अब शेयर बाजार पर नहीं पड़ेगा अफवाहों का असर, Top 100…- भारत संपर्क
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मार्केट कैप के हिसाब से टॉप-100 लिस्टेड कंपनियों को एक जून से अपने संबंध में मेन स्ट्रीम मीडिया में आने वाली किसी भी बाजार से जुड़ी अफवाह की पुष्टि या खंडन करना होगा. बता दें कि यह नियम एक दिसंबर से टॉप 250 कंपनियों के लिए लागू होगा. अभी टॉप-100 लिस्टेड कंपनियों के लिए अप्लाई होता है.
ये है नियम
सेबी के नियमों के तहत, इन कंपनियों को मुख्यधारा के मीडिया में बताई गई किसी भी असामान्य घटना या सूचना की पुष्टि, खंडन या स्पष्टीकरण 24 घंटे के भीतर करना होगा. एमएमजेसी एंड एसोसिएट्स के संस्थापक मकरंद एम जोशी ने कहा कि इस कदम से ऐसी सूचना लीक होने से रोकी जा सकेगी, जो किसी खास कॉरपोरेट कार्यवाही में वैल्यूएशन को प्रभावित करेगी.
उन्होंने कहा कि सेबी की यह पहल अफवाह वेरिफिकेशन ढांचे को मजबूत करने और एक निष्पक्ष बाजार हासिल करने में मदद करेगी. इससे भारत दुनिया भर के निवेशकों के लिए एक पसंदीदा बाजार बन जाएगा. चुनाव परिणाम को लेकर भी अलग-अलग एक्सपर्ट अपनी राय रख रहे हैं.
क्या कहती है रिपोर्ट?
चुनाव परिणाम के दिन तो शेयर बाजार रिएक्ट करेगा ही, लेकिन उससे पहले 3 जून यानी सोमवार को शेयर बाजार पर इन एग्जिट पोल का कुछ असर देखने को मिलेगा? यही वजह है कि सभी की नजरें 3 जून को शेयर बाजार पर रहेंगी. एग्जिट पोल आने के बाद पहली बार शेयर बाजार उसी दिन ओपन होगा. अगर ऊपर दिए चार चुनाव के एग्जिट पोल और उसके बाद शेयर बाजार पर पड़े असर को मानें तो 3 जून को शेयर बाजार तेजी और नुकसान दोनों तरफ जा सकता है. अगर एग्जिट पोल में आंकड़ें हंग पार्लियामेंट के दिखाई देते हैं तो शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है.
वहीं अगर किसी एक गठबंधन यानी एनडीए या इंडिया में किसी एक को फुल मैज्योरिटी मिलती है तो शेयर बाजार पॉजिटिव रिएक्ट कर सकता है. वहीं शेयर बाजार की नजरें पोल्स में बीजेपी के परफॉर्मेंस पर भी टिकी होंगी. अगर बीजेपी को पोल्स में बहुमत के आंकड़ें को ही नहीं करती बल्कि अपने पिछले परफॉर्मेंस को भी पार करती हुई दिखाई देती है तो तो शेयर बाजार में तेजी बन सकती है. अगर बीजेपी पोल्स में बहुमत के आंकड़ें से नीचे रहती है तो शेयर बाजार डगमगा सकता है.