फ्लोरा मैक्स कंपनी पर कसता जा रहा पुलिस का शिकंजा, रजगामार…- भारत संपर्क
फ्लोरा मैक्स कंपनी पर कसता जा रहा पुलिस का शिकंजा, रजगामार में टीम लीडर के घर दी दबिश, दफ्तर किया सील
कोरबा। कोतवाली पुलिस ने रजगामार में फ्लोरा मैक्स के टीम लीडर के यहां दबिश दी। उनके द्वारा जिस दुकान में फ्लोरा मैक्स कंपनी की ब्रांच संचालित की जा रही थी, उसकी पड़ताल करते हुए सील बंद करने की कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि पुलिस ने वहां से कई दस्तावेज भी जब्त किए हैं। जिले में फ्लोरा मैक्स कंपनी की ठगी का मामला प्रदेश स्तर का मुद्दा बन गया है। पुलिस कंपनी के अलग-अलग ठिकानों में लगातार दबिश दे रही है और इससे जुड़े लोगों पर अपना शिकंजा कसती जा रही है। इसी कड़ी में गुरूवार को सीलबंदी के बाद पुलिस ने इन दोनों को कोतवाली तलब किया है। रजगामार सहित आसपास के क्षेत्र केराकछार, गोड़मा व अन्य इलाकों से लगभग डेढ़ करोड़ रुपए का कारोबार किया गया है। हालांकि मामला सामने आने के बाद मानसिक, आर्थिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित हो रही इन महिलाओं को राहत देने के लिए काम हो रहा है। एक टीम लीडर महिला द्वारा खुदकुशी कर लेने उपरांत राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक के द्वारा हस्तक्षेप किए जाने के बाद तथा इससे पहले रजगामार क्षेत्र से महिलाओं द्वारा सीएम से की गई शिकायत के बाद जब यह मामला तूल पकड़ने लगा तब जाकर प्रशासन हरकत में आया। प्रकरण में अपराध दर्ज कर लगभग 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और उनकी संपत्तियों का पता लगाया जा रहा है। कोरबा सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 703/24 धारा 318(2), 318(4), 336, 338,3(5) बीएनएस एवं 6,10 छ.ग. निक्षेपको के संरक्षण अधिनियम 2005 के तहत अपराध दर्ज है।करोड़ों की ठगी का मामला सामने आने के बाद बैंकों और माइक्रो फायनेंस कंपनी को तो दो-तीन माह तक दबाव नहीं बनाने संबंधी निर्देश देकर कर्ज लेने वाली महिलाओं को राहत देने की कोशिश तो की गई है, लेकिन जो महिलाएं कर्ज में दबी है, वे अपने टीम लीडर पर लगातार दबाव बना रही है। क्योंकि महिलाएं उनके कहने पर ही कंपनी से जुड़ी है। इससे टीम लीडर सबसे ज्यादा बुरी तरह से फंसी है।
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पुलिस ने बढ़ाया विवेचना का दायरा
बता दें कि ठगी का यह नेटवर्क सिर्फ कोरबा ही नहीं बल्कि दूसरे जिलों में भी जमकर चला है। जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिले में भी फैला हुआ था। जांजगीर-चांपा जिले में 2700 हजार लोगों से 8 करोड़ की ठगी सामने आई है। टीम लीडर जिनके द्वारा कंपनी के नाम से महिलाओं को जुड़वाया गया और जब उन महिलाओं पर वसूली दबाव बन रहा है तो वह टीम लीडरों पर दबाव बना रही हैं, ऐसे में कुछ टीम लीडर जान देने की कोशिश भी करने लगे हैं। इधर पुलिस के द्वारा विवेचना के दौरान समस्त कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी छत्तीसगढ़ को पत्राचार कर आरोपीगण एवं उनके निकटतम सबंधी के चल-अचल संपति की जानकारी ली जा रही है।