यूनिट-5 में मेंटनेंस के दौरान प्री-एयर हीटर प्लेटफॉर्म गिरा,…- भारत संपर्क


बिलासपुर |
बिलासपुर जिले के सीपत थाना क्षेत्र स्थित एनटीपीसी सीपत प्लांट में बुधवार को मेंटनेंस कार्य के दौरान बड़ा हादसा हो गया। प्लांट की यूनिट-5 में काम चल रहा था, उसी दौरान अचानक प्री-एयर हीटर प्लेटफॉर्म टूटकर गिर पड़ा। इस हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई जबकि 8 अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। मृत मजदूर की पहचान श्याम साहू के रूप में हुई है, जो सीपत क्षेत्र के पोड़ी गांव का निवासी था।

घटना के तुरंत बाद सभी घायल मजदूरों को एनटीपीसी अस्पताल, अपोलो हॉस्पिटल और सिम्स भेजा गया। इलाज के दौरान सिम्स में श्याम साहू की मौत हो गई, जबकि अन्य घायलों का उपचार जारी है। इनमें से एक की हालत चिंताजनक बताई जा रही है।
प्रबंधन के खिलाफ फूटा गुस्सा, सड़क पर उतरे परिजन

हादसे की खबर फैलते ही मजदूरों के परिजन बड़ी संख्या में एनटीपीसी प्लांट के बाहर एकत्र हो गए। आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों ने गेट के बाहर और मुख्य सड़क पर चक्काजाम कर दिया, जिससे लंबा जाम लग गया। करीब 8 घंटे तक प्रदर्शन जारी रहा, जिससे राहगीर परेशान होते रहे और ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित हो गई। हालात को देखते हुए प्रशासन ने वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से डायवर्ट कराया।
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने मृतक और घायलों के परिजनों को 50-50 लाख रुपए का मुआवजा और सरकारी नौकरी देने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि मेंटनेंस कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई, जिसके चलते यह हादसा हुआ।

प्रबंधन ने 10 लाख और नौकरी का दिया आश्वासन
विवाद बढ़ता देख एनटीपीसी प्रबंधन की ओर से आश्वासन दिया गया कि मृतक मजदूर के परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा, एक परिजन को नौकरी, और मृतक के वेतन के अनुसार पेंशन दी जाएगी। घायलों का इलाज एनटीपीसी की ओर से कराया जा रहा है। हालांकि, प्रदर्शनकारी इस मुआवजा राशि से असंतुष्ट दिखे और मांग पर अडिग रहे।
घटना की जांच जारी, सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल
हादसे के संबंध में एनटीपीसी सीपत की ओर से आधिकारिक बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया है कि “सीपत स्टेशन की यूनिट-5 में प्री-एयर हीटर प्लेटफॉर्म के गिरने की जानकारी प्राप्त हुई है। हादसे में 5 संविदा श्रमिक घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है। घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है, जांच पूरी होने के बाद विस्तृत जानकारी दी जाएगी।”
वहीं दूसरी ओर स्थानीय ग्रामीणों और मजदूर संगठनों ने मांग की है कि हादसे की निष्पक्ष जांच कराई जाए और यदि लापरवाही सामने आती है तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
तनावपूर्ण रहा माहौल, भारी पुलिस बल तैनात
घटना के बाद यूनिट-5 के गेट के पास सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जुट गए। स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई। गेट के बाहर का माहौल तनावपूर्ण बना रहा, हालांकि देर शाम तक पुलिस और प्रशासन की समझाइश के बाद प्रदर्शनकारियों को शांत कराया गया।
मजदूर संगठनों ने जताया रोष
हादसे के बाद कई मजदूर संगठनों ने भी एनटीपीसी प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि ठेका मजदूरों की सुरक्षा से जुड़ी कई व्यवस्थाएं कागजों तक सीमित हैं, जबकि ज़मीनी हकीकत अलग है। संगठनों ने उच्च स्तरीय जांच और श्रमिकों के हित में सख्त कार्रवाई की मांग की है।
एनटीपीसी सीपत प्लांट में हुए इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर औद्योगिक स्थलों पर सुरक्षा मानकों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक परिवार ने अपने सदस्य को खो दिया, जबकि कई अन्य जख्मों के साथ अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। प्रशासन और प्रबंधन की जिम्मेदारी बनती है कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जाए और पीड़ित परिवारों को समुचित न्याय और सहायता मिल सके।
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