रैगिंग नियमों पर UGC सख्त, देशभर में 18 मेडिकल कॉलेजों को भेजा नोटिस
![रैगिंग नियमों पर UGC सख्त, देशभर में 18 मेडिकल कॉलेजों को भेजा नोटिस रैगिंग नियमों पर UGC सख्त, देशभर में 18 मेडिकल कॉलेजों को भेजा नोटिस](https://bharatsampark.co.in/wp-content/uploads/2025/02/ugc-regulations-2025-1024x576.jpg?v=1738879746)
![रैगिंग नियमों पर UGC सख्त, देशभर में 18 मेडिकल कॉलेजों को भेजा नोटिस रैगिंग नियमों पर UGC सख्त, देशभर में 18 मेडिकल कॉलेजों को भेजा नोटिस](https://images.bharatsampark.co.in/wp-content/uploads/2025/01/ugc-regulations-2025.jpg?w=1280)
यूजीसी. Image Credit source: file photo
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने रैगिंग विरोधी नियमों का पालन नहीं करने के लिए 18 मेडिकल कॉलेजों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इन 18 कॉलेजों में दो दिल्ली के भी हैं. यूजीसी ने एंटी रैगिंग रेगुलेशंस का हवाला देते हुए कॉलेजों को नोटिस जारी किया है.एंटी-रैगिंग रेगुलेशन, 2009 में कहा गया है कि प्रत्येक छात्र और उनके माता-पिता और अभिभावकों को प्रवेश के समय और प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत में एक एंटी-रैगिंग उपक्रम प्रस्तुत करना होगा.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, यूजीसी की ओर से जिन 18 कॉलेजों को नोटिस जारी किया गया है उन डिफॉल्टर कॉलेजों में दिल्ली, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी के दो-दो कॉलेज शामिल हैं. आंध्र प्रदेश और बिहार में तीन-तीन और मध्य प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में एक-एक कॉलेज शामिल है. अब इन कॉलेजों को नोटिस प्राप्त होने की तारीख से सात दिनों के भीतर एक लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें चूक के कारणों और इस स्थिति को तुरंत सुधारने के लिए वे क्या कदम उठाने का इरादा रखते हैं, इसका विवरण देना होगा.
कॉलेजों ने रैगिंग नियमों की अनदेखी की
यूजीसी सचिव मनीष जोशी ने कहा कि जांच में यह पाया गया कि इन कॉलेजों ने रैगिंग के खतरे को रोकने के लिए एंटी-रैगिंग रेगुलेशन, 2009 में निर्धारित अनिवार्य आवश्यकताओं का अनुपालन नहीं किया था. विशेष रूप से, यह हमारे संज्ञान में आया है कि संस्थान उक्त नियमों के अनुसार छात्रों से रैगिंग विरोधी शपथ लेने में विफल रहे. यह कदम शैक्षणिक संस्थानों के भीतर रैगिंग की किसी भी घटना को रोकने और रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है. इन उपक्रमों को सुरक्षित करने में विफलता न केवल नियमों का गैर-अनुपालन है, बल्कि छात्रों की भलाई और सुरक्षा को भी खतरे में डालती है.
कौन-कौन से कॉलेज है लिस्ट में
कॉलेजों में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल और दिल्ली में हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च शामिल हैं. उत्तर प्रदेश में डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, पश्चिम बंगाल में इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च और तेलंगाना में उस्मानिया मेडिकल कॉलेज का नाम इसमें शामिल है.
असम और बिहार के भी कॉलेज शामिल
वहीं, असम में लखीमपुर मेडिकल कॉलेज और नागांव मेडिकल कॉलेज और अस्पताल. बिहार में सरकारी मेडिकल कॉलेज (बेतिया), कटिहार मेडिकल कॉलेज (कटिहार) और मधुबनी मेडिकल कॉलेज; और आंध्र प्रदेश में आंध्र मेडिकल कॉलेज (विशाखापट्टनम), गुंटूर मेडिकल कॉलेज और कुरनूल मेडिकल कॉलेज भी सूची में हैं. अन्य मेडिकल कॉलेजों में बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (मध्य प्रदेश), पांडिचेरी में JIPMER और महात्मा गांधी मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट के अलावा तमिलनाडु में सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज और क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज का नाम शामिल है.