प्रीपेड मीटर-पहले दो महीने रिचार्ज की जरूरत नहीं, 300 रुपए…- भारत संपर्क
प्रीपेड मीटर-पहले दो महीने रिचार्ज की जरूरत नहीं, 300 रुपए बकाया तक नहीं कटेगी बिजली
कोरबा। जिले के बिजली उपभोक्ताओं के घरों और दफ्तरों में बिजली के प्रीपेड मीटर लगाने का जल्द शुरू हो जाएगा। नए मीटर लगने के कुछ दिनों बाद प्री-पेड सिस्टम चालू हो जाएगा। इसके बाद मोबाइल की तरह ही बिजली के लिए रिचार्ज किया जाएगा। हालांकि पहले दो महीने तक लोगों को उसे रिचार्ज नहीं करना पड़ेगा। बिजली कंपनी सभी उपभोक्ताओं के मीटर में औसत दो महीने का बैलेंस डालेगी। इसके अलावा उपभोक्ताओं को अब हर साल वूसली जाने वाली सुरक्षा निधि से भी छुटकारा मिल जाएगा। नाम ट्रांफसर कराने, लोड बढ़वाने की व्यवस्था यथावत रहेगी। मीटर बदलने के एवज में कंपनी कोई शुल्क नहीं लेगी। उपभोक्ताओं को प्री-पेड सिस्टम में कुछ अतिरिक्त सुविधा भी मिलेगी।बिजली कंपनी अभी पोस्ट-पेड सिस्टम पर बिल ले रही है। यानी उपभोक्ता अभी बिजली उपयोग कर लेता है। फिर बिल भरता है। नए सिस्टम के तहत लोग पहले बिजली का भुगतान करेंगे और उसके बाद बिजली का उपयोग करेंगे।कंपनी उपभोक्ताओं को राहत देगी। रात के वक्त और छुट्टी के दिन बिजली बंद नहीं की जाएगी। जैसे शनिवार-रविवार छुट्टी है तो बिजली सोमवार को बंद हो जाएगी। यह आटोमैटिक होगी। भुगतान के लिए बिजली कंपनी एप बनवा रही है। इसमें सारे फीचर्स होंगे।प्रीपेड सिस्टम में बैलेंस कम होने का मैसेज एक सप्ताह पहले से आ जाएगा।यह तो सिंपल वालेट में पैसा डालने जैसा होगा। उपभोक्ता अपने बैंक अकाउंट से मीटर को रिचार्ज कर लेंगे। यह पैसा उपभोक्ता के बीपी नंबर के आधार पर तैयार किए गए अकाउंट में रहेगा। खपत के आधार पर पैसा घटता जाएगा। पैसे कम होने पर लोग 5 दिन और 10 दिन की जरूरत के अनुसार रिचार्ज कर सकेंगे।रिचार्ज और तमाम रियायतें खत्म होने के बाद बिजली सप्लाई बंद हो जाएगी। बाद में रिचार्ज होती ही बिजली बहाल हो जाएगी। ये ऑटोमेटेड है।न्यूनतम बैलेंस की जरूरत नहीं होगी। माइनस 300 रुपए तक बैलेंस होने का कारण इसकी जरूरत नहीं। कोई यूजर यदि दो-तीन माह के लिए घर से बाहर जा रहा है, तो उन्हें मीटर में न्यूनतम बैलेंस रखना होगा।प्री-पेड मीटर चालू होने के बाद लोगों के मीटर में पहला रिचार्ज बिजली कंपनी के पास जमा सुरक्षा निधि से होगा। बिजली कंपनी हर उपभोक्ता के दो महीने के बिल के बराबर रकम अतिरिक्त सुरक्षा निधि के रूप में रखती है। पोस्ट-पेड सिस्टम में यह जरूरी है। इस सिस्टम में बिजली कंपनी लोगों को बिजली देने के एक महीने के बाद बिल जारी करती है। बिल का पेमेंट आने में डेढ़ से दो महीने लग जाते हैं।