AI की वजह से नहीं जाएगी नौकरी, नारायण मूर्ति ने आखिर क्यों कही ये बात – भारत संपर्क

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AI की वजह से नहीं जाएगी नौकरी, नारायण मूर्ति ने आखिर क्यों कही ये बात – भारत संपर्क
AI की वजह से नहीं जाएगी नौकरी, नारायण मूर्ति ने आखिर क्यों कही ये बात

Nr Narayana MurthyImage Credit source: सांकेतिक तस्वीर

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दौर है, हर कंपनी धीरे-धीरे एआई पर फोकस बढ़ा रही है. जहां एक ओर एआई लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर नौकरी करने वाले लोग इस बात को लेकर टेंशन में हैं कि कहीं एआई की वजह से नौकरी न चली जाए. Infosys के फाउंडर एनआर नारायण मूर्ति ने कहा कि एआई के युग में कौन बचेगा? अगर आपको लगता है कि हर सॉफ्टवेयर इंजीनियर इससे बच सकता है तो ऐसा नहीं है, ज़्यादातर इंजीनियर्स इससे बचे नहीं रह सकते क्योंकि भविष्य में बहुत से लोग पीछे छूट जाएंगे. इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने एआई के फ्यूचर को लेकर अपने विचार व्यक्त किए हैं. उन्होंने इस बात का स्पष्ट संकेत दिया है कि जनरेटिव एआई के क्षेत्र में तेजी से विस्तार हो रहा है.

एआई की मदद से काम हुआ आसान

एनआर नारायण मूर्ति ने मनीकंट्रोल से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने हाल ही में OpenAI के ChatGPT-4 का इस्तेमाल भाषण तैयार करने के लिए किया. इस काम के लिए पहले उन्हें 25 से 30 घंटे तक का समय लगता था लेकिन एआई की मदद से यही काम केवल 5 घंटे में पूरा हो गया. उन्होंने कहा, मैंने अपनी प्रोडक्टिविटी को पांच गुना तक सुधार लिया है.

एनआर नारायण मूर्ति के लिए यह केवल सिर्फ समय बचाने के बारे में नहीं है, यह एक संकेत है. उन्होंने कहा कि एआई सॉफ्टवेयर की नौकरियों को खत्म नहीं करेगा, यह केवल इस बात को उजागर करेगा कि कौन से इंजीनियर वास्तव में अपनी क्रिएटिविटी को समझता है. इसका मतलब ये है कि आपको एआई से डरने की नहीं बल्कि इसे समझने और अपने स्किल्स को बढ़ाने और एआई के साथ खुद को ढालने की जरूरत है.

1970 के दशक से की तुलना

उदाहरण के माध्यम से अपनी बात को समझाने की कोशिश करते हुए उन्होंने कहा कि 1970 के दशक में ब्रिटेन के बैंकिंग क्षेत्र में कंप्यूटर के आने पर लोगों ने इसका विरोध किया क्योंकि उन्हें नौकरी जाने का डर था. लेकिन छंटनी के बजाय, रोजगार में 40 से 50 गुना वृद्धि देखी गई. एनआर नारायण मूर्ति का मानना ​​है कि भारतीय इंजीनियर्स भी ऐसा ही अनुभव कर सकते हैं लेकिन तब जब वह खुद को ढाल ले.

उन्होंने जोर देकर कहा कि कोडर का काम विकसित हो रहा है, अब ये कोड की लाइनें लिखने के बारे में नहीं है, बल्कि जटिल समस्याओं को परिभाषित करने और उन्हें हल करने के लिए AI जैसे टूल्स का इस्तेमाल करने के बारे में है. उन्होंने कहा, प्रोग्रामर और एनालिस्ट और अधिक स्मार्ट होते जाएंगे, वह बड़ी समस्याओं, अधिक जटिल समस्याओं को हल करेंगे. एनआर नारायण मूर्ति का मैसेज क्लियर है कि एआई सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की जगह नहीं लेगा, लेकिन आपको एआई के साथ खुद को ढालना होगा.

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