‘ऑनलाइन पेमेंट दो, महाकाल के होंगे दर्शन’… कर्मचारी कर रहे थे भक्तों से व… – भारत संपर्क

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‘ऑनलाइन पेमेंट दो, महाकाल के होंगे दर्शन’… कर्मचारी कर रहे थे भक्तों से व… – भारत संपर्क

मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक, मंदिर के कर्मचारियों ने दर्शन कराने के नाम पर अपने खातों में लाखों की राशि ट्रांसफर कराई है. कर्मचारियों ने अपने परिवार व अन्य लोगों के खातों में ट्रांजैक्शन कराया है. इसकी जानकारी मंदिर प्रबंध समिति के पदाधिकारियों को मिली तो आरोपियों के खिलाफ पुलिस से शिकायत की गई. वहीं पुलिस ने इस मामले से जुड़े मंदिर के दो कर्मचारियों को हिरासत में लिया है. आरोपियों के बैंक खातों की जांच की जा रही है.
पिछले काफी समय से उज्जैन कलेक्टर व श्री महाकालेश्वर मंदिर के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह को यह सूचना मिल रही थी कि मंदिर में दर्शन के नाम पर श्रद्धालुओं से अतिरिक्त राशि ली जा रही है. इस राशि को लिए जाने के बाद यह लोग श्रद्धालुओं को कभी नंदी हॉल तो कभी चांदी द्वार और कभी पहले बैरिकेड से दर्शन करवा रहे हैं. कल कलेक्टर ने खुद नंदी हॉल से पुरोहित प्रतिनिधि और उनके सहायकों को श्रद्धालु से 1100 रुपए लेकर दर्शन करवाते हुए पकड़ा था. इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई थी. इस मामले में आज भी जांच की गई तो पता चला कि महाकालेश्वर मंदिर के दो कर्मचारी ऐसे हैं, जिनके खातों में लाखों रुपए का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हुआ है. इन कर्मचारियों ने गूगल-पे, फोन-पे और अन्य ऐप के माध्यम से पैसों का अपने और परिवार के लोगों के खातों में ट्रांजैक्शन कराया था जिस पर कलेक्टर के निर्देश पर जांच जारी है.
बिना रसीद के कराते थे दर्शन
पूरे मामले की जानकारी देते हुए श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि मंदिर के सफाई प्रभारी विनोद चौकसे और सभा मंडल प्रभारी राकेश श्रीवास्तव के बैंक खातों की जांच की जा रही है. काफी समय से मंदिर में दर्शन व्यवस्था में गड़बड़ी होने की शिकायत मिल रही थी. जब इस पर जांच की गई तो पता चला कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या तो इतनी ही है, लेकिन कुछ श्रद्धालुओं को यहां के कर्मचारी बिना रसीद कटवाए कभी नंदी हॉल तो कभी चांदी गेट से दर्शन करवा रहे थे. यह कर्मचारी श्रद्धालुओं से मोटी रकम वसूलते थे जबकि इस राशि पर कर्मचारियों की बजाय महाकाल मंदिर का हक था. दोनों ही कर्मचारी के बैंक खातों की जांच की जा रही है जिसमें लाखों का ट्रांजैक्शन होने की बात सामने आई है.
भक्तों से लेते थे मोटी रकम
उन्होंने कहा कि दोनों ही कर्मचारी के बैंक खातों में काफी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन हुए हैं जिसकी जांच जारी है. हम इस मामले में सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रहे हैं जिससे कि यह पता चल पाए की ऑनलाइन के अलावा इन कर्मचारियों के द्वारा कितने श्रद्धालुओं से ऑफलाइन राशि ली गई है. जांच के बाद श्रद्धालुओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.
इस मामले में सभा मंडल प्रभारी राकेश श्रीवास्तव और मंदिर के सफाई प्रभारी विनोद चौकसे के बैंक खातों की जांच की जा रही है लेकिन जब इस मामले में जांच रिपोर्ट सामने आएगी तो इस बात का भी खुलासा होगा कि इन लोगों के साथ आखिर कौन-कौन मिला हुआ था. जो मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को ठग रहा था. वैसे इस मामले में अभी दो कर्मचारियों के खिलाफ धारा 151 में कार्रवाई की गई है.
वीआईपी की तरह कराते थे दर्शन
महाकालेश्वर मंदिर में अति शीघ्र दर्शन के लिए 250 रुपए प्रति व्यक्ति की रसीद से दर्शन करवाए जाते हैं लेकिन इन कर्मचारियों के द्वारा यह रसीद बनवाने की बजाय प्रोटोकॉल बताते हुए श्रद्धालुओं को वीआईपी की तरह दर्शन करवाए जाते थे. इन श्रद्धालुओं को इस रसीद के बारे में कुछ नहीं बताया जाता था जबकि अच्छे से दर्शन करवाने के नाम पर किसी से 1100 तो किसी से 2100 रुपए की राशिलेलीजातीथी.

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