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बिजली कंपनी में कर्मचारियों की पदोन्नति रुकी, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों के पुनर्गठन की मांग
कोरबा। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी में कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पदों के पुनर्गठन (रिस्ट्रक्चरिंग) की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। वर्षों से इस मांग के लंबित रहने के चलते बड़ी संख्या में कर्मचारियों की पदोन्नति रुकी हुई है, जिसके कारण उनको आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। ऐसे में कर्मचारियों में निराशा भी देखी जा रही है। कंपनी के कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वर्ष 2018 में बिजली कंपनी में अधिकारियों के पदों का पुनर्गठन किया गया था। उस समय कर्मचारियों को भी यह उम्मीद थी कि जल्द ही उनके पदों का भी पुनर्गठन होगा और उन्हें पदोन्नति का अवसर मिलेगा। लेकिन अब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो सकी है।कर्मचारियों का कहना है कि वर्षों से पदोन्नति की राह देख रहे हैं, लेकिन प्रबंधन की ओर से इस दिशा में कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है। इससे कर्मचारियों का मनोबल गिरने के साथ ही उनकी कार्य क्षमता पर भी असर पड़ता है। प्रबंधन से मांग की गई है कि कर्मचारियों के हित में लंबित पद पुनर्गठन की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाए, जिससे पात्र कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ मिल सके। बिजली कर्मचारी संघ का कहना है कि कर्मचारियों के पदों के पुनर्गठन की मांग के मुद्दे पर हाल ही में प्रबंधन द्वारा कमेटी का गठन किया गया है। संगठन की मांग पर ही प्रबंधन द्वारा कमेटी का गठन करते हुए संघ के पदाधिकारियों से इस विषय पर सलाह मांगी गई है।
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एक ही पद व वेतनमान पर कार्य करने मजबूर
बिजली कर्मचारी संघ के अनुसार कर्मचारी हितों से जुड़े इस मुद्दे को लेकर बिजली कंपनी प्रबंधन के समक्ष कई बार मांग रखी गई है। अब तक आश्वासन ही मिलता रहा है। कंपनी में कर्मचारियों के पदों का पुनर्गठन नहीं होने के कारण कर्मचारियों प्रमोशन नहीं मिल रहा है। लंबे समय से एक ही पद व वेतनमान पर कार्य करने मजबूर हैं। इससे बिजली कंपनी में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के लगभग 9 हजार कर्मचारी इससे प्रभावित हैं।