CBSE 10वीं मैथ्स का पेपर 11 मार्च को, नोट कर लें एक्सपर्ट की ये टिप्स, मिलेंगे…
सीबीएसई 10वीं मैथ्स का पेपर 11 मार्च को होगा.Image Credit source: freepik
सीबीएसई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं. 11 मार्च को सीबीएसई 10वीं मैथ्स विषय का पेपर है. परीक्षा में लास्ट मिनट तैयारी का बहुत अहम रोल होता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि हार्ड वर्क तो जितना करना था. वह बच्चों ने कर लिया है. लास्ट मिनट में स्मार्ट वर्क की बेहद जरूरत होती है. इससे बच्चे एग्जाम में अच्छा स्कोर कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि 10वीं मैथ्स की परीक्षा में स्टूडेंट्स कैसे पेपर लिखें कि एग्जाम में अच्छे नंबर मिलें.
मैथ्स हमेशा से ही स्कोरिंग विषय रहा है. इसे नंबर देने वाले विषय के तौर पर लिया जाता है. यहां बताए जा रहे टिप्स को फाॅलो कर स्टूडेंट्स मैथ्स के पेपर में 90 फीसदी से अधिक का स्कोर कर सकते हैं.
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शॉर्ट नोट्स और फॉर्मूला है महत्वपूर्ण
मैथ्स के टीचर संदीप शर्मा ने कहा कि अब तक भले ही स्टूडेंट्स मैथ्स को कठिन समझते रहे हों पर अब इसे दिमाग से निकाल दें. साल भर सबसे कठिन विषय के रूप में मैथ्स की तैयारी कर ली. अब इसे सबसे आसान मानते हुए आखिरी समय में तैयारी करें. उनका कहना है कि लास्ट मिनट में बहुत सी किताबों और नोट्स में फंसने की जरूरत नहीं है. कुछ नया न पढ़ें. परीक्षा के लिए बनाए गए शॉर्ट नोट्स और फॉर्मूलों को पढ़कर रिवाइज करें.
NCERT की किताबों से करें रिवीजन
मैथ्स के एक और शिक्षक डॉ. तेजेंद्र सिंह ने कहा कि लास्ट मिनट में बच्चों को एनसीईआरटी की किताब से रिवीजन जरूर करना चाहिए. इसमें दी गई हर एक्सरसाइज को सॉल्व कर लें. कई बार एनसीईआरटी की किताब से ही ज्यादा से ज्यादा सवाल पूछे जाते हैं. इसलिए इसमें दिए गए कॉन्सेप्ट की प्रैक्टिस कर लें. फॉर्मूले पढ़ कर याद रखें. एनईसीआरटी की किताब में दिए गए सवालों के साथ ही इसके सैंपल वाले सवाल भी हल कर लें. उन्होंने बताया कि यदि संभव हो तो आखिरी समय में कोई एक पूरा क्वेश्चन पेपर जरूर सॉल्व कर लें, जिससे अंदाजा लग जाए कि आप पूरा पेपर सॉल्व करने में कितना समय ले रहे हैं. इसी के हिसाब से टाइम मैनेजमेंट कर लें.
हाई वेटेज वाले टॉपिक का रखें ध्यान
मैथ्स के प्रोफेसर डॉ. आरआर यादव ने बताया कि अब मैथ्स की तैयारी को लेकर बच्चे किसी भी तरह का तनाव न लें. फॉर्मूला रिवाइज करना और उनका प्रयोग ही अहम है. मैथ्स में जिसकी फॉर्मूला पर अधिक पकड़ होती है, उनको सौ में सौ नंबर मिल जाते हैं. साथ ही साथ बच्चे हाई वेटेज वाले टॉपिक का ध्यान रखें. वैसे तो समय कम है. इसलिए नया पढ़ने की जरूरत नहीं है. बस हाई वेटेज वाले टॉपिक के फॉर्मूलों को रिवाइज जरूर करें. किसी भी तरह का डाउट हो तो एक बार अपने टीचर से बात भी कर सकते हैं.
भरपूर नींद लें और घबराएं नहीं
डॉ. आरआर यादव ने कहा कि एग्जाम से पहले वाली रात में घबराने की कतई जरूरत नहीं है. एग्जाम हॉल में किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत न झेलनी पड़े, इसलिए रात में समय से सोएं. इससे सुबह फ्रेश महसूस करेंगे. एग्जाम हॉल में नींद और घबराहट का सामना नहीं करना पड़ेगा. जो कुछ भी शॉर्ट नोट्स से पढ़ना है, दिन में ही पढ़ लें. रात सिर्फ सोने के लिए रखें. दिमाग को शांत रखें और अगले दिन के लिए एनर्जी बचाकर रखें.
एग्जामिनेशन हॉल में जल्दबाजी न करें
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कई बार बच्चे एग्जाम हॉल में पेपर मिलते ही लिखना शुरू कर देते हैं. ऐसा बिलकुल न करें. पेपर में भी इस बात का दिशा- निर्देश लिखे होते हैं कि सबसे पहले पूरा पेपर पढ़ लें. देख लें कि सारे सवाल सही हैं या नहीं. स्टूडेंट्स उन सवालों को पहले हल करें, जो उन्हें आसान लगते हैं. अगर आपको सभी सवाल आते हैं तो भी टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखें. ऐसा न हो कि एक और दो अंक वाले सवाल ही हल करते रह जाएं और अधिक अंक वाले सवालों के लिए समय ही न मिले.
ध्यान से पूरा पढ़ें सवाल, फिर दें जवाब
कोई भी सवाल हल करने से पहले ध्यान से पढ़ें कि आखिर पूछा क्या जा रहा है. ऐसा न हो कि आधा सवाल पढ़ा और हल करना शुरू कर दिया. कई बार पेपर में सवाल घुमा कर पूछा जाता है. शुरू में पढ़ते समय ऐसा लगता है कि यह तो वही सवाल है जो हमने पढ़ा है पर अंत में उसे जरा सा ट्रिकी बना दिया जाता है. इसलिए पूरा पढ़कर यह समझ लें कि क्या पूछा जा रहा है. इसके बाद हल करें.
प्रेजेंटेशन का है बड़ा महत्व
एग्जाम में इस बात का भी बड़ा महत्व होता है कि आपने अपने जवाब को प्रेजेंट कैसे किया है. इसलिए जो कुछ भी लिखें, वह स्पष्ट होना चाहिए. राइटिंग साफ-सुथरी हो. मैथ्स के पेपर के दौरान रफ कार्य बताई जगह पर ही करें और अंत में एक लाइन से उसे काट दें. ओवरराइटिंग से बचें. अगर कोई शब्द गलत हो जाए तो उसे एक सिंगल लाइन से काट कर आगे से लिखना शुरू करें. बीच में कुछ भी न लिखें, जिससे एग्जामिनर को पढ़ने में दिक्कत न हो.