सस्ता होगा पेट्रोल डीजल, मुकेश अंबानी करेंगे सरकार की ‘मदद’,…- भारत संपर्क

0
सस्ता होगा पेट्रोल डीजल, मुकेश अंबानी करेंगे सरकार की ‘मदद’,…- भारत संपर्क
सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल, मुकेश अंबानी करेंगे सरकार की 'मदद', ये है पूरा मामला

मुकेश अंबानी की कंपनी है रिलायंस इंडस्ट्रीज

देश में पेट्रोल और डीजल के दाम अब भी काफी ऊंचाई पर बने हुए हैं. चुनाव में विपक्ष की ओर से महंगाई एक बड़ा मुद्दा भी बना हुआ है. ऐसे में एशिया के सबसे रईस इंसान मुकेश अंबानी अब जल्द ही सरकार की मदद को आगे आ सकते हैं. वह रूस से सस्ते में कच्चा तेल दिलाने को लेकर सरकारी तेल कंपनियों की मदद कर सकते हैं. सरकार खुद चाहती है कि रूस से सस्ता तेल खरीदने के लिए भारत की सरकारी और प्राइवेट तेल कंपनियां साथ मिलकर काम करें. इससे भारत को रूस से ज्यादा से ज्यादा डिस्काउंट पाने में मदद मिलेगी.

यूक्रेन युद्ध के बाद से ही भारत को रूस से सस्ती कीमत पर कच्चा तेल मिल रहा था. इस पर उसे अच्छा डिस्काउंट मिल रहा था, लेकिन हाल के दिनों में कच्चे तेल पर मिलने वाला डिस्काउंट कम हो गया है. अब तक भारत को प्रति बैरल 8 डॉलर की छूट पर मिल रही है. जबकि युद्ध के शुरुआती दिनों में रूस हर बैरल पर 10 डॉलर की छूट दे रहा था.

4 डॉलर पर आया डिस्काउंट

यूक्रेन युद्ध के चलते भारत को फायदा हो रहा था. पश्चिमी देशों ने यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर प्रतिबंध लगा दिए थे. इसकी वजह से वह अपने सामान को निर्यात नहीं कर पा रहा था. इसका तोड़ कच्चे तेल पर भारी डिस्काउंट देकर निकाला गया और भारत एवं रूस ने इसका भरपूर फायदा उठाया. हालांकि अब भारत को मिलने वाला मुनाफा कम हो गया है क्योंकि रूस से कच्चे तेल पर मिलने वाला डिस्काउंट 4 डॉलर प्रति बैरल तक आ गया है.

ये भी पढ़ें

रिफाइनरी रूस से ले सस्ता तेल

भारत सरकार चाहती है कि अब देश की अधिकतर रिफाइनरी अपनी एक तिहाई सप्लाई रूस से इंपोर्ट करें और इन्हें स्थिर कीमतों पर किया जाए. ताकि देश की इकोनॉमी को तेल की अस्थिर कीमतों से बचाया जा सके. इसलिए भारत सरकार ने सरकारी और निजी कंपनियों को साथ आने के लिए कहा है. देश की सरकारी तेल कंपनियां जैसे कि इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम चाहती हैं कि रूस उन्हें प्रति बैरल 5 डॉलर या उससे अधिक की छूट दे, लेकिन उन्हें 3 डॉलर का ही डिस्काउंट मिल पा रहा है.

ब्लूमबर्ग के रिर्पोट के मुताबिक इंडियन ऑयल का रूस के साथ लॉन्ग टर्म सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट था, ये मार्च के अंत में खत्म हो गया था. इसके बाद अच्छा डिस्काउंट न मिल पाने की वजह से इसे रिन्यू नहीं किया जा सका. अब सरकार चाहती है कि तेल कंपनियां आपस में मिलकर काम करें और सप्लाई के लिए बातचीत करें, साथ ही ज्यादा से ज्यादा डिस्काउंट पाने की कोशिश करे, ना कि आपस में ही एक-दूसरे से कॉम्पिटिशन करें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

जाको राखे साइयां…! स्कॉर्पियो से हुई बाइक वाले की जोरदार टक्कर, हुआ ऐसा चमत्कार बच…| RRB Technician Admit Card: रेलवे टेक्नीशियन परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी, ऐसे…| IND vs AUS Live: भारत को लगा 5वां झटका, रोहित शर्मा 10 रन बनाकर आउट – भारत संपर्क| ग्वालियर: फूड विभाग ने मारा छापा, फिर पकड़ा गया नकली घी का कारोबार – भारत संपर्क| सर्दियों में इन 5 अनाज को डाइट में शामिल करने से शरीर रहेगा गर्म, जानिए इनके…