पाकिस्तान की निकलेगी हेकड़ी, भारत के साथ कारोबार करने को…- भारत संपर्क

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पाकिस्तान की निकलेगी हेकड़ी, भारत के साथ कारोबार करने को…- भारत संपर्क
पाकिस्तान की निकलेगी हेकड़ी, भारत के साथ कारोबार करने को आतुर है ये 3 मुस्लिम देश

पाकिस्तान की निकलेगी हेकड़ी, भारत के साथ कारोबार करने को आतुर है ये 3 मुस्लिम देश

भारत विकसित राष्ट्र बनने के पथ पर लगातार आगे बढ़ रहा है. देश में हर रोज नए कार्य हो रहे हैं. भारत सरकार को पता है कि देश के विकाश में सड़कों का कितना अहम योगदान है. ऐसे में अब भारत के साथ कारोबार करने के लिए 3 मुस्लिम देश भी बेचैन हैं. दरअसल, पाकिस्तान भारत को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मनाता है. लेकिन अब कंगाल पकिस्तान की बेचैनी बढ़ने वाली है. दरअसल, मध्य एशिया के 3 मुस्लिम देश भारत के साथ कारोबार करने को आतुर हैं, जिससे पकिस्तान की छुट्टी होना तय है. हाल ही में अफगानिस्तान ने दो मध्य एशियाई देशों कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के साथ पिछले हफ्ते एक त्रिपक्षीय बैठक की थी. बैठक का मुख्य मुद्दा भारत के साथ व्यापार के लिए एक नए ट्रासंपोर्ट कॉरिडोर पर चर्चा करना था. बैठक में 3 मुस्लिम देशों ने भारत के साथ कारोबार करने पर सहमति व्यक्त की है. पाकिस्तान तीन देशों के भारत के साथ कारोबार करने को लेकर बौखलाया हुआ है. लेकिन उसके पास कोई चारा भी नहीं है.

दरअसल, काबुल में हुई इस बैठक में कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री सेरिक झुमंगारिन, तुर्कमेनिस्तान के परिवहन और संचार एजेंसी के महानिदेश कमम्मेतखान चाकयेव और अफगान वाणिज्य और उद्योग मंत्री नूरुद्दीन अजीजी शामिल हुए थे. तीनों देशों ने भारत के साथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर पर अपनी सहमति व्यक्त की है.

भारत से व्यापार करने को बेचैन

बैठक में कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री सेरिक झुमंगारिन आगामी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट इनिशिएटिव पर प्रकाश डालते हुए ट्रैफिक फ्लो की गणना और पुनर्संरचना की आवश्यकता पर जोर दिया. तीन पक्षों का विचार भारत से जुड़ने का भी है. ईरान के चाबहार पोर्ट के जरिए ये संभव हो सकता है. कजाकिस्तान के प्रधानमंत्री के मुताबिक, यह सब तुर्कमेनिस्तान के इंफ्रास्ट्रक्चर और बेइनु-अक्टौ-बोलाशाक में उनके बुनियादी ढांचे को विकसित करने में मदद करेगा.

ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर बनने की बात

तीनों पक्षों ने स्वीकार किया कि अंतरराष्ट्रीय उत्तर दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) की पूर्वी शाखा ने रूस और बेलारूस से कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के माध्यम से अफगानिस्तान, भारत और पश्चिम एशिया तक माल परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग बनने के लिए नई प्रेरणा प्राप्त की है. बातचीत के बाद, वे आपस में पहले से सहमत समझौतों को लागू करने के लिए एक कार्य समूह स्थापित करने पर सहमत हुए. कजाकिस्तान-तुर्कमेनिस्तान मार्ग INSTC की शाखाओं में से एक है.

पाकिस्तान की निकलेगी हेकड़ी

अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को भारत के साथ जमीनी मार्ग से व्यापार करने के लिए पाकिस्तान की जरूरत है. पाकिस्तान शुरू से ही भारत को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है. इस कारण पाकिस्तान ने हमेशा से अपनी जमीन से होने वाले व्यापार को बाधित करने का प्रयास किया है. इसका ताजा उदाहरण 2022 की शुरुआत में भारत से अफगानिस्तान को भेजे गए खाद्यानों के दौरान देखने को मिला था. लेकिन, अब ईरान के चाबहार बंदरगाह वाला रास्ता खुलने से मध्य एशियाई देशों को पाकिस्तान की कोई जरूरत नहीं होगी.

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