PM सुनक ने की चुनाव की घोषणा… क्या ब्रिटेन में नहीं होता इलेक्शन कमीशन, कैसे चुना… – भारत संपर्क

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PM सुनक ने की चुनाव की घोषणा… क्या ब्रिटेन में नहीं होता इलेक्शन कमीशन, कैसे चुना… – भारत संपर्क
PM सुनक ने की चुनाव की घोषणा... क्या ब्रिटेन में नहीं होता इलेक्शन कमीशन, कैसे चुना जाता है प्रधानमंत्री?

पीएम ऋषि सुनक के मुताबिक ब्र‍िटेन में 4 जुलाई को आम चुनाव होंगे.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने आम चुनाव का ऐलान कर दिया है. चुनाव 4 जुलाई को होंगे. सुनक का ऐलान चौंकाने वाला है क्योंकि अब तक चर्चा थी कि देश में आम चुनाव दिसम्बर या अगले साल जनवरी तक हो सकते हैं. उनकी इस घोषणा के साथ ही ब्रिटेन में आम चुनाव को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गया. नियम के तहत अब सुनक चुनाव की तारीख की जानकारी औपचारिक तौर पर चार्ल्स किंग को देंगे. इसके बाद ब्रिटेन की संसद भंग की जाएगी.

ऐसे में सवाल है कि क्या ब्रिटेन में चुनाव आयोग नहीं होता? प्रधानमंत्री क्यों करता है चुनाव की घोषणा? यहां का आम चुनाव भारत से कितना अलग है और कैसे चुना जाता है ब्रिटेन का प्रधानमंत्री?

क्या ब्रिटेन में चुनाव आयोग नहीं होता?

भारत में चुनावों की घोषणा चुनाव आयोग करता है, लेकिन ब्रिटेन में इसकी घोषणा पीएम करता है. इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि यहां पर चुनाव आयोग नहीं होता. ब्रिटेन में साल 2000 में पॉलिटिकल पार्टीज, इलेक्शन एंड रेफरेम्स एक्ट 2000 लाया गया. इसके बाद 2001 में देश में चुनाव आयोग की स्थापना हुई. यहां चुनाव आयोग को इलेक्टोरल कमीशन के नाम से जाना जाता है. यह स्वतंत्र रूप से काम करने वाली एजेंसी है, जिसका काम राजनीतिक दलों कोको कंट्रोल करना है. चुनावों में फंडिंग कैसे और कितनी होनी चाहिए और इलेक्शन की प्रक्रिया कैसे पूरी होगी, ऐसे तमाम काम इसी आयोग के जिम्मे रहते हैं.

इसके बाद सवाल उठता है कि चुनाव आयोग के बावजूद पीएम सुनक ने चुनावी की घोषणा क्यों की? इसकी एक वजह है. चुनाव की घोषणा को भी यहां अधिकार की तरह देखा जाता है. 2022 में फिक्स्ड टर्म इलेक्शन एक्ट रद्द किए जाने के बाद यह अधिकार ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को मिल गया गया था. इसलिए इसकी इसकी घोषणा प्रधानमंत्री करते हैं.

कैसे होता है आम चुनाव?

जिस तरह भारत में दो सदन लोकसभा और राज्यसभा हैं, उसकी तरह ब्रिटेन में भी दो सदन हैं. हाउस ऑफ लॉर्ड्स और हाउस ऑफ कॉमन्स. सरकार बनाने या प्रधानमंत्री चुनने में हाउस ऑफ लॉर्ड्स का कोई रोल नहीं होता. पीएम को चुनने का अधिकार हाउस ऑफ कॉमन्स के सदस्यों के पास होता है. इस सदन में 650 सदस्य हैं. इस तरह ब्रिटेन में 650 निर्वाचन क्षेत्र हैं. हर सीट से एक उम्मीदवार जीतकर यहां पहुंचता है. यहां सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी के पास 326 जीती हुई सीटें होना जरूरी है. भारत की तरह यहां पर भी बहुमत न मिलने पर गठबंधन करके पार्टियां सरकार बना सकती हैं. पिछले 14 सालों से ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी की सरकार है.

इस बार होने वाले चुनावों में ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी और लेबर पार्टी के बीच मुकाबला रहेगा. कंजर्वेटिव पार्टी से सुनक PM का चेहरा हो सकते हैं. वहीं प्रतिद्वंद्वी दल से लेबर पार्टी के नेता सर कीर स्टार्मर से सुनक का मुकाबला होगा. कीर स्टार्मर अप्रैल 2020 से लेबर पार्टी के नेता हैं और इंग्लैंड में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के पूर्व डायरेक्टर भी हैं.

ब्रिटेन में कैसे चुनते हैं प्रधानमंत्री?

ब्रिटेन में प्रधानमंत्री की रेस में कौन होगा, यह पहले ही तय हो जाता है. किसी भी कैंडिडेट को प्रधानमंत्री बनने के लिए कम से कम उस पार्टी के 20 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है. नामांकन के बाद पहले मतदान की वोटिंग की जाती है. अगर इसमें किसी कैंडिडेट को 30 से कम वोट मिलते हैं तो रेस से बाहर हो जाता है. इसके बाद कई दौर का मतदान होता है. ऐसा तब तक होता है जब सिर्फ दो उम्मीदवार न बचें.

दूसरे चरण में पार्टी के सदस्य पोस्टल वोट से मतदान करते हैं और पार्टी का नेता चुना जाता है. यहां विजयी होने वाला कैंडिडेट पार्टी नेता के साथ प्रधानमंत्री का पद संभालता है. यानी जो पार्टी जीतती है उसका नेता ही प्रधानमंत्री बनता है.

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