मुस्लिम वर्ल्ड के नए झंडेबरदार के चक्कर में कहीं मुसीबत में न फंस जाए पाकिस्तान? |… – भारत संपर्क


अमेरिका की पाक पर प्रतिबंध लगाने की धमकी.
ईरान के राष्ट्रपति ने हाल में ही पाकिस्तान का दौरा किया है. इस टूर के दौरान दोनों देशों के नेताओं में अलग उत्साह देखने को मिला, दोनों नेताओं ने आपसी मतभेद भुलाते हुए रिश्ते मजबूत करने का फैसला किया. ईरान और पाकिस्तान के बीच बढ़ती करीबी से अब अमेरिका गुस्सा हो गया है. अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी वेदांत पटेल ने कहा, “हम ईरान के साथ व्यापारिक सौदों पर विचार करने वाले किसी भी देश को सलाह देते हैं कि वे इस तरह के समझौते से दूर रहे वरना उस पर प्रतिबंध लग सकते हैं. ”
अमेरिका विदेश मंत्रालय का ये बयान ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के पाकिस्तान दौरे और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी सहित पाक शीर्ष अधिकारियों के साथ कई बैठकों के बाद आया है. बैठकों के दौरान रईसी ने ईरान और पाकिस्तान के बीच मौजूदा बिजनेस वॉल्यूम पर नाराजगी जाहिर की थी. बैठक के बाद दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ाकर 10 अरब डॉलर करने पर सहमति जताई है.
क्यों लग सकता है पाकिस्तान पर प्रतिबंध?
पाकिस्तान पर सेक्शन लगाने की धमकी के बाद पटेल ने कहा, “पाकिस्तान सरकार अपनी विदेश नीति के बारे में बात कर सकती है, लेकिन ईरान के साथ किसी भी व्यापार डील पर उसे प्रतिबंधों का सामना कर पड़ सकता है.”
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बता दें अमेरिका ने ईरान के ऊपर पहले से कई प्रतिबंध लगा रखे हैं. हाल ही में मध्यपूर्व तनाव में हिजबुल्लाह, हमास और हूती को ईरान के समर्थन पर अमेरिका नजरे बनाए हुए है और उसको आर्थिक और कूटनीतिक तरीकों से रोकने की कोशिश कर रहा है.
ऐसे में पाकिस्तान अगर ईरान के साथ आगे बढ़ाता है तो उसे इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है. आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए अमेरिका का गुस्सा झेलना उतना आसान नहीं रहेगा. क्योंकि ईरान और पश्चिम देशों की अदावत पुरानी है. ईरान सीधे अमेरिका और इजराइल से टक्कर लेता है. फिलिस्तीन और इजराइल की जंग के बहाने ईरान पूरे मुस्लिम वर्ल्ड में एक नेतृत्वकर्ता के तौर भी उभरा है. ईरान अमेरिका के प्रतिबंधों को झेलता आ रहा है, मगर पाकिस्तान ऐसी स्थिति में नहीं है कि सुपरपावर अमेरिका के विरोध का सामना कर सके.
प्रतिबंधों की वजह से बीच में रुकी गैस पाइपलाइन
गौरतलब है कि ईरान और पाकिस्तान के बीच जून 2009 में गैस पाइपलाइन बनाने के लिए अरबों डॉलर का समझौता हुआ था. हालांकि तेहरान ने 2011 तक अपनी तरफ 900 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का काम पूरा कर लिया था, लेकिन इस्लामाबाद को अभी भी 80 किलोमीटर पाइपलाइन को पूरी करना बाकी है. जिसको लेकर ईरान ने पाकिस्तान पर इंटरनेशनल कोर्ट में केस चलाने की धमकी दी थी. बता दें इस यात्रा में इस प्रोजेक्ट को भी पूरा करने की बात हुई है.