एक बार फिर इंसानियत हुई तार- तार, मूक बधिर, विक्षिप्त युवती…- भारत संपर्क
आकाश मिश्रा
मानवता को झकझोर कर रख देने और इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना जरहागांव थाना क्षेत्र से सामने आई है, जहां अबोध, मूक बधिर, अर्ध विक्षिप्त 22 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वालों ने बाकायदा उसका वीडियो भी बना लिया।
क्या है पूरा मामला
गांव में रहने वाली 22 वर्षीय युवती शरीर से तो जवान हो चुकी है लेकिन ना तो वह बोल सुन सकती है और ना ही सामान्य लोगों की तरह उसके मस्तिष्क का विकास हुआ है। अर्ध विक्षिप्त युवती हर दिन अपने परिजनों के साथ दो बार नहाने तालाब जाती थी। घटना वाले दिन 19 दिसंबर को भी वह अकेले ही शाम करीब 4:00 नहाने के लिए घर से निकली थी। हर दिन वह 15- 20 मिनट में घर लौट आती थी लेकिन उस दिन घंटे भर बाद भी वह नहीं लौटी तो उसकी मां घबरा कर युवती को ढूंढने निकल पड़ी, जिसे गांव के ही एक व्यक्ति ने बताया कि उसकी बेटी को कुछ लोग अपने साथ खेत की ओर ले गए हैं। इसके बाद युवती की बदहवास मां अपनी बेटी को ढूंढने निकल पड़ी।
दरअसल युवती के गांव से करीब 10 किलोमीटर दूर गांव पड़ियाईन में रहने वाले तीन बदमाश किस्म के युवक मोटरसाइकिल में घूमने के लिए निकले थे, जिनकी निगाह इस युवती पर पड़ी । उन्हें यह भांपने में एक पल नहीं लगा कि युवती सामान्य नहीं है, इसलिए उसकी मंदबुद्धि होने का फायदा उठाने इन लोगों के मन में पाप जाग गया। जिसके बाद ये उसे अपने साथ बहका कर गांव के बाहर करीब 1 किलोमीटर दूर सड़क से कुछ ही दूरी पर खेत की मेड के पास ले गए। जहां तीनों बदमाशों ने बारी- बारी से उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इस दौरान इन बदमाशों ने बाकायदा युवती का अलग-अलग एंगल से वीडियो भी बना लिया। इन लोगों ने करीब 13 वीडियो बनाए थे।
इसी दौरान सड़क से गुजरने वाले कुछ लोगों को खेत में हलचल नजर आई । मामला संदिग्ध लगने पर लोग करीब पहुंचे तो वहां उन्हें मुख्य आरोपी राजू टंडन और उसके साथी बिरिज पात्रे और जलेश रात्रे नजर आए। राजू टंडन पेशे से मोटर मैकेनिक है, जबकि बिरिज और जलेश बड़े शहरों में जाकर रोजी मजदूरी करते हैं । यह तीनों एक ही मोटरसाइकिल पर सवार होकर गांव आए थे। लोगों ने जब पूछताछ की तो ये तीनो उनसे ही उलझ गए। इसके बाद किसी ने मामले की सूचना जरहागांव थाने को दे दी।
इसके बाद तुरंत जरहागांव थाना प्रभारी सुशील बंछोर, रामकुमारी यादव, महेश राज, उमेश सोनवानी आदि के साथ मौके पर पहुंचे और और आरोपियों को धर दबोचा। उनके पास से मोबाइल जप्त किए गए, जिसकी जांच में युवती के साथ किए गए दुष्कर्म का अश्लील वीडियो बरामद हुआ।
पुलिस आरोपियों को पड़कर थाने ले आई। वहीं पूरे मामले की सूचना एसपी भोजराम पटेल को दी गई, जिन्होंने संवेदनशील मामले में पूरी गंभीरता बरतते हुए तत्काल मेडिकल टीम को थाना भेजा, जिनके द्वारा मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि होने पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया गया।
पुलिस कर्मियों की भी नम हुई आंखें
पूरे घटना का सबसे दुखद पहलू यह है कि जिस दलित, मूक बधिर, मानसिक रुग्ण युवती के साथ इन नराधमो ने सामूहिक दुष्कर्म किया है, उसे तो इसका अहसास तक नहीं है। उसे पता ही नहीं है कि उसके साथ क्या अनहोनी हुई है। इन बदमाशों ने उसे प्रलोभन देने कुछ खाने की चीजें दी थी। इस हृदयविदारक घटना के बाद भी पीड़िता इन सबसे बेखबर होकर वह खाई खाती नजर आई। तो वही थाने में भी वह घटना से बिल्कुल अनजान व्यवहार करती नजर आई, जिससे पुलिस की चुनौती बढ़ गई है ।
पुलिस ने की विशेष टीम गठित
एसपी भोजराम पटेल इस मामले में खास दिलचस्पी ले रहे हैं, जिन्होंने थाना प्रभारी सुशील बंछोर को पुख्ता जांच रिपोर्ट तैयार कर 10 दिनों के भीतर चालान पेश करने का निर्देश दिया है। इसके लिए उन्हें हर तरह की तकनीकी और बल की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। विवेचना के लिए थाना प्रभारी सुशील बंछोर के अलावा प्रधान आरक्षक वासुदेव पटेल , दुर्गा प्रसाद साहू, लोकेश सिंह राजपूत और नरेश यादव की टीम बनाई है , जिन्हें निर्देश दिया गया है कि वे पूरे मामले की विवेचना तकनीकी दृष्टि से इतनी मजबूती से करें कि आरोपियों को मामले में अधिकतम सजा हो । 10 दिनों में चालान पेश कर 1 से 2 महीने के भीतर ही फास्ट्रेक कोर्ट में मामले की सुनवाई के बाद आरोपियों को सख्त सजा मिलने की उम्मीद पुलिस जता रही है।
इस पूरी घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है ।बलात्कारियों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी। जिस मानसिक रुग्ण युवती को देखकर सबके मनों में दया का भाव उत्पन्न होता है, उसके साथ इन लोगों ने वह घृणित कर्म किया जिसके लिए इन्हें कभी माफ नहीं किया जा सकता । आसपास के लोगों में भी इस घटना के बाद आरोपियों को लेकर बेहद आक्रोश है, साथ ही लोगों ने पुलिस की त्वरित कार्यवाही और संवेदनशीलता की भी जमकर तारीफ की है । इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग एसपी, डीजी और आईजी स्वयं कर रहे हैं , जिससे उम्मीद की जा सकती है कि आरोपी अपनी करनी की सजा पाने से नहीं बच पाएंगे।
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