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छुरी में पानी की भारी किल्लत से लोग हो रहे हैं परेशान, नई पाइप लाइन बिछाए जाने का इंतजार, पुराना कनेक्शन बुझा रहा प्यास
कोरबा। नगर पंचायत का ओहदा मिलने के बाद भी छुरीकलावासी पिछड़े गांवों की तरह नरकीय उपेक्षित जीवन जीने मजबूर हैं। लगभग 9 साल बाद भी पीएचई 14 करोड़ की लागत से तैयार किए जा रहे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से समूचे नगरवासियों को जल आपूति शुरू नहीं कर सकी। इसके लिए नई पाइप लाइन बिछाए जाने का इंतजार है । हालात ऐसे हैं कि भीषण गर्मी में नगरवासी बूंद बूंद पानी के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं। 22 साल पुरानी योजना के बिछाए कनेक्शन से किसी तरह प्यास बुझा रहे हैं। योजना के तहत दर्री बांध का पानी को उपचारित कर नगर तक पहुंचाना है। पूरी राशि ट्रीटमेंट प्लांट बनाने और डांडग़ांव हसदेव नदी से पानी पाइप लगाने में खर्च हो गए। 4 करोड़ अतिरिक्त लागत बढऩे के कारण नया पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू नहीं हुआ। समस्या निदान नहीं होने से नगरवासी जल संकट से जूझ रहे हैं। वर्तमान में नगर के नगर में पानी की आपूर्ति 22 साल पुराने नलजल योजना से हो रही है। पहले यहां की आबादी ढाई हजार थी, जो बढक़र 13 हजार से भी अधिक हो गई है। बोर से इतने लोगों के लिए पानी की आपूर्ति संभव नहीं है। जल आवर्धन शुरू होने से लोगों को आए दिन होने वाली पेयजल समस्या से मुक्ति की आशा बन गई थी। जगह जगह से टूट चुके पाइप लाइन से मटमैला पानी आने से समस्या फिर से नगर में विकट हो गई है। जल आवर्धन को मूर्तरुप दिए जाने के लिए तीन चरणों में काम किया जाना था। इसमें दर्री बांध से छुरी तक पाइप बिछाना, जल उपचार संयंत्र तैयार करना व नगरीय क्षेत्र में नया पाइप लाइन बिछाना शामिल था। तीनों कार्य के लिए अलग-अलग निविदा की गई । प्रथम चरण के कार्य में जल उपचार संयंत्र और बाध से छुरी तक पाइप बिछाने का काम तो हुआ हुआ लेकिन पूरे नगर में एक साथ पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन से पानी आपूर्ति की योजना अभी भी अधूरी है। बीते वर्ष पीएचई विभाग ने इसकी औपचारिक शुरूआत कर दी, लेकिन पूर्ण समाधान के लिए कारगर कदम नहीं उठाया गया। नगर वासियोंं का कहना है कि जब तक नया पाइपलाइन बिछाने का काम पूरा नहीं होगा तब जल संकट से छुरी नगर मुक्ति मिलना कठिन है। वास्तविकता तो यह है पूर्व में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्ष में बैठे भाजपा के द्वंद्व के बीच जनता आज भी पिस रही है। अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद छुरी नगर पंचायत वर्तमान में अध्यक्ष विहीन हो गया है। नगरीय निकाय चुनाव के दौरान महिला सीट में यहां नीलम देवांगन नगर पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुई थी। कांग्रेस के कार्यकाल में नगर के 15 वार्डों नौ कांग्रेसी पार्षदों का वर्चस्व था। अध्यक्ष नीलम देवांगन अपने पार्टी के पार्षदों से तालमेल नहीं बैठा सकी। भाजपा के पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव में सफलता हासिल की और अध्यक्ष को अपने पद से हाथ धोना पड़ा।पार्षदों में तालमेल नहीं होने की वजह से अभी तक वैकल्पिक अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है। स्थाई जनप्रतिनिधित्व नहीं होने की वजह से नगर का कामकाज पूरी तरह से ठप है। कोसगई व संत फलाहारी वार्ड में टैंकर का भरोसा नलजल योजना के तहत जारी जल आपूर्ति के लिए नगर के 6 वार्डों में अब भी पाइप लाइन नहीं बिछी है। कोसगाई वार्ड, संत पुलाहारी, बिंझपुर, सतनाम आदि ऐसे वार्ड हैं जिन्हे अब भी मुख्य पाइप लाइन से नहीं जोडा़ गया है। इन वार्डों में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत बोर खुदाई कर पानी आपूर्ति की जा रही है। बोर खराब होने की वजह से आए दिन यहां पानी की समस्या रहती है। यहां लगभग 25 टैंकर के माध्यम से जल आपूर्ति की जा रही है। भाटापारा जैसे कई मोहल्लों में गर्मी के चलते हैंडपंप, कुंआ के अलावा तालाब आदि स्त्रोतों का जल स्तर गिर चुका है। निस्तारी की समस्या को देखते हुए जल आवर्धन योजना को इन वार्डो में भी जोडऩे की आवश्यकता महसूस की जा रही है।