बिहार की नीतीश सरकार का 10 फरवरी को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट, साबित करना…
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई एनडीए सरकार 10 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करेगी. जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रविवार को रिकॉर्ड नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके पहले नीतीश कुमार ने महागठबंधन और विपक्षी गुट इंडिया से नाता तोड़ लिया था और सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. महागठबंधन के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने भाजपा के साथ नई सरकार बनाई, जिसे उन्होंने 18 महीने से भी कम समय पहले छोड़ा था. अब बीजेपी के साथ मिलकर बनाई गई सरकार के लिए 10 फरवरी को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करना होगा.
संसदीय कार्य विभाग द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार विधानमंडल के दोनों सदनों में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के पारंपरिक संबोधन के बाद बजट सत्र के पहले दिन विश्वास मत हासिल करेगी. सत्र में कुल 12 कार्य दिवस होंगे. अधिसूचना में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट 12 फरवरी को पेश किया जाएगा.
विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ पेश किया अविश्वास प्रस्ताव
इससे पहले, नई सरकार ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के खिलाफ अपने पहले कदम में, बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. यदि अवध बिहारी चौधरी ने पद नहीं छोड़ा तो सत्र के पहले दिन अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. इसके बाद नई सरकार का शक्ति परीक्षण होगा.
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बता दें कि बीजेपी और हम के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने एनडीए की नयी सरकार बनाई है. नीतीश कुमार के शपथ समारोह के साथ बीजेपी के दो उपमुख्यमंत्रियों विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी ने शपथ ली थी. कुल आठ मंत्रियों की कैबिनेट ने शपथ ली. ऐसा माना जा रहा है कि विश्वासमत हासिल कर लेने के बाद राज्य मंत्रिमंडल का और भी विस्तार होगा.
सदन में एनडीए के पास हैं 128 सीटें
बता दें कि 243 के सदन में, सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 128 सीटें (बीजेपी 78, जेडीयू 45, एचएएमएस 4 और एक निर्दलीय विधायक) हैं, जबकि विपक्षी महागठबंधन (महागठबंधन) के पास 114 विधायक (आरजेडी 79, कांग्रेस 19, सीपीआईएमएल 12 और सीपीआई और सीपीएम से दो-दो) हैं ). असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का एक विधायक है.