अब हाइड्रोजन से बिजली बनाएगा चीन, करके दिखाया ये कमाल – भारत संपर्क


हाइड्रोजन से बिजली बना रहा चीन
अभी दुनिया के ज्यादातर इलाकों में पानी, कोयला और न्यूक्लियर रिएक्टर से बिजली पैदा होती है. साफ ऊर्जा की जरूरत और बिजली की बढ़ती डिमांड के लिए सोलर औ विंड एनर्जी पर दुनिया का फोकस बढ़ा है, लेकिन चीन एक और कदम आगे चला गया है. चीन अब हाइड्रोजन से बिजली बना सकता है. उसने दुनिया का पहला हाइड्रोजन इलेक्ट्रिकल जेनरेटर तैयार कर लिया है.
चीन ने दुनिया के पहले हाइड्रोजन गैस टर्बाइन का सक्सेसफुली परीक्षण किया है. ये 30-मेगावाट बिजली पैदा करने की क्षमता रखने वाला जेनरेटर है. चीन ने इसका नाम ‘जुपिटर-1’ रखा है. जानते हैं इसके बारे में…
दुनिया का सबसे बड़ा जेनरेटर सेट
चीन के इस हाइड्रोजन जेनरेटर को दुनिया का सबसे बड़ा ऐसा जनरेटर सेट बताया जा रहा है. इस जेनरेटर को मिंगयांग स्मार्ट एनर्जी की सब्सिडियरी मिंगयांग हाइड्रोजन ने अन्य कई कंपनियों के साथ मिलकर डेवलप किया है.
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जुपिटर-1 एक खास कंब्शन चैंबर डिजाइन का उपयोग करता है. यह डिजाइन हाइड्रोजन को जलाने में पेश आने वाली कई दिक्कतों जैसे कि प्रेशर और फ्लो में उतार-चढ़ाव को कम करता है. ये एमिशन को भी कम करता है. ईटी की एक खबर के मुताबिक इस तरह के हाइड्रोजन जेनरेटर को बड़े पैमाने पर इंस्टॉल करके उन्हें ग्रिड से जोड़ा जा सकता है. ये ग्रिड को स्टेबल करने में काम आ सकता है.
विंड और सोलर जैसे रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स के अलावा ये एक नया एनर्जी सोर्स बन सकता है. इसमें पैदा होने वाली अतिरिक्त ऊर्जा का उपयोग इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से अधिक हाइड्रोजन ईंधन बनाने में हो सकता है, जो कारों को क्लीन फ्यूल से चलाने में मदद कर सकती है.
हिंडनबर्ग जहाज से ज्यादा हाइड्रोजन का इस्तेमाल
लगभग 90 साल पहले दुनिया ने हाइड्रोजन से उड़ने वाले हिंडनबर्ग जहाज को देखा था. हालांकि तब वह दुर्घटना का शिकार हो गया था. उसमें तब करीब 18 टन हाइड्रोजन का इस्तेमाल हुआ था. लेकिन चीन का ये जेनरेटर अपने 10 कंब्शन चैंबर में एक बार में 443.45 टन हाइड्रोजन गैस का इस्तेमाल कर सकता है. जुपिटर-1 जनरेटर एक घंटे में लगभग 25 गुना हाइड्रोजन का इस्तेमाल करता है, जो एक हिंडनबर्ग जैसे जहाज को आज भरने के लिए काफी है.
चीन आज की तारीख में रिन्यूएबल एनर्जी के मामले में वर्ल्ड लीडर है. चीन के पास 2023 में 310 गीगावाट से अधिक सोलर और 400 गीगावाट के करीब विंड एनर्जी थी. चीन ने 2022 में क्लीन एनर्जी में करीब 546 बिलियन डॉलर का निवेश किया है, जो इस सेक्टर में पूरी दुनिया में हुए कुल निवेश का लगभग आधा था. हालांकि चीन में अभी भी उसकी जरूरत की करीब 60-65% बिजली के लिए कोयला इत्यादि से पैदा होती है.