अब UPI Lite में बार बार पैसे डालने की टेंशन खत्म, RBI ने…- भारत संपर्क
यूपीआई लाइट
अगर आप भी ऑनलाइन पेमेंट के लिए UPI लाइट का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. जी हां अगर आप UPI लाइट में बार-बार पैसे डालते-डालते थक गए हैं तो RBI ने आपकी इस समस्या का हल निकाल लिया है. दरअसल, अब अगर आपके UPI Lite में पैसे कम होंगे तो वो खुद ही एड हो जाएंगे. हालांकि, इसके लिए पैसे एड करने से पहले आपसे परमिशन ली जाएगी कि आप ऐसा करना चाहते हैं या नहीं. अगर आप ऑटो एड की परमिशन देते हैं तो आपके डेबिट कार्ड से 500 से कम अमाउंट होने पर खुद ही बैलेंस एड हो जायेगा.
यूपीआई लाइट यूजर्स को आरबीआई ने एक बड़ी राहत दी है. अब यूजर्स को अपने वॉलेट में बार-बार पैसा डालने के झंझट से छुटकारा मिल जाएगा. RBI की MPC मीटिंग के बाद रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकात दास ने ऐलान किया कि यूपीआई लाइट वॉलेट में अब खुद ही पैसे एड हो जाएंगे.
मीटिंग में हुआ फैसला
शक्तिकांत दास ने कहा, यूपीआई लाइट के बडे पैमाने पर उपयोग को देखते हुए अब इसे ई-मेंडेट फ्रेमवर्क के तहत लाने का प्रस्ताव रखा गया है और कस्टमर को यूपीआई लाइट वॉलेट बैलेंस के उनके द्वारा थ्रैसहोल्ड लिमिट के नीचे जाने पर वॉलेट ऑटोमैटेकली दोबारा रिचार्ज हो जाने हेतू एक नई सर्विस लाई गई है. इसका मतलब है कि यूजर को बार-बार पैसे वॉलेट में नहीं डालने होंगे. जैसे ही वॉलेट का बैलेंस न्यूनतम सीमा से नीचे जाएगा तो वॉलेट में अपने आप पैसे जमा हो जाएंगे. यह सर्विस अपने आप शुरू नहीं होगी,बल्कि इसे यूजर को शुरू करना होगा.
क्या है UPI लाइट?
UPI लाइट को सितंबर 2022 में यूपीआई से लेनदेन प्रॉसेस को आसान बनाने के लिए लॉन्च किया गया था. पिछले कुछ सालों में यूपीआई से ट्रांजेक्शन बढ़ा है. छोटे से लेकर बड़े वेंडर्स की तरफ से भी यूपीआई यूज किया जाता है. देश भर में कुल यूपीआई ट्रांजैक्शंस में लगभग आधा हिस्सा 200 रुपये और उससे कम वैल्यू के होते हैं. इस कारण ट्रैफिक बढ़ने से कई बार भुगतान अटक जाते हैं. इसके अलावा यूपीआई में पिन जोड़ने और अन्य प्रॉसेस को फॉलो करने में भी समय लगता है. इसलिए छोटी रकम के भुगतान और बैंकों में ट्रैफिक कम करने के लिए यूपीआई लाइट पेश किया गया था.
UPI से कितना अलग है यूपीआई लाइट?
यूपीआई लाइट यूजर्स को ऑन-डिवाइस वॉलेट का उपयोग करके लेन-देन करने की अनुमति देता है, न कि लिंक किए गए बैंक अकाउंट से. इसका मतलब है कि आप बैंक के माध्यम से नहीं जाकर सिर्फ वॉलेट का उपयोग करके जल्द से जल्द कर सकते हैं. इसमें एनपीसीआई कॉमन लाइब्रेरी (CL) ऐप का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें 500 रुपये से कम का पेमेंट किया जा सकता है. एक बार में केवल 500 रुपये तक का भुगतान ही किया जा सकता है.
डिजिटल पेमेंट में यूजर्स के विश्वास को बढ़ाएगी
फायकॉमर्स के CEO जोसे थैटिल का मानना है किडिजिटल पेमेंट इको सिस्टम में रियल टाइम डाटा शेयर करने के साथ नेटवर्क-लेवल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म स्थापित करने की आरबीआई की पहल निश्चित रूप से धोखाधड़ी वाले डिजिटल पेमेंट ट्रांजेक्शन को कम करने में मदद करेगी. एपी होटा के नेतृत्व में, उनके सालों के अनुभव के साथ, यह पहल सुरक्षा को बढ़ाएगी और डिजिटल पेमेंट में यूजर्स के विश्वास को और बढ़ाएगी.
इसके अलावा यूपीआई लाइट छोटे पेमेंट के लिए लोगों के लिए एक पॉपुलर टूल, अब ई-मैंडेट ढांचे के अंतर्गत आएगा, जिसके माध्यम से ग्राहकों को अपने वॉलेट खाली होने के बाद मैन्युअल रूप से धनराशि जोड़ने की आवश्यकता नहीं होगी. आपके यूपीआई लाइट वॉलेट को आटोमैटिकली भरने का विकल्प लोगों के लिए काफी फायदेमंद होगा. इन उपायों से यूपीआई आधारित लेनदेन में कई गुना बढ़ोतरी होगी.