Paper Leak: किराए के छोटे कमरों में पल रहे बड़े सपने, पेपर लीक से हिम्मत टूट रही…


भागलपुर स्थित एक छोटे से कमरे में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता छात्र
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सर्विस परीक्षा में बिहार के अभ्यर्थियों का जलवा रहता है. इस परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थी अखबार की सुर्खियों का हिस्सा हो जाते हैं, लेकिन इनके इतर बिहार के हजाराें अभ्यर्थी ऐसे हैं, जो अपने गांव-घर से दूर किराए के छोटे-छोटे कमरों में कई सालों से अपना पूरा संसार समेटे हुए हैं. सपना एक अदद सरकारी नौकरी का है, लेकिन पेपर लीक ऐसे अभ्यर्थियों की हिम्मत तोड़ रहा है. क्या है इन किराए के छोटे-छोटे कमरों पर पल रहे बढ़े सपनों की कहानी, क्या है इन छात्रों का संघर्ष. इस पर विस्तृत रिपोर्ट.
एक कमरे में खाना, रहना और पढ़ना
बिहार में सरकारी नौकरियों की तैयारी करने के लिए छात्र अपना घर-गांव छोड़कर शहरों में कोचिंग के लिए आते हैं. सपना एक सरकारी नौकरी का होता है, लेकिन यहीं से इन छात्रों का संघर्ष शुरू हो जाता है. संघर्ष मानें, किराए का 10 बॉय 10 का घर, जिसमें एक से दो चरपाई लगी होती हैं.
चारपाई के नीचे किचन का सामान होता है और दिवारों- बिस्तर पर किताबें रखी होती हैं. इन छात्रों की काेशिश ये ही होती है कि पेट की भूख शांत करते हुए पढ़ाई में किसी भी तरह से ध्यान लगाया जाए, लेकिन कई छात्रों के लिए ये भी बहुत मुश्किल होता है. मसलन, गरीब घरों से आने वाले छात्रों को 1500 से 2 हजार रुपये किराए के चुकाने के लिए भी मेहनत करनी पड़ती है.
भागलपुर में ही 10 हजार से अधिक छात्र बाहर पढ़ रहे
पूरे बिहार में छात्र सरकारी नौकरी के लिए घर से बाहर संघर्ष करने को मजबूर हैं. अकेले भागलपुर में ही ऐसे छात्रों की संख्या हजारों में है, जो प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए अपने गांव को छोड़कर शहर के लॉज में आकर रहते हैं.
भागलपुर स्थित छोटी खंजरपुर के कोयला घाट इलाके की बात करें तो यहां 10 हज़ार से अधिक छात्र लॉज में रहकर पढ़ाई करते हैं. छात्र यहां टूटे-फूटे कमरे का 1500 से 2 हजार रुपये किराया भरते हैं. एक ही कमरे में जरूरत की सभी चीजों को रखते हैं. किसी कमरे में अगर दो बेड लगा है. तो दोनों का किराया 15-15 सौ होता है.
धैर्य को हथियार बना रहे हैं छात्र
कोयला घाट इलाके में रह रहे छात्रों के संघर्षों को जानने के लिए TV9 की टीम वहां पहुंची. इस दौरान 71वीं बीपीएससी की तैयारी कर रहे छात्र आनंद से बातचीत हुई. आनंद बताते हैं कि यहां रहने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत धैर्य की है. आनंद बताते हैं कि वह यहां से 18 किलोमीटर दूर घोघा के रहने वाले हैं, परिवार से दूर रहकर ट्यूशन पढ़कर अपना खर्च चलाते हैं. आनंद ने बताया कि उनके कमरे का किराया 2 हजार रुपये है और यहां रहने में कुल 4 हजार का खर्च आता है.
पेपर लीक से जुड़े सवाल के जवाब में आनंद कहते हैं कि तैयारी में हम लोग कोई कसर नहीं छोड़ते, लेकिन पेपर लीक होने से पढ़ने वाले बच्चों की मनोदशा पर चोट पहुंचती है. आनंद कहते हैं कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए, पेपर लीक नहीं होना चाहिए. सरकार इस पर लगाम लगाने में सक्षम है.
पापा ने कुछ बन कर ही वापस लौटने को कहा है
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे ओम कुमार यादव बताते हैं कियहां रहने में बहुत परेशानी होती है. वह खुद से खाना बनाते हैं. उनके पिता किसान हैंं, जिस वजह से आर्थिक दिक्कतें भी आती है. ओम कहते हैं कि महीने में 6 से 7 हजार रुपए खर्च हो जाता है. पेपर लीक के सवाल पर वह कहते हैं कि उन्हें उम्मीद है कि साल 2 साल में मुझे नौकरी मिल जाएगी, पापा ने भी यही कह कर बाहर भेजा था कि कुछ बन कर ही वापस लौटना.
ये भी पढ़ें-Mission Admission: इंजीनियरिंग करने का है प्लान! JOSAA के साथ-साथ TV9 वेबिनार में जरूर हों शामिल