कनाडा और यूरोप नहीं…भारत की राह पर अमेरिका, उठाया ये बड़ा…- भारत संपर्क

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कनाडा और यूरोप नहीं…भारत की राह पर अमेरिका, उठाया ये बड़ा…- भारत संपर्क

अमेरिका के फेड रिजर्व ने यूरोप और कनाडा की नहीं बल्कि भारत की राहत पकड़ी है. जी हां, यूएस फेड रिजर्व ने भी भारत के सेंट्रल बैंक आरबीआई की तरह पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. साथ ही संकेत दिए हैं कि मौजूदा साल में सिर्फ एक बार कटौती की संभावना है. जैसा कि भारत में दिसंबर के महीने में कयास लगाए जा रहे हैं. अमेरिकी फेड रिजर्व ने जहां 26 जुलाई के बाद ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है और पॉलिसी रेट को 5.25 to 5.50 फीसदी के दायरे में रखा है.

वहीं दूसरी ओर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने फरवरी 2023 के बाद से अपने रेपो रेट में कोई छेड़छाड़ नहीं की है और 6.50 फीसदी पर कायम रखी है. इसके विपरीत पिछले हफ्ते कनाडा और यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में कटौती कर दुनिया को संकेत जरूर दिए थे. फेड पॉलिसी के ऐलान के बाद एक बात साफ हो गई है कि दिल्ली से वॉशिंगटन तक हर कोई महंगाई से लड़ाई अभी और जारी रखना चाह रहा है.

नहीं किया कोई बदलाव

अमेरिकी फेड रिजर्व ने एक बार फिर से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. साथ ही संकेत दिया है कि इस साल केवल एक बार दर में कटौती की उम्मीद है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि हाल के महीनों में महंगाई लगातार कम हो रही है, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि उन्हें इस साल केवल एक बार अपनी बेंचमार्क ब्याज दर में कटौती की उम्मीद है. पॉलिसी मेकर्स का 1 बार रेट कट का अनुमान पिछले तीन अनुमान से कम था. इसका अहम कारण ये भी है कि महंगाई लगातार टारगेट से ऊपर है.

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फेड ने दिया ये बयान

अपनी दो दिवसीय बैठक के बाद जारी एक बयान में, फेड ने कहा कि इकोनॉमी ठोस गति से बढ़ रही है जबकि रिक्रूटमेंट्स में “मजबूत बनी हुई हैं.” फेड ने यह भी कहा कि हाल के महीनों में उसके 2 फीसदी महंगाई टारगेट की दिशा में “मामूली सुधार” हुआ है. यूएस फेड में 19 मेंबर्स हैं. जिनमें से 8 मेंबर्स मौजूदा साल में 2 कटौती पर हामी भरी, जबकि 7 ने एक कटौती पर हाथ उठाया. जबकि 4 मेंबर्स ऐसे भी रहे जिन्होंने मौजूदा साल में एक भी कटौती ना करने को कहा.

कितनी बार हो सकती है कटौती

सीएनबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक के पीरियड के लिए, फेडरल ओपन मार्केट कमेटी अब 1.25 फीसदी के बराबर पांच बार ब्याज दरों में कटौती का अनुमान लगा रही है. जबकि मार्च के महीने में इसका अनुमान 6 का था. यदि अनुमान सही रहा, तो यह अगले वर्ष के अंत तक फेडरल फंड रेट बेंचमार्क 5.1 फीसदी पर आ जाएगा जोकि मार्च आउटलुक से 0.2 फीसदी ज्यादा होगा.

आरबीआई की राह पर फेड

फेड का ये फैसला पूरी तरह से आरबीआई के फैसले की तरह लग रहा है. खास बात तो ये है कि आरबीआई भी दिसंबर के महीने में रेट कट का संकेत दे रहा है. वहीं फेड रिजर्व की ओर से भी ऐसे ही संकेत सामने आए हैं. जहां आरबीआई की अगली मीटिंग अगस्त के महीने में होगी. वहीं उससे पहले यूएस फेड रिजर्व की मीटिंग हो जाएगी जोकि 30-31 जुलाई को होगी. दिसंबर तक यूएस फेड की चार मीटिंग हो चुकी होंगी. वहीं आरबीआई की अगस्त के बाद अक्टूबर उसके बाद दिसंबर के महीने में मीटिंग होंगी.

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