अब तिफरा क्षेत्र के कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के खिलाफ…- भारत संपर्क

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अब तिफरा क्षेत्र के कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के खिलाफ…- भारत संपर्क

बिलासपुर में विधानसभा, फिर लोकसभा और निगम का चुनाव भी कांग्रेस हार गई लेकिन कांग्रेस नेताओं के बीच आपसी घमासान थम नहीं रहा। चुनाव दर चुनाव में हार की वास्तविक समीक्षा करने की बजाय नेता अपने ही लोगों पर दोषारोपण कर रहे हैं। अब तिफरा क्षेत्र के कांग्रेस नेता राजेन्द्र शुक्ला पर पार्टी की अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ काम करने का आरोप है। इसे लेकर ब्लॉक अध्यक्ष और बोदरी नगर पालिका के प्रत्याशियों ने कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष से शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग की है।

इससे पहले शहर और ग्रामीण अध्यक्ष द्वारा अटल गुट के कुछ नेताओं के खिलाफ इस तरह की कार्यवाही की गई थी, जिसे लेकर हंगामा मच गया था। इस मामले में जहां विधायक अटल श्रीवास्तव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई थी तो वही अभय नारायण राय, सीमा पांडे और त्रिलोक श्रीवास जैसे कई नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था। इस मुद्दे पर कांग्रेस कमेटी ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित की और तीन सदस्य वाली जांच कमेटी भी बनाईं लेकिन उसकी रिपोर्ट आज तक सामने नहीं आई।

इधर 2018 के विधानसभा चुनाव में बिल्हा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे राजेंद्र शुक्ला पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप लग रहे हैं। तिफरा ब्लॉक अध्यक्ष लक्ष्मी नाथ साहू ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज को शिकायत पत्र भेजते हुए आरोप लगाया कि वार्ड क्रमांक 5 की कांग्रेस प्रत्याशी गायत्री साहू को हराने के लिए राजेन्द्र शुक्ला ने अपने करीबी समर्थकों पूर्व पार्षद शिवकुमार यादव और मणि शंकर शर्मा के जरिए पूरा जोर लगा दिया। इसके अलावा अन्य वार्डों से भी उनके खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की शिकायत की गई है ।
वही बोदरी नगर पालिका अध्यक्ष प्रत्याशी विमल सुनील साहू ने पीसीसी को पत्र लिखकर राजेन्द्र शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाए हैं ।उन्होंने कहा कि राजेन्द्र शुक्ला कांग्रेस के पूर्व पार्षद विजय वर्मा की पत्नी नीलम वर्मा को अध्यक्ष पद का टिकट दिलाना चाहते थे ।क्योंकि विजय वर्मा के साथ उनकी निकटता है। विमला साहू का यह भी आरोप है कि जब पार्टी ने उन्हें अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया तो राजेन्द्र शुक्ला ने उन्हें हराने की साजिश रची। इसके लिए उन्होंने अपने समर्थकों पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण दुबे, पूर्व अध्यक्ष प्रतिनिधि दिवाकर दुबे, पूर्व उपाध्यक्ष अभिषेक दुबे और पूर्व एल्डरमैन प्रहलाद दीक्षित के साथ मिलकर रणनीति बनायी।
इसके अलावा राजेन्द्र शुक्ला ने विजय वर्मा को आम आदमी पार्टी में शामिल करवा कर उनकी पत्नी को अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनवाया। राजेंद्र शुक्ल ने अपने संपर्क का बेजा फायदा कांग्रेस के खिलाफ किया ।

इधर वार्ड 12 के कांग्रेस प्रत्याशी नागेश ध्रुव ने अपनी शिकायत में कहा कि ब्लॉक कांग्रेस उपाध्यक्ष सोमनाथ पांडे , पूर्व पार्षद सूरज मरकाम, अंकित मिश्रा, लक्ष्मण ध्रुव, हेमंत पाठक और विक्की बंसोड़ ने भाजपा प्रत्याशी विजय मरावी के समर्थन में प्रचार किया। शिकायत में यह भी कहा गया है कि सोमनाथ पांडे अंकित मिश्रा और हेमंत पाठक ने तो भाजपा तक ज्वाइन कर ली लेकिन यह सभी राजेंद्र शुक्ल के समर्थक है। राजेन्द्र शुक्ला ने उन्हें रोकने का भी कोई प्रयास नहीं किया उल्टा भीतर घातीयो को संरक्षण दिया गया। नागेश ध्रुव ने आरोप लगाया कि राजेन्द्र शुक्ला ना तो उनके पक्ष में प्रचार करने आए ना ही समर्थन दिया बल्कि जो लोग भाजपा में शामिल हो गए उन्हें जिला पंचायत क्षेत्र में अपनी पत्नी अनीता शुक्ला के प्रचार में लगा दिया। इसे पार्टी के लिए अनुशासनहीनता और भीतर घात बताते हुए राजेन्द्र शुक्ला के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। इससे कांग्रेस अपने ही घर में घिरती दिख रही है। चुनाव दर चुनाव करारी हार के बाद अब पार्टी के ही बड़े नेताओं पर अगर कार्यवाही की जाती है तो पार्टी और भी कमजोर होगी। इधर पूर्व मुख्यमंत्री खुद संकट में है। फिलहाल कांग्रेस सभी मोर्चो पर धराशाई नजर आ रही है।


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