निकोलस पूरन की IPL सैलरी से इतनी कम थी इंटरनेशनल क्रिकेट में मैच फीस, चौंका… – भारत संपर्क

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निकोलस पूरन की IPL सैलरी से इतनी कम थी इंटरनेशनल क्रिकेट में मैच फीस, चौंका… – भारत संपर्क

निकोलस पूरन की कमाई. (फोटो- Pti)
वेस्टइंडीज के स्टार बल्लेबाज निकोलस पूरन ने 29 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहकर क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है. इस फैसले के पीछे सबसे बड़ी वजह उनकी कमाई को माना जा रहा है. फ्रेंचाइजी क्रिकेट में मिलने वाली मोटी रकम की तुलना में उनकी इंटरनेशनल क्रिकेट से होने वाली कमाई काफी कम थी. पूरन का यह कदम मॉडर्न क्रिकेट में बदलते रुझानों को दर्शाता है, जहां खिलाड़ी आर्थिक रूप से बेहतर अवसरों की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
9 साल का इंटरनेशनल करियर
निकोलस पूरन जो अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी और शानदार विकेटकीपिंग के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने 2016 में वेस्टइंडीज के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था. उन्होंने वनडे और टी20 फॉर्मेट में अपनी आक्रामक शैली से फैंस का दिल जीता, लेकिन कभी भी टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला. अपने 9 साल के करियर के दौरान निकोलस पूरन ने वेस्टइंडीज के लिए सिर्फ 61 वनडे और 104 टी20 मैच खेले. वहीं, इस दौरान उन्होंने दुनिया भर की क्रिकेट लीग में भी खेला.

इंटरनेशनल क्रिकेट और फ्रैंचाइजी क्रिकेट की कमाई में अंतर
पूरन के संन्यास का बड़ी वजह इंटरनेशनल क्रिकेट और फ्रेंचाइजी क्रिकेट के बीच कमाई में भारी अंतर है. वह फ्रेंचाइजी क्रिकेट में खेलने के चलते वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की ओर से मिलने वाला सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा नहीं बनते थे. ऐसे में वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड उन्हें मैच फीस दिया करता था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की ओर से उन्हें एक वनडे मैच के लिए लगभग 1,96,946 रुपए (US$2300) और एक टी20 इंटरनेशनल मैच के लिए 1,48,566 रुपए (US$1735) की फीस मिलती थी.
दूसरी ओर, फ्रेंचाइजी क्रिकेट में उनकी कमाई कई गुना ज्यादा है. उदाहरण के लिए, आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स ने उन्हें 21 करोड़ रुपए की भारी-भरकम राशि में रिटेन किया था. यह राशि एक सीजन की है, जबकि इंटरनेशनल क्रिकेट में इतनी कमाई के लिए उन्हें कई साल तक खेलना पड़ता. दुनिया भर की टी20 लीग्स, जैसे कैरेबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल), साउथ अफ्रीका टी20 लीग, और ILT20 लीग में भी पूरन की मांग काफी ज्यादा है. इन लीग्स में न केवल मोटी रकम मिलती है, बल्कि कम समय में ज्यादा मैच खेलने का मौका भी मिलता है. यह आर्थिक अंतर कई खिलाड़ियों को फ्रेंचाइजी क्रिकेट की ओर आकर्षित कर रहा है, और पूरन का फैसला इसका ताजा उदाहरण है.
वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए चुनौती
पूरन का संन्यास वेस्टइंडीज क्रिकेट के लिए एक बड़ा झटका है. पहले भी कई स्टार खिलाड़ी, जैसे क्रिस गेल, ड्वेन ब्रावो और कीरोन पोलार्ड ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट को प्राथमिकता दी है. पूरन जैसे युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ी का जाना वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी को और कमजोर कर सकता है. अब क्रिकेट बोर्ड के सामने नई प्रतिभाओं को तलाशने और उन्हें तैयार करने की चुनौती है. साथ ही खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से प्रोत्साहित करने के लिए बेहतर नीतियां बनाना भी जरूरी होगा.

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