्रबंधन की ओर से महाप्रबंधक माइनिंग रमेश सिंदर, महाप्रबंधक ईएंडएम एस प्रसाद,फाइनेंस मैनेजर अजय पाल यादव, सिविल प्रमुख विपिन बिहारी व प्रबंधक एचआर श्रीकांत मलेपाकर मौजूद रहे। यूनियन नेताओं में एचएमएस सेक्रेटरी एससी मंसूरी, एटक सेक्रेटरी हरनारायण केसरवानी, अध्यक्ष कृपाल राम, इंटक अध्यक्ष छंदराम राठौर, सेक्रेटरी अनिल राठौर, सीटू सेक्रेटरी संतोष मिश्रा व अध्यक्ष नीलांबर शर्मा की उपस्थिति रही। लंबित 20 सूत्रीय मांगों के निराकरण नहीं होने से यूनियन नेताओं की नाराजगी बढ़ गई है। जिसे लेकर यूनियन नेताओं ने गेवरा प्रोजेक्ट महाप्रबंधक को हड़ताल का नोटिस थमाया है। संयुक्त केन्द्रीय श्रमिक संगठन एचएमएस, एटक, इंटक, बीएमएस और सीटू के पदाधिकारियों ने हड़ताल कहा है कि विगत वर्षों से श्रमिकों के मद्दे पर बात करने पश्चात एग्रिड किया जाता है, परन्तु कार्रवाई नहीं की जा रही है। कर्मचारियों की सुरक्षा या फिर वेलफेयर का मुद्दा हो प्रबंधन द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती। महज आश्वासन ही दिया जाता है। गर्मी शुरू होने के पहले माइन के अंदर प्रत्येक एमटीके पार्किंग व अन्य सेक्शन में बड़ी संख्या में कर्मचारी आते हैं वहां पानी की व्यवस्था होनी चाहिए थी, लेकिन खदान के अंदर शुद्ध व ठंडा पानी पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। कॉलोनी में भी दैनिक पानी की सप्लाई व्यवस्था ठीक नहीं है। प्रबंधन के पास बहाने बहुत हैं। कभी तालाब सूखने तो कभी पाइप टूटने और ट्रांसफार्मर जलने का बहाना बनाया जाता है। कर्मियों को गर्मी शुरू होने के पहले वाटर बॉटल व टावेल मिल जाना था। फरवरी-मार्च 2024 में बांटे जाने वाले टॉवेल और बॉटल को प्रबंधन अब तक नहीं खरीद पाया है। दूसरी ओर लाखों का लडडू खरीदना हो तो रात में ही खरीदी हो जाएगी। ठेका कर्मियों से 12-12 घंटे ड्यूटी ली जा रही है। उन्हें एचपीसी दर पर वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। मेडिकल सुविधा का भी लाभ नहीं मिल रहा है। आईएमई में भी उनका कोई रिकार्ड नहीं है। बैठक बेनतीजा रहने के बाद यूनियन नेता क्रमिक भूख हड़ताल, घेराव, प्रदर्शन, चक्काजाम व आमरण अनशन की की तैयारी में जुट गए हैं।

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