महिला दिवस पर आचार्य ए.डी.एन. वाजपेयी ने विश्वविद्यालय में…- भारत संपर्क

अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के अंतर्गत आई. क्यू.ए.सी. एवं लैंगिक संवेदनशील एवं महिला कल्याण इकाई ने कुलपति के मार्गदर्शन में 8 मार्च 2024 को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग के सभागार में मनाया। इस अवसर पर कुलपति महोदय ने विश्वविद्यालय के सभी महिला अधिकारियों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं सफाई कर्मचारियों को फूल, साड़ी एवं श्रीफल से सम्मानित किया। कार्यक्रम की संयोजिका रेवा कुलश्रेष्ठ ने सभी को अवगत कराया कि कुलपति महोदय को जितना गर्व स्वतंत्रता एवं गणतंत्र दिवस पर ध्वाजारोहण करते समय होता होगा उतना ही गौरवान्वित वे अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाते समय होते हैं। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि चारू बख्शी ने यत्र नार्यस्तु पूजयंते रमन्ते तत्र देवताः श्लोक से सभा को संबोधित किया एवं हमारे शास्त्रों में नारी के स्थान को पूजनीय एवं उच्चतम बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही श्रीमती नेहा राठिया, (उप. कुलसचिव) अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय ने परिवार के आर्थिक सशक्तिकरण में महिलाओं के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि घरेलू महिलाएं भी परिवार के सभी सदस्यों की आवश्यकताओं का ध्यान रखती है एवं अभिनेत्री साक्षी तनवर की चलचित्र (घर की मुर्गी) का अनुसरण करते हुए महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर दिया। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ. शालिनी शुक्ला (ग्रंथपाल) ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विश्वविद्यालय के कुल के मुखिया द्वारा महिलाओं के सम्मान की इस परम्परा की सराहना की एवं केन्द्र एवं राज्य सरकार की महिलाओं से जुड़ी उनके सर्वांगीण विकास के लिए नियोजित योजनाओं से जागरूक करने एवं सभी महिलाओं को उनमें सम्मिलित करने की बात कही। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ. पूजा पाण्डे ने महाशिवरात्रि पर्व एवं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकानायें प्रेषित किया। उन्होंने इस बात से अवगत कराया कि जैसे किसी भी पुरूष की सफलता में किसी स्त्री का योगदान होता है उसी प्रकार से एक स्त्री की सफलता में पूरे परिवार का योगदान होता है। कार्यक्रम की अतिविशिष्ट अतिथि श्रीमती सुमोना भट्टाचार्य ने कार्यालय में सभी प्रकार के जेंडर विभेदीकरण को समाप्त करने एवं किलकारी में पुरूष अभिभावाकों को भी अपने शिशुओं को कार्यालय स्थल पर लाने के लिए प्रेरित किया। अतं में कार्यक्रम के संयोजक डॉ. हामिद अबदुल्ला ने विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. शैलेन्द्र दुबे को धन्यावाद कर उन्हें उनके प्रशासनिक एवं वित्तीय सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। डॉ. हामिद अबदुल्ला ने सभी अतिथि व्याख्याताओं, महिला कर्मचारियों को एवं सफाई कर्मचारियों को भी धन्यवाद ज्ञापन किया।

कानून के साथ-साथ समाजिक समानताओं से होगा महिला सशक्तिकरण : प्रो. वाजपेयी
विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के अंतर्गत आई.क्यू. ए.सी. एवं लैंगिक संवेदनशील एवं महिला कल्याण इकाई ने माननीय कुलपति महोदय के मार्गदर्शन में 8 मार्च 2024 को विश्वविद्यालय के सभागार में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। इस अवसर पर माननीय कुलपति महोदय ने विश्वविद्यालय के सभी महिला अधिकारियों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं सफाई कर्मचारियों को पुष्प, साड़ी एवं श्रीफल से सम्मानित किया। कार्यक्रम का प्रसंग “विकसित भारत के लिए महिलाएं” नियोजित किया गया। अध्यक्षीय उद्बोधन में माननीय कुलपति महोदय आचार्य ए.डी.एन. बाजपेयी ने बताया की कानून के साथ-साथ समाज को महिलाओं के विकास के लिए आगे आने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि घरेलू हिंसा एवं दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों का अंत तभी संभव है जब समाज एवं कानून साथ-साथ काम करेंगे। कार्यक्रम में बिलासपुर शहर के विख्यात उद्योगपति श्रीमति चारू बख्शी, बॉबी बख्शी एवं आध्यात्मिक गुरू डॉ. अजित तिवारी, ग्रंथपाल, प्रो. एच. एस. होता क्रीड़ा अधिकारी, श्री यशवंत कुमार पटेल, श्री विक्रम बेन इत्यादि सम्मिलित रहे।
माता कैकई भी थी सशक्त महिला की सूचकः- प्रो. ए.डी.एन वाजपेयी
विश्वविद्यालय शिक्षण विभाग, अटल बिहारी विश्वविद्यालय के अंतर्गत आई. क्यू.ए.सी एवं लैंगिक संवेदनशिल एवं महिला कल्याण इकाई ने माननीय कुलपति महोदय के मार्गदर्शन में 8 मार्च 2024 को विश्वविद्यालय के सभागार में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया। इस अवसर पर माननीय कुलपति महोदय ने विश्वविद्यालय के सभी महिला अधिकारियों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं सफाई कर्मचारियों को फूल, साड़ी एवं श्रीफल से सम्मानित किया। कार्यक्रम का प्रसंग “विकसित भारत के लिए महिलाएं” नियोजित किया गया। अध्यक्षीय उद्बोधन में माननीय कुलपति महोदय ने आचार्य ए.डी.एन. बाजपेयी ने माता कैकई की विरागंना का वर्णन किया। उन्होंने देवदानव युद्ध में देवताओं के सहायतार्थ हेतु रानी कैकई को अपने साथ ले गये थे। युद्ध में दशरथ के रथ का धुरा टूट गया उस समय कैकई ने धुरे में अपना हाथ लगाकर रथ को टूटने से बचाया और राजा दशरथ युद्ध करते रहे। युद्ध में विजयी राजा दशरथ ने माता कैकई की रक्त से भरी उंगली को देखकर उन्हें दो वर मांगने के लिए कहा। यह प्रसंग बताकर प्रो. वाजपेयी ने आज की नारी को भी सक्षम एवं साहसी बनने के लिए प्ररित किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय परिवार के सभी उच्च अधिकारी, ग्रथंपाल, प्रो. एच. एस. होता क्रीड़ा अधिकारी, श्री यशवंत कुमार पटेल, श्री विक्रम बेन इत्यादि सम्मिलित रहे।