मुकेश अंबानी ने हर घंटे यहां खर्च किए 12 करोड़, क्या है आगे…- भारत संपर्क

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मुकेश अंबानी ने हर घंटे यहां खर्च किए 12 करोड़, क्या है आगे…- भारत संपर्क
मुकेश अंबानी ने हर घंटे यहां खर्च किए 12 करोड़, क्या है आगे…- भारत संपर्क
मुकेश अंबानी ने हर घंटे यहां खर्च किए 12 करोड़, क्या है आगे का प्लान

उद्योगपति मुकेश अंबानी (फाइल फोटो)Image Credit source: PTI

मुकेश अंबानी एशिया के सबसे अमीर कारोबारी ही नहीं हैं बल्कि अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए लगातार निवेश भी कर रहे हैं. उन्होंने 10 सालों में टेलीकॉम और हाइड्रोकार्बन पर हर घंटे 12 करोड़ रुपए का निवेश किया है. जी हां, एक रिपोर्ट के अनुसार मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बीते 10 साल में 125 बिलियन डॉलर का निवेश किया है. आने वाले दिनों में वह ऐसे सेक्टर की ओर देख रहे हैं, जहां निवेश कमत्र और रिटर्न ज्यादा मिले. इसके लिए उन्होंने रिटेल और रिन्युअल एनर्जी सेक्टर की ओर फोकस बढ़ा दिया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर रिपोर्ट में क्या कहा गया है.

125 अरब डॉलर का निवेश

मुकेश अंबानी के रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने पिछले दस साल में 125 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है. कंपनी ने इस निवेश के जरिए हाइड्रोकार्बन और टेलीकॉम बिजनेस में बड़े पैमाने पर विस्तार किया है. एक रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि अगले तीन वर्षों में ग्रुप का निवेश अपेक्षाकृत कम कैपिटल एक्सपेंडिचर वाले रिटेल और रिन्युअल एनर्जी सेक्टर में होगा. रिपोर्ट के अनुसार रिलायंस लंबे और इंटेंसिव कैपिटल एक्सपेंडिचर साइकिल (हाइड्रोकार्बन और दूरसंचार) से बाहर आ रही है.

कहां किसमें किया खर्च

वित्तीय सेवा कंपनी गोल्डमैन सैक्श की रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी ने ओ2सी (रिफाइनरी और पेट्रो रसायन परिसर) कारोबार के पैमाना, एकीकरण और लागत प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए वित्त वर्ष 2013-18 के बीच लगभग 30 अरब डॉलर का निवेश किया है. साथ ही टेलीकॉम सेक्टर में हाई ग्रोथ के लिए 4जी/5जी क्षमताओं में वित्त वर्ष 2013-24 के बीच अनुमानित लगभग 60 अरब डॉलर का निवेश किया है. पूरे देश में 5जी क्रियान्वित होने की संभावना है और इसके साथ टेलीकॉम चार्ज में वृद्धि भी हो सकती है. इससे उम्मीद है कि टेलीकॉम बिजनेस कंपनी के ओ2सी के साथ कैश फ्लो का प्रमुख जरिया बनेगा.

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क्या है मुकेश अंबानी का प्लान

रिपोर्ट में कहा गया है कि हमारा मानना ​​​​है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज अगले तीन साल में जिन बिजनेस (खुदरा और नई ऊर्जा की खोज और उत्पादन) में अधिक निवेश कर रहा है, वे अपेक्षाकृत कम कैपिटल एक्सपेंडिचर के साथ अधिक रिटर्न वाले हैं. साथ ही परियोजनाओं के पूरा होने में भी समय कम लगेगा. एक रिफाइनरी या पेट्रो रसायन संयंत्र को शुरू होने में आमतौर पर कम-से-कम पांच साल लगते हैं जबकि एक सोलर पॉवर प्लांट के लिए लगभग दो साल और एक खुदरा स्टोर को तैयार करने में 6-12 महीने का समय लगता है.

इनमें लगता है ज्यादा समय

रिपोर्ट में कहा गया है कि आरआईएल ने पिछले 10 साल में पूंजीगत व्यय में 125 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है. ज्यादातर निवेश हाइड्रोकार्बन और दूरसंचार क्षेत्र में हुए. ये क्षेत्र अधिक पूंजी गहन क्षेत्र हैं और परियोजनाओं को चालू होने में भी लंबा समय लगता है. रिपोर्ट के अनुसार जबकि हाइड्रोकार्बन और दूरसंचार 4जी के लिए पूंजीगत व्यय चक्र वित्त वर्ष 2017-19 के दौरान पूरा हुआ. 5जी में तेजी से पूंजीगत व्यय हुआ है. यह व्यय भी वित्त वर्ष 2023-24 में पूरा हो जाने की उम्मीद है.

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