Online Gaming: अब शौक नहीं लोगों के लिए करियर भी बन रहा…- भारत संपर्क


देश में गेमिंग को लेकर अब लोगों की सोच बदल रही है. अब ये महज शौक नहीं बल्कि कई लोगों के लिए किसी भी अन्य नौकरी की तरह कमाई का जरिया बन गया है. इस मामले में पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी किसी भी किसी से कम नहीं हैं. इससे सरकार को भी काफी फायदा हो रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि एचपी गेमिंग लैंडस्केप स्टडी सर्वेक्षण से पता चला कि 63% गेमर्स गेमिंग करियर के लिए अधिक इच्छुक हैं और 10 में से 6 गेमर्स सालाना 6 लाख रुपये से अधिक कमा रहे हैं. आइए आपको बताते हैं रिपोर्ट में क्या खुलासा हुआ है.
बता दें, अक्टूबर-दिसंबर 2023 तिमाही में ऑनलाइन गेमिंग से जीएसटी 3,470 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो पिछली तिमाही में कलेक्ट हुए 605 करोड़ रुपए से पांच गुना अधिक है.
47 फीसदी पेरेंट्स को लगता है गेमिंग अच्छी कमाई का जरिया
एचपी गेमिंग लैंडस्केप स्टडी 2023 के सर्वे में 15 शहरों के 3000 गेमर्स को शामिल किया गया, जो गेमिंग इंडस्ट्री के भीतर आकांक्षाओं, अवसरों और महत्वाकांक्षाओं को उजागर करता है. सर्वेक्षण में गेमिंग को लेकर माता-पिता की राय भी सामने आई है. कई अभिभावकों का मानना है कि गेमिंग कमाई का अच्छा जरिया हो सकता है. दूसरी ओर बहुत से लोग अब ईस्पोर्ट्स को करियर विकल्प के तौर पर देख रहे हैं. उत्तर भारत के 52% गेमर्स ने बताया कि वो ईस्पोर्ट्स प्रतियोगिता में हिस्सा लेना चाहते हैं. ये इस बात का सबूत है कि समाज गेमिंग को अब सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि करियर बनाने का एक अच्छा रास्ता भी मानने लगा है. सर्वे में शामिल 47% माता-पिता मानते हैं कि गेमिंग अच्छी कमाई का जरिया हो सकता है.
ऐसे होती है कमाई
गेमिंग कंपनियां गेम जीतने पर प्राइज मनी के रूप में मोटा पैसा दे रही हैं. भारत में ऑनलाइन वीडियो गेम्स खेलना एक प्रोफेशन बन गया है. जिसमें लोग नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर भागीदारी करते हैं और 5 लाख से 20 लाख तक प्रति टूर्नामेंट कमाते हैं. दरअसल ऑनलाइन गेमिंग की लाइव स्ट्रीमिंग भी की जाती है जिससे बहुत सारे लोग खेल देख रहे होते हैं, ऐसे में कई विज्ञापन भी लगाये जाते हैं जिससे कुछ ही घंटों में मोटा पैसा कमाया जा सकता है.
सालाना इतनी होती है कमाई
गेमिंग का आकर्षण प्रतियोगिता के रोमांच से कहीं ज्यादा है, इसमें कंटेंट क्रिएट करने से लेकर गेम डवलपमेंट तक के अन्य अवसर शामिल हैं. उल्लेखनीय रूप से, 58% उत्तर भारतीय गेमर्स वित्तीय लाभ कमा रहे हैं, जिनकी गेमिंग से औसत वार्षिक आय 6 लाख से अधिक है. यह एक करियर के रूप में गेमिंग की आर्थिक जरूरतों को पूरा करने की ताकत को रेखांकित करता है. साथ ही यह पारंपरिक मानदंडों को तोड़ता है और अभूतपूर्व संभावनाओं के क्षेत्र के लिए दरवाजे खोलता है. हालांकि, अन्य क्षेत्र की तरह गेमिंग में पेशेवर रूप से उत्कृष्ट बनने की राह चुनौतियों से परे नहीं है.स्किल डेवलपमेंट की बढ़ती मांग को देखते हुए, 61% उत्तर भारतीय गेमर्स निरंतर सीखने और विकास के रास्ते तलाश कर रहे हैं.
करियर बन गया है गेमिंग
जैसे-जैसे गेमिंग लैंडस्केप विकसित हो रहा है, उत्तर भारत गेमिंग के क्षेत्र में एक नए युग की दहलीज पर खड़ा है, जहां सपने साकार होते हैं और जुनून आकर्षक करियर विकल्प के रूप में बदल रहा है. इस उभरती हुई डिजिटल दुनिया में, गेम खेलने वाला कोई शख्स प्रोफेशनल गेमर बन सकता है – यह सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि हकीकत बन गया है.
देश के 7 टॉप गेमर्स?
1. नमन माथुर
- सब्सक्राइबर्स-70 लाख
- चैनल क्रिएट-सितंबर 2013
- वीडियो-2058
- व्यूज-132 Cr
2. अनिमेश अग्रवाल
- सब्सक्राइबर्स-105 लाख
- चैनल क्रिएट-जुलाई, 2018
- वीडियो-727
- व्यूज-13.03Cr
3. मिथिलेश पाटणकर
- सब्सक्राइबर्स-146 लाख
- चैनल क्रिएट-जुलाई, 2018
- वीडियो-391
- व्यूज-337Cr
4. पायल धारे
- सब्सक्राइबर्स-369 लाख
- चैनल क्रिएट-जुलाई, 2018
- वीडियो-811
- व्यूज-36.45Cr
5. गणेश गंगाधर
- सब्सक्राइबर्स-146 लाख
- चैनल क्रिएट-जुलाई, 2018
- वीडियो-391
- व्यूज-2.43Cr
6. अंशु बिष्ट
- सब्सक्राइबर्स-158 लाख
- चैनल क्रिएट-जनवरी, 2017
- वीडियो-602
- व्यूज-31.32Cr
7. तीर्थ मेहता
- 2018 एशियन गेम्स में मिला ब्रोंज मैडल
- ऑनलाइन डिजिटल कार्ड गेम हर्थस्टोन में मैडल मिला