नीतीश कुमार एक निर्लज्ज व्यक्ति हैं… आखिर प्रशांत किशोर ने बिहार के…
प्रशांत किशोर-नीतीश कुमार
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर एक समय सीएम नीतीश कुमार के करीबी रहे हैं. किशोर ने यह टिप्पणी बिहार में 4 विधानसभा सीट पर उपचुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) सुप्रीमो द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय से संपर्क किए जाने के सवाल पर की. उन्होंने कहा, ‘हां, नीतीश कुमार ने मुसलमानों की पीठ में छुरा घोंपकर उनके लिए बहुत कुछ किया है. उन्होंने 2015 में मुसलमानों के भारी समर्थन से सरकार बनाई और 2 साल बाद बीजेपी के साथ फिर से गठबंधन कर लिया.’
प्रशांत किशोर जेडीयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को अपनी पार्टी जेडीयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया था. लेकिन संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) पर मतभेद सार्वजनिक होने पर उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री पर ऐसे कानून का समर्थन करने का आरोप लगाया था, जो मुसलमानों को मताधिकार से वंचित करने का खतरा पैदा करता है.
जन सुराज संस्थापक ने कहा, ‘मुसलमानों ने नीतीश कुमार का फिर से समर्थन किया जब वे 2 साल पहले महागठबंधन में वापस आए. लेकिन बाद में वे बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में वापस चले गए. अब उनकी पार्टी केंद्र सरकार में भागीदार है. उसके नेता केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री हैं जिसने विवादास्पद वक्फ विधेयक को मंजूरी दी है.’
बंटेंगे तो कटेंगे वाले बयान पर भी क्या बोले?
उन्होंने दावा किया, ‘नीतीश कुमार एक निर्लज्ज व्यक्ति हैं जिनसे बिहार की जनता नाराज है और उन्हें सत्ता से बाहर करना चाहती है.’ इस दौरान प्रशांत किशोर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ‘हिंदुओं को असुरक्षित महसूस कराना और उसका चुनावी लाभ उठाना बीजेपी की पुरानी रणनीति है. पार्टी को बिहार की जनता को बताना चाहिए कि प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी ने राज्य में कितनी फैक्ट्रियां लगाईं.’
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