पाकिस्तान: नवाज शरीफ ने लाहौर समझौते को तोड़ने की जिम्मेदारी स्वीकारी, कहा पाक ने… – भारत संपर्क


नवाज शरीफ
पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री और हाल ही में पीएमएल-एन अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने गए नवाज शरीफ ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने पाकिस्तान और भारत के बीच लाहौर समझौते को तोड़ने की जिम्मेदारी स्वीकार की है. पीएमएल-एन की एक बैठक में पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण की 26वीं वर्षगांठ के मौके पर लोगों को संबोधित उन्होंने कहा कि “28 मई 1998 को पाकिस्तान ने पांच परमाणु परीक्षण किए थे भारत की पार्लियामेंट में ये खबर दी गई कि पाकिस्तान ने पांच धमाकों से भारत के धमाकों का जवाब दे दिया है.
इसके आगे नवाज शरीफ ने कहा कि उसके बाद भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लाहौर आए और उनसे वादा किया इस दौरान ‘लाहौर समझौते’ पर हस्ताक्षर किए. दोनों देशों के बीच शांति और स्थिरता की दृष्टि की बात करने वाले समझौते ने एक बड़ी सफलता का संकेत दिया. नवाज ने कहा कि ये अलग बात है कि हमने उस वादे की खिलाफत की. उन्होंने कहा कि इस समझौते को तोड़ने के लिए पाकिस्तान कसूरवार था.
‘पाक ने भारत के साथ समझौते का उल्लंघन किया था’
कहा कि इस्लामाबाद ने जनरल परवेज मुशर्रफ के कारगिल दुस्साहस के स्पष्ट संदर्भ में, 1999 में उनके और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा हस्ताक्षरित भारत के साथ समझौते का उल्लंघन किया था. समझौते के कुछ महीने बाद ही कारगिल युद्ध हुआ था.
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‘परमाणु परीक्षण करने से रोकने के लिए 5 अरब डॉलर की पेशकश’
शरीफ ने कहा अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान को परमाणु परीक्षण करने से रोकने के लिए 5 अरब अमेरिकी डॉलर की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इसे मानने से इनकार कर दिया. नवाज ने कहा कि अगर (पूर्व प्रधानमंत्री) इमरान खान जैसे व्यक्ति उनकी जगह होते तो वो क्लिंटन की पेशकश स्वीकार कर लेते.
इसके आगे 72 साल के नवाज शरीफ ने ये भी बताया कि कैसे उन्हें 2017 में पाकिस्तान के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार द्वारा झूठे मामले में प्रधान मंत्री के पद से हटा दिया गया था. उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ सभी मामले झूठे थे जबकि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक नेता इमरान खान के खिलाफ मामले सच्चे थे.
छोटे भाई शहबाज शरीफ की तारीफ
इसके साथ ही नवाज शरीफ ने अपने छोटे भाई और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तारीफ भी की. उन्होंने कहा कि शरीफ ने हर बुरे वक्त में उनके साथ खड़े रहे. हमारे बीच मतभेद पैदा करने की कोशिश की गई लेकिन शहबाज मेरे प्रति वफादार रहे. यहां तक कि शहबाज को अतीत में पीएम बनने और मुझे छोड़ने के लिए भी कहा गया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया.नवाज शरीफ ने कहा कि पीएमएल-एन अध्यक्ष का पद संभालने के बाद वह पार्टी को मजबूत करने के प्रयासों को फिर से शुरू करेंगे.