ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों की आमजन कर सकेंगे शिकायत, 1 अक्टूबर…- भारत संपर्क
ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों की आमजन कर सकेंगे शिकायत, 1 अक्टूबर से शुरू होगी सुविधा, अभी चल रहा ट्रायल
कोरबा। ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों की अब खैर नहीं, ऐसा करने वालों की अब आम जनता भी सीधे शिकायत कर सकेगी। प्रदेश में यह सुविधा 1 अक्टूबर से शुरू होगी। इसका अभी ट्रायल चल रहा है, जिसके बाद साफ्टवेयर अपडेट किया जाएगा। केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एम- परिवहन एप में एक नई सुविधा शुरू की है। इसमें एक विकल्प सिटीजन सेंटिनल (नागरिक प्रहरी) दिया है। इसमें जाकर कोई भी व्यक्ति ट्रैफिक नियम तोडऩे वाले का वीडियो बनाकर या फोटो खींचकर अपलोड कर देगा। उन्हें वीडियो या फोटो लेने समय गाड़ी का नंबर दिखाना होगा या नोट करके अपलोड करना होगा। यह वीडियो 10 मिनट के भीतर दिल्ली से संबंधित शहर के ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ के पास आ जाएगा, जहां से तुरंत गाड़ी मालिक को ई-चालान भेजा जाएगा।अगर कोई चालान नहीं जमा करेगा तो यह मामला सीधे कोर्ट में चला जाएगा। इसके बाद कोर्ट से आगे की कार्रवाई होगी। भारत सरकार ने इसकी शुरुआत दिल्ली, केरल, ओडिशा से की है। अब इसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल हो गया। धीरे-धीरे देश के बाकी राज्यों में भी इसे शुरू किया जाएगा। वहां की पुलिस और आरटीओ को इसमें लिंक किया जाएगा। सडक़ हादसा रोकने और कम करने के लिए भारत सरकार ने यह सुविधा शुरू की है, ताकि लोग ट्रैफिक नियम का पालन करें और गाड़ी चलाते समय सावधानी बरतें। इसलिए इसे धीरे-धीरे देश में लागू किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में इसे कोई भी उपयोग कर सकता है।
बॉक्स
ऐसे कर सकते हैं शिकायतें
गूगल प्ले में जाकर नेक्स्टजेन एम परिवहन एप डाउनलोड करें। इसमें सिटीजन सेंटिनल का होमपेज में विकल्प दिखाई देगा। इसमें जाकर बिना हेलमेट, तीन सवारी, रॉन्ग साइड, नो पार्किंग जैसे ट्रैफिक नियम तोडऩे वाले की लाइव वीडियो-फोटो बनाकर शिकायत कर सकेंगे। इसमें जैसे ही फोटो-वीडियो अपलोड करेंगे। करेंट लोकेशन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के पास पहुंच जाएगा। इससे सभी राज्य की पुलिस, परिवहन समेत अन्य एजेंसी जुड़ी हुई है। तुरंत पुलिस और परिवहन के पास वीडियो-फोटो आ जाएगा। गाड़ी नंबर से जानकारी निकालकर ई-चालान भेजा जाएगा। भेजने के पहले पुलिस इसकी जांच करेगी।
बॉक्स
एप से खुद करेंगे शिकायत की मॉनिटरिंग
शिकायत करने वाले इस एप के जरिए मॉनिटरिंग खुद कर सकेंगे। इसमें यह जान सकेंगे कि शिकायत पर क्या कार्रवाई की है, जुर्माना वसूला गया या नहीं। इसमें दिल्ली पुलिस 25 हजार रुपए का इनाम भी देती है, ताकि ज्यादा लोग उपयोग करें। छत्तीसगढ़ में भी इसे शुरू करेंगे।