अधिकारियों ने मांगी रिश्वत…लड़की ने शुरू की UPSC की तैयारी, पहले IPS फिर बनी…


IPS से IAS बनीं गरिमा सिंह की कहानीImage Credit source: Instagram/garima223
कभी-कभी इंसान के जीवन की एक छोटी सी घटना भी उनके पूरे जीवन को बदलने के लिए काफी होती है. दुनिया में ऐसे कई लोग हैं, जिनके जीवन में घटनी एकमात्र घटना ने उन्हें फर्श से अर्श पर पहुंचा दिया. गरिमा सिंह भी उन्हीं लोगों में शुमार हैं. उनकी कहानी बताती है कि कैसे जीवन कभी भी अप्रत्याशित मोड़ ले सकता है और इंसान को कुछ भी बना सकता है. एक समय था जब गरिमा ने डॉक्टर बनने का सपना देखा था, लेकिन अपने कॉलेज के दिनों में घटी एक घटना ने उन्हें डॉक्टरी से कुछ अलग सोचने और एक अलग रास्ता चुनने के लिए प्रेरित किया, जिसने उन्हें सिविल सेवा तक पहुंचा दिया.
उत्तर प्रदेश के बलिया में जन्मीं और पली-बढ़ी गरिमा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के फेमस सेंट स्टीफंस कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की थी और यहीं से उन्होंने अपनी असली मंजिल की खोज शुरू की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक बार वह कहीं यात्रा कर रही थीं, इसी बीच उन्हें एक चेकपॉइंट पर रोका गया, जहां अधिकारियों ने उनसे रिश्वत की मांग की, लेकिन गरिमा ने इस रिश्वतखोरी के खिलाफ आवाज उठाई और पैसे देने से इनकार कर दिया. बस यहीं वो पल था जब गरिमा का नजरिया पूरी तरह से बदल गया. उन्हें अहसास हुआ कि अगर बदलाव लाना है तो उन्हें सिस्टम में अंदर से बदलाव लाना पड़ेगा.
IPS छोड़ बनीं IAS अधिकारी
उस घटना के बाद गरिमा ने भारतीय पुलिस सेवा में जाने का फैसला किया और यूपीएससी की तैयारी शुरू की. फिर साल 2012 में वह आखिरकार यूपीएससी क्रैक कर आईपीएस अधिकारी बन ही गईं. उन्हें उत्तर प्रदेश में पोस्टिंग मिली, जहां उन्होंने कुछ सालों तक काम किया. हालांकि बाद में उन्होंने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए आईएएस अधिकारी बनने का फैसला किया. इसलिए उन्होंने सेल्फ स्टडी की और फिर से यूपीएससी परीक्षा दी और साल 2016 में ऑल इंडिया 55वीं रैंक हासिल कर आईएएस अधिकारी बन गईं.
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झारखंड में मिली है पोस्टिंग
आईएएस गरिमा सिंह इस समय झारखंड में तैनात हैं. वह कई विभागों में कई तरह की जिम्मेदारियां संभाल चुकी हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, गरिमा ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान सोशल मीडिया को छोड़ दिया था और यहां तक कि अपने दोस्तों से भी दूरी बना ली थी. अपने अनुशासन और जुनून से उन्होंने वो कर दिखाया, जो बहुतों के लिए सपना होता है. उन्होंने अपने दृढ़ निश्चय से ये दिखा दिया कि अगर कोई चाह दे तो वह दुनिया को बदल सकता है.