पंजाब, हरियाणा, दिल्ली ही नहीं पूरे देश को चुकानी पड़ेगी…- भारत संपर्क

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पंजाब, हरियाणा, दिल्ली ही नहीं पूरे देश को चुकानी पड़ेगी…- भारत संपर्क

पंजाब-हरियाणा से किसान फसलों पर MSP गारंटी कानून की मांग को लेकर दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. 20 हजार से ज्यादा किसानों के जुटान को देखते हुए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और यूपी के बॉर्डर्स को सुरक्षा बलों ने सील कर दिया है. दिल्ली समेत हरियाणा और पंजाब के कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है. वहीं, किसान आंदोलन के चलते ट्रांसपोर्टेशन प्रभावित होने से देश के बाजार को रोजाना हजारों करोड़ों का नुकसान होने की संभावना है. ऐसे में अगर कोई हल नहीं निकला तो अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंचने का डर है.

बता दें, पंजाब और उसके रास्ते दिल्ली आने वाले सैकड़ों ट्रक रास्तों में फंसे हुए हैं. जालंधर से नौ फरवरी को निकले ट्रक अभी तक दिल्ली नहीं पहुंच पाए. ट्रांसपोर्ट यूनियनों का कहना है किसान सड़क पर आते हैं तो रोजाना 500 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है.

बॉर्डर्स पर फंसे हैं ट्रक

ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर का कहना है कि पंजाब से निकले किसानों के चलते पंजाब के साथ जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तर हरियाणा के काफी हिस्सों से ट्रक निकल नहीं पा रहे हैं. हरियाणा में भी कुछ जगहों पर ट्रकों को रूट बदलकर निकाला जा रहा है, लेकिन उसमें भी सिर्फ कुछ ही ट्रक निकल पा रहे हैं. पुलिस फोर्स को लगता है कि अगर ट्रकों के लिए रास्तों को खोलेंगे तो फिर किसान भी अपने ट्रकों को लेकर वहां से निकल जाएंगे, इसलिए नेशनल हाईवे समते अन्य रास्तों को पूरी तरह बंद कर दिया गया है.

कीमतों पर दिखेगा असर

दिल्ली में पंजाब, उत्तर-पूर्वी हरियाणा, हिमाचल और जम्मू कश्मीर से बड़ी संख्या में फल और सब्जियों की सप्लाई होती है. पंजाब में किसानों के कूच के बीच फल और सब्जियों को दिल्ली पहुंचने में समय लग रहा है. ट्रकों को काफी घूमकर आना पड़ रहा है. अगर यही सिलसिला रहता है तो आने वाले तीन से चार दिनों में फल और सब्जियों की कीमतों में असर देखने को मिलेगा, क्योंकि ट्रांसपोर्टर मालभाड़ा बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं. जाहिर है कि जब रूट लंबा होगा तो वो मालभाड़ा बढ़ाएंगे, जिससे कीमतें भी बढ़ेंगी.

500 करोड़ का नुकसान

भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महासचिव हेमंत गुप्ता के मुताबिक, पंजाब के रास्ते बड़ी मात्रा में सामान दिल्ली और देश के बाकी हिस्सों में जाता है. किसानों के सड़कों पर आने से मोटे तौर पर अनुमान है कि प्रतिदिन करीब 500 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित होगा, जिसमें आर्थिक नुकसान भी काफी ज्यादा होगा, क्योंकि आज के समय पर किसी भी सामान की समय पर आपूर्ति सबसे जरूरी है.

पिछले आंदोलन में हर दिन हुआ 3500 करोड़ रुपये का नुकसान

पिछले करीब 378 दिन चलने वाले आंदोलन से भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंडल (एसोचैम) ने आंकड़े जारी करते हुए बताया था किरोजाना करीब 3,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. जबकि, अकेले उत्तर मध्य रेलवे को 2,200 करोड़ रुपये की कमाई का नुकसान हुआ था.

16 फरवरी को 25 से 30 हजार करोड़ का नुकसान

16 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद बुलाया है. ऐसे में 25 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है. CII के दिसंबर 2020 के एक अनुमान के मुताबिक एक दिन के भारत बंद से अर्थव्यवस्था पर 25 से 30 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है. फिर भारत बंद चाहे कोई राजनीतिक दल बुलाए या किसान संगठन.

इन चीजों की पड़ जाएगी कमी

● फल-सब्जी और सूखे मेवे

● लकड़ी

● हार्डवेयर का सामान

● स्पेयर पार्ट और ऑटो पार्ट

● मशीनरी और उससे जुड़े उत्पाद

● कपड़े और खेल का सामान

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