माल वाहक वाहनों में ढोए जा रहे लोग, न तो पुलिस अंकुश लगा पा…- भारत संपर्क
माल वाहक वाहनों में ढोए जा रहे लोग, न तो पुलिस अंकुश लगा पा रही और न ही परिवहन विभाग
कोरबा। माल वाहक वाहनों को सवारी ढोते आसानी से देखे जा सकते हैं। माल वाहक वाहनों में यात्रियों का सफर खतरे से खाली नहीं होता है। माल वाहक वाहनों में यात्रियों को लाना ले जाना मोटर व्हीकल एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है, क्योंकि माल वाहक वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर जनहानि की ज्यादा संभावनाएं रहती है, बावजूद इसके जिले में माल वाहक वाहनों में सवारी बैठाकर ढोया जा रहा है। माल वाहक वाहनों में सवारी ढोने पर न तो पुलिस अंकुश लगा पा रही और न ही परिवहन विभाग। ग्रामीण क्षेत्रों में बारात हो या फिर किसी सार्वजनिक सामूहिक या राजनीतिक कार्यक्रम में भीड़ बढ़ाना हो तो विकल्प पिकअप, ट्रैक्टर व खुली मालवाहक वाहन ही है। मालवाहक गाडिय़ों में सवारी बिठाने का नजारा ग्रामीण क्षेत्रों ही नहीं बल्कि शहर के बीचों-बीच में देखा जा रहा है जहां बकायदा पुलिस जवान खड़े रहते हैं। वहां से भी ऐसी गाडिय़ां सामने से निकल जा रही हैं। इधर चंद पैसों के लिए मालवाहक संचालकों को लोगों की जान की परवाह नहीं करते तो वहीं चंद पैसे बचाने लोग भी खुद लापरवाही बरतते हैं। बाद में हादसा होने पर फिर अफसोस करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता। बीते 8 दिसंबर को बनखेता ग्राम पंचायत के कांसामार से पिकनिक मनाने बुका गए लोगों की पिकअप नेशनल हाइवे 130 बी में बांगो थाना क्षेत्र के ग्राम घुमानीडांड के पास पलट गई थी। पिकअप में करीब 24-25 लोग सवार थे जिसमें पिकअप में सवार कक्षा सातवीं की छात्रा की जान तक चली गई। वहीं पांच से ज्यादा लोग गंभीर रूपसे घायल हो गए थे। यात्री वाहन की जगह माल वाहन बुक करने को लेकर लोगों ने बताया कि ग्रामीण अंचलों में माल वाहक वाहन आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। साथ ही यात्री वाहनों की अपेक्षा माल वाहक वाहन का किराया सस्ता रहता है, यात्री वाहन चाहे वह बस या मिनी बस हो या फिर चार पहिया वाहन इनका किराया वैवाहिक आयोजन के दौरान वाहन मालिकों द्वारा सामान्य दिनों की अपेक्षा करीब दो गुना कर दिया जाता है, जिससे ऐसे वाहनों की बुकिंग कर पाना आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बजट के बाहर हो जाता है।