इलेक्टोरल बॉन्ड पर पीएम मोदी का बड़ा बयान, बोले इसमें सुधार…- भारत संपर्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फाइल फोटो)
पीएम मोदी ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अभी इसमें सुधार की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं वह काफी पछताएंगे. उन्होंने विपक्षी दलों पर चुनावी बॉन्ड योजना पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया.
इलेक्टोरल बॉन्ड पर होगा पछतावा
सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसे खारिज किए जाने के निर्णय पर पीएम ने कहा कि जब ईमानदारी से इस नियम पर विचार किया जाएगा तो हर किसी को पछतावा होगा. वह कहते हैं कि इस योजना का उद्देश्य चुनाव में हो रहे काले धन के इस्तेमाल पर अंकुश लगाना था. जिन 16 कंपनियों पर यह आरोप लगाया गया है कि उन्होंने ईडी के कार्रवाई के ठीक बाद चंदा दिया है. उनमें से सिर्फ 37 प्रतिशत राशि ही भाजपा को मिली है, बाकि की 63 प्रतिशत राशि विपक्षी दलों के खाते में गई है. ऐसे में यह कैसे कहा जा सकता है कि यह बीजेपी द्वारा किया गया है.
पीएम ने सुनाया किस्सा
पीएम पुराने दिन को याद करते हुए कहते हैं कि 90 के दशक में जब पार्टी चुनाव लड़ने के लिए चंदा इकठ्ठा कर रही थी, तब काफी दिक्कते हुई थीं. व्यापारी पैसा देना चाहते थे, लेकिन वह चेक के माध्यम से डोनेट करने से घबरा रहे थे. उनका कहना था कि अगर वह चेक के माध्यम से डोनेट करते हैं तो उसकी डिटेल उन्हें मेंटेन करनी होगी. और अगर ऐसा वो करेंगे तो सत्ता पक्ष को इसकी जानकारी मिल जाएगी. जिससे उनको परेशानी का सामना करना पड़ जाएगा. हम इसी समस्या के समाधान के लिए इस योजना को लेकर आए थे.
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क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड जिसका पीएम ने किया जिक्र?
भारत में चुनाव के वक्त बहुत सारा पैसा खर्च होता है. पार्टियों को जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए पैसे को जरूरत होती है. और ये पैसा आता है चंदे के जरिए. राजनीतिक दलों को चंदा देने के जरिए जो पैसा मिलता है वह इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से ही आता है. मोदी सरकार ने 2017 में इलेक्टोरल बॉन्ड लाने की घोषणा की थी. अगले ही साल जनवरी 2018 में इसे अधिसूचित कर दिया गया. उस वक्त सरकार ने इसे पॉलिटिकल फंडिंग की दिशा में सुधार बताया और दावा किया कि इससे भ्रष्टाचार से लड़ाई में मदद मिलेगी.