जिले में प्रदूषण जांच की हो रही खानापूर्ति, सड़कों पर धुआं…- भारत संपर्क
जिले में प्रदूषण जांच की हो रही खानापूर्ति, सड़कों पर धुआं छोड़ते दौड़ रहे पुराने वाहन
कोरबा। जिले में दौड़ रहे पुराने वाहनों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण में लगातार बढ़ोतरी कर रहा है। इन वाहनों को कंडम करने की योजना आरटीओ की ओर से अब तक शुरू नहीं हुई है। न ही यातायात पुलिस कोई ध्यान दे रही। यही वजह है कि वाहन चालक पुराने वाहनों को बेखौफ चला चलाते हुए प्रदूषण फैला रहे हैं, जिसका खामियाजा शहरवासियों को ही भुगतना पड़ रहा है। निजी उपयोग के 15 वर्ष पुराने चार पहिया वाहन दौड़ रहे हैं। इन वाहनों के अलावा अन्य वाहनों की प्रदूषण जांच न होने के चलते शहर के वातावरण में प्रदूषण फैल रहा है। जबकि इन वाहनों की जांच के लिए जिले में कई केंद्र हैं। हालांकि इनमें से ज्यादातर केंद्र बंद पड़े हैं , जो चल रहे हैं वे सिर्फ सर्टिफिकेट देने तक ही सीमित हैं। यहां ईमानदारी से जांच नहीं हो रही है। डॉक्टरों के मुताबिक वाहनों से निकलने वाले धुएं से जो कार्बन मोनो आक्साइड निकलता है, अगर वह 120 पीपीएम से ज्यादा है तो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। अधिकारी कहते है कि पुराने वाहनों का समय-समय पर कार्रवाई भी की जाती है। केंद्र संचालकों को निर्देशित भी किया जाता है कि नियमानुसार जांच करें। अगर जांच में कोताही बरती जा रही है कि कार्रवाई करेंगे।
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जांच के लिए 28 बिंदुओं की अनदेखी
एक तो ज्यादातर वाहन मालिक अपने वाहनों की प्रदूषण जांच नहीं करा रहे। जो करा रहे, उनकी भी नियमानुसार जांच नहीं हो रही है। बता दें कि प्रदूषण जांच के 28 बिंदु हैं। लिहाजा इसके तहत गंभीरता से सारे बिंदुओं को पैमाने में रखते हुए जांच होनी चाहिए, पर ऐसा नहीं हो रहा और पुराने वाहने फर्राटे मार रहे हैं।
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ये होने चाहिए प्रदूषण रोकने जतन
0 सभी मुख्य मार्गों के किनारे दोनों ओर पौधरोपण
0 ऑफ रोड वाहनों की जांच हो
0 प्रत्येक वाहन पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की एनओसी अनिवार्य की जाए
0 प्रत्येक पेट्रोल पंप पर वाहनों का प्रदूषण मापने की व्यवस्था हो
0 कंडम वाहनों पर सख्ती से कार्रवाई कर उन्हें हटाया जाए
0 शुद्ध डीजल-पेट्रोल उपभोक्ताओं को प्राप्त हो सके।