8 आंखें आठ पैर, इस देश में मिली जहरीले बिच्छू की नई प्रजाति, वैज्ञानिक भी हैरान |…


बिच्छू की नई प्रजाति मिली (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
इस धरती पर जीव-जंतुओं की हजारों-लाखों प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से कईयों के बारे में आप जानते होंगे तो कई ऐसे भी होंगे, जिन्हें आपने कभी न तो देखा होगा और न ही नाम सुना होगा. वैसे कई बार अचानक ही कुछ ऐसे जीव भी देखने को मिल जाते हैं, जो वैज्ञानिकों को भी अचंभे में डाल देते हैं. ऐसा ही एक अजीबोगरीब जीव आजकल दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसने वैज्ञानिकों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है. आपने बिच्छू तो देखे होंगे, पर क्या कभी 8 आंखें और 8 पैरों वाला बिच्छू देखा है?
दरअसल, शोधकर्ताओं के एक समूह ने दावा किया है कि उन्हें थाईलैंड के फेटचाबुरी प्रांत के केंग क्रचन नेशनल पार्क में बिच्छू की एक नई प्रजाति मिली है, जिनकी दो नहीं बल्कि आठ आंखें हैं और आठ पैर भी हैं. इस नई प्रजाति का उल्लेख तीन नर और एक मादा बिच्छू के नमूनों के आधार पर किया गया है जो चट्टान के नीचे छिपे हुए पाए गए थे. हालांकि उनकी आंखें और पैर भले ही ज्यादा हों, लेकिन सामान्य बिच्छुओं की तुलना में वो छोटी हैं. बिच्छू की इस नई प्रजाति को सबजेनस यूस्कोपियोप्स के अंदर रखा गया है और वैज्ञानिकों ने इसका नाम थाईलैंड के उस नेशनल पार्क के नाम पर यूस्कॉर्पियोप्स क्रचान रखा है, जहां से इसकी खोज हुई है.
चट्टान के रंग के थे बिच्छू
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंग क्रचन नेशनल पार्क में वैज्ञानिक वन्यजीवों की खोज कर रहे थे, इसी बीच उन्होंने चट्टानों के नीचे भूरे रंगे और बालों वाले अजीबोगरीब जीव को छिपा हुआ देखा. शोधकर्ताओं का दावा है कि इन बिच्छुओं का रंग एकदम चट्टान के रंग की तरह ही था, ऐसे में पहली नजर में चट्टान और बिच्छुओं के बीच अंतर कर पाना मुश्किल था. पहले तो उन बिच्छुओं को देखकर वैज्ञानिकों को लगा कि कोई जीव शिकार में तलाश में जा रहा है, लेकिन जब वो उसके करीब गए और ध्यान से देखा तो पता चला कि वो तो एक मादा बिच्छू थी, जो अपने चार बच्चों को अपनी पीठ पर बिठाकर ले जा रही थी.
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8 आंखें और 8 पैर हैं इसके
शोधकर्ताओं ने बताया कि बिच्छुओं की ये नई प्रजाति एक इंच लंबी होती है और उनकी त्वचा पर बाल भी होते हैं, लेकिन इन सबके बीच जो सबसे अधिक चौंकाने वाली खासियत ये थी कि उनकी आठ आंखें और आठ पैर थे. इससे जुड़ी रिपोर्ट जूटाक्सा जर्नल में हाल ही में प्रकाशित की गई है.