कभी घर चलाने के नहीं थे पैसे… टूटे स्कूटर से रेंज रोवर तक कैसे पहुंचा कान… – भारत संपर्क

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कभी घर चलाने के नहीं थे पैसे… टूटे स्कूटर से रेंज रोवर तक कैसे पहुंचा कान… – भारत संपर्क

संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा

उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक बाबा काफी चर्चा में है. मृतक बच्ची को सीपीआर देते हुए उसका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस तथाकथित बाबा का नाम संतोष सिंह भदौरिया है और वह अपने भक्तों में करौली धाम सरकार बाबा के नाम से जाना जाता है. एक समय ऐसा था जब संतोष सिंह भदौरिया टूटे स्कूटर पर चला करता था. उसके मन में इच्छा थी कि वह जल्द से जल्द करोड़पति बने. लेकिन उस दौर में उसका घर चलाना भी मुश्किल होता था. उसने कभी टेम्पो खरीदा तो कभी प्रॉपर्टी के काम में हाथ डाला. यहां तक कि किसान नेता भी बनने की कोशिश की.
संतोष सिंह भदौरिया को जब कहीं सफलता नहीं मिली तो उसने भूत प्रेत भगाने और बलाएं दूर करने का धंधा शुरू किया. उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा. करौली धाम सरकार बाबा उर्फ संतोष सिंह भदौरिया पहले भी विवादों में रहा है. एक साल पहले उसपर नोएडा के एक चिकित्सक ने एफआईआर कराई थी. उसपर बाउंसर द्वारा डॉक्टर की पिटवाने का आरोप था.
टेंपो खरीदा, बने किसान नेता
संतोष सिंह भदौरिया उन्नाव के पवई गांव के रहने वाला है. उसने जवानी के दिनों में कानपुर की युवती से शादी करी और किसी तरह गुजर बसर करने लगा. जब सफलता नहीं मिली तो संतोष ने पहली पत्नी को छोड़कर दूसरी महिला से शादी की और प्रॉपर्टी का काम शुरू किया. जब इस काम में भी सफलता नहीं मिली तो वह एक टेम्पो खरीद कर चलाने लगा. लेकिन जल्दी पैसे कमाने की इच्छा ने इस काम को ज्यादा दिन नहीं करने दिया. इसके बाद किसान नेता बनने की इच्छा से भारतीय किसान यूनियन ज्वाइन की. लेकिन प्रदर्शन के दौरान पुलिस के एक्शन ने नेतागिरी भुला दी.
संतोष ऐसे बन गया करौली सरकार
संतोष ने एक बार फिर प्रॉपर्टी का काम शुरू किया और बिधनू के करौली गांव में एक जमीन सस्ते में लेकर पूर्वज मुक्ति केंद्र खोल दिया. उसके द्वारा आस्था के नाम पर भूत प्रेत भगाने और बाधाएं दूर करने का दावा किया जाने लगा. सोशल मीडिया के सहारे आश्रम का प्रचार किया और यहां आने वालों की संख्या सैकड़ों से हजारों और फिर लाखों हो गई. उसी आश्रम में आलीशान घर, तीन रेंज रोवर गाड़ियां, दर्जनों बॉडीगार्ड के साथ संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली सरकार विलासिता का जीवन व्यतीत कर रहा है. बाबा के ऊपर कई मुकदमे दर्ज हैं और बीच-बीच में विवाद भी सामने आते रहते हैं. लेकिन उसपर ऊंचे रसूख के चलते कोई बड़ी कार्रवाई नहीं होती.

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