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अब अफसरों के मोबाइल पर बिफरे एचएमएस अध्यक्ष, निदेशक तकनीकी को पत्र लिखकर जताई नाराजगी

कोरबा। कोल इंडिया के पचासवें स्थापना दिवस के अवसर पर कोल इंडिया प्रबंधन ने अधिकारियों को तीस हजार से साठ हजार रुपए कीमत तक का मोबाइल उपहार स्वरूप देने का निर्णय लिया है। स्थापना दिवस पर निजी व सार्वजनिक कंपनिया अपने अधीनस्थ अधिकारी-कर्मचारियों को उत्साहित करने के लिए ऐसा करती रही हैं। परंतु इस बार कोल इंडिया प्रबंधन का यह निर्णय विवादों में आ गया है। विवाद का कारण है कोल इंडिया के विकास में बराबर योगदान देने वाले कर्मचारियों को उपहार न देकर केवल अधिकारियों को ही उपहार देना ।इस आशय का पत्र कोयला मजदूर सभा (एचएमएस) के केंद्रीय अध्यक्ष एस ई सी एल रेशम लाल यादव ने निदेशक तकनीकी को लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने पिछले स्थापना दिवस में केवल अधिकारियों को ही पी आर पी, लैपटॉप, कंबल, चश्मे का एंबर्समेंट देने और ग्रेच्युटी देने में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच भेदभाव का जिक्र करते हुए कर्मचारियों को भी यथा उचित सम्मान एवं उपहार रूपी मोबाइल देने की मांग की है। पत्र में लिखा गया है कि कोल इंडिया लिमिटेड बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 30 अक्टूबर को हुई बैठक में अधिकारियों को बतौर उपहार 30 हजार रूपये से 60 हजार रूपये तक का मोबाईल देने की घोषणा हुई है। स्थापना दिवस के अवसर पर केवल अधिकारियों को उपहार देने की घोषणा यह दर्शाता है कि कामगारों का कोल इंडिया के प्रगति में कोई योगदान नहीं है, इसलिए कामगारों के लिए कोई उपहार नहीं। पिछले वर्ष भी स्थापना दिवस के दिन अधिकारियों को उप हार में कंबल दिया गया था।अधिकारियों को पी.आर.पी. और लैपटॉप पहले से भी दिया जा रहा है, ऐसे ही चश्मा के रिम्बर्समेंट में भी अधिकारियों और कर्मचारियों में बहुत भेदभाव किया गया। अधिकारियों को चश्मा के लिए 20 हजार से 50 हजार रूपये तक का चश्मा, जबकि कर्मचारियों को सिर्फ 10 हजार का चश्मा का रिम्बर्समेंट देने का निर्णय लिया गया। इसी प्रकार कर्मचारियों के ग्रेज्युटी के भुगतान में भी बहुत भेदभाव किया गया। सेंट्रल गवर्नमेंट की स्कीम के अनुसार रिटायर केन्द्रीय कर्मचारियों को 20 लाख ग्रेज्युटी भुगतान 2016 से किया गया। कोल इंडिया के रिटायर अधिकारियों को 20 लाख रूपये ग्रेज्युटी भुगतान जनवरी 2017 से किया गया, जबकि उन्हें सिर्फ 10 लाख रूपये की ग्रेज्युटी भुगतान किया गया। कोल इंडिया प्रबंधन ने सेंट्रल गवर्नमेंट की ग्रेज्युटी स्कीम को तोड़-मरोड़ कर बांटा। एक ही कंपनी में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ग्रेज्युटी अलग-अलग भुगतान करना, यह कैसा नियम है। कोल इंडिया प्रबंधन के द्वारा कर्मचारियों के साथ हमेशा इस प्रकार के भेदभाव से मजदूरों में भारी आक्रोश है। दीपावली से पहले ठेका मजदूरों के बोनस भुगतान का एलाउंस होने के बाद भी अभी तक बोनस का भुगतान एसईसीएल में नहीं हो पाना, ठेका मजदूरों के साथ छलावा है। कोयला मजदूर सभा (एच.एम.एस.) कोल इंडिया के इस प्रकार के मजदूर विरोधी नीतियों का पूरजोर विरोध करता है। उन्होंने आग्रह है कि जिस प्रकार अधिकारियों को कोल इंडिया स्थापना दिवस के मौके पर 30 हजार से 60 हजार तक का मोबाईल देने का निर्णय लिया गया है, उसी प्रकार कर्मचारियों को भी मोबाईल देने की घोषणा की जाए, चूंकि कोल इंडिया को इस ऊँचाई तक ले जाने में कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान है।

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