असामाजिक तत्वों से सुरक्षा, किस्तों में फीस लेने व शिक्षकों…- भारत संपर्क

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असामाजिक तत्वों से सुरक्षा, किस्तों में फीस लेने व शिक्षकों…- भारत संपर्क

बिलासपुर/-

असामाजिक तत्वों से कॉलेज के छात्र-छात्राओं की सुरक्षा, फीस को किस्तों में जमा करने की छूट, छात्रों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की भारी कमी दूर करने, शिक्षकों को यूजीसी के आधार पर वेतन देने, लाइब्रेरी में पुस्तकों की कमी समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को डीपी लॉ कॉलेज के छात्रों ने उग्र प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान प्रचार संस्था के प्राचार्य का घेराव कर छात्रों ने जमकर नारेबाजी की।

मांगों को लेकर सोमवार की सुबह से ही प्रतिभा पैनल के नेतृत्व में छात्र सक्रिय हो गए थे, दोपहर करीब 12:00 बजे बड़ी संख्या में एकजुट हुए छात्रों ने नारेबाजी करते हुए प्राचार्य कक्ष के बाहर धरना दे दिया व “रघुपति राघव राजा राम.. कॉलेज प्रबंधन को बुद्धि दे भगवान” जैसे गाने गाने लगे व जमकर नारेबाजी की। आंदोलन कर रहे छात्र‌ राघवेंद्र सिंह ने कहा कि छात्रों की मूलभूत आवश्यकताओं को लेकर लगातार प्राचार्य महोदय से बात हो रही है, लेकिन जवाब में सिर्फ कोरा आश्वासन मिलता है जिसके कारण हमें यह आंदोलन करना पड़ रहा है। आंदोलनकारी छात्रा कु. अंकिता ने कहा कि डीपी लॉ कॉलेज का परिसर ही सुरक्षित नहीं है। यहां पर कॉलेज में नहीं पढ़ने वाले लोग भी आए दिन आते रहते हैं व छात्राओं से छेड़खानी करते हैं। इसकी पहले भी शिकायत महाविद्यालय के प्राचार्य से की जा चुकी है लेकिन उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। आंदोलनकर्ता छात्र श्रीकांत ने कहा कि कॉलेज में शिक्षकों की भारी कमी है। कहने को तो यहां शिक्षकों की नियुक्ति यूजीसी के मापदंडों के अनुसार होती है लेकिन उन्हें वेतन 10000 से 15000 ही दिया जा रहा है. इतने कम वेतन होने के परिणाम स्वरूप अधिकांश शिक्षक अधिक वेतन मिलने पर या अन्य कारणों से बीच सत्र में कॉलेज छोड़कर चले जाते हैं जिससे छात्रों की पढ़ाई बहुत प्रभावित होती है। इसी का परिणाम है कि परीक्षा में छात्रों का वो रिजल्ट नहीं आ पाता, जिनकी वो योग्यता रखते हैं। छात्रा श्रेया मिश्रा ने कहा कि कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं के सूची में आने वाली गर्ल्स कॉमन रूम की सुविधा भी ठीक से नहीं है। इसके साथ ही NSS प्रभारी की नियुक्ति, प्लेसमेंट इकाई गठित करने, मूक कोर्ट के निर्माण, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, कैंटीन की सुविधा, वाहन पार्किंग की व्यवस्था समेत अन्य मांगों को लेकर छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया। करीब 2 घंटे तक लगातार प्रदर्शन करने के बाद कॉलेज के प्राचार्य द्वारा उक्त सभी मांगों को पूरा करने के आश्वासन दिया गया जिसके बाद आंदोलनकारी शांत हुए। छात्रों ने एक स्वर में कहा कि अगर जल्द से जल्द उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह और भी उग्र प्रदर्शन को लेकर बाद ही होंगे और इसकी जवाबदेही केवल महाविद्यालय प्रबंधन की होगी। प्रदर्शन करने वालों में प्रमुख रूप से शशांक चंद्र दुबे, दीपक सिन्हा, विशाल मरावी, राहुल देवांगन, प्रविश ठाकुर, रोशन चंद्रा, कुणाल श्रीवास, पवन सिंह, फहुराम साहू, जय कुमार, समीर नारंग, आर्यन राठौर, भीम पटेल , मितेश साहू, आर्यन प्रिये , दिगंबा भारद्वाज , प्रियांशु तिग्गा अंजली कांछी , नीलम चंद्रवंशी, अदिति आपाट, अर्पिता ठाकुर, प्रियंका , प्रांजलजी, मुस्कान टंडन, प्रीति श्याम, याचना मरकाम, चेतना ठाकुर, हर्विता समेत बड़ी संख्या में शामिल थे।

ये हैं छात्रों की12 सूत्रीय मांगों की सूची

  1. सभी वर्गों के (मध्यम/गरीब व अन्य) छात्र – छात्राओं को सेमेस्टर शुल्क जमा करने में समस्या है बढ़ती महंगाई को देखते हुए इसे किस्तों में जगा करने के लिए प्रशाशन समिति द्वारा छात्रहित में उचित निर्णय ले।
  2. महाविद्यालय परिसर में पिछले कुछ दिनों से आसामाजिक तत्वों का शैक्षणिक क्रिया-कलापों में व्यवधान डाल रहे है जिससे प्रत्यक्ष तौर पर अध्ययनरत छात्र-छात्राओ की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वही एक डर का माहोल बना है। छात्र संघ मांग करता है कि इस विषय पर विचार करते हुए उचित कार्यवाही करे।
  3. महाविद्यालय में छात्रों के संख्या के अनुपात में शिक्षकों की भारी कमी हैं। इसके अलावा बीच सत्र में शिक्षकों द्वारा इस्तीफा दे देने से छात्रों के अध्ययन अध्यापन की प्रक्रिया में काफी व्यवधान होता है। इसी का परिणाम है कि सेमेस्टर परीक्षाओं में छात्रों के परीक्षा परिणाम प्रभवित होते है व बड़ी संख्या में छात्र बैक आ जाते हैं। यह भी देखा गया है कि इस कारण छात्र-छात्राएं बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं। छात्र-छात्राएं महाविद्यालय प्रबंधन से मांग करती है की शिक्षकों की कमी को जल्द से जल्द पूरा किया जाए व शिक्षकों को UGC वेतनमान के आधार पर या मातु संस्था डी.पी. विप्र. महाविद्यालय के अनुरूप वेतन दिया जाये ताकी बीच सत्र में कोई शिक्षक महाविद्यालय को छोड़ कर न जाए और छात्रों के अध्ययन में कोई व्यवधान ना उत्पन्न हो।
  4. महाविद्यालय में छात्राओं की सुविधा को देखते हुवे गर्ल्स कॉमन रूम कि विशेष सुविधा की जाये।
  5. महाविद्यालय की लाइब्रेरी में नए पाठ्यक्रमों से सम्बंधित किताबों व शोध पत्र की विशेष कमी है, साथ ही अन्य पाठ्यक्रम से जुड़ी किताबों की भी कमी है। छात्रों की संख्या के अनुपात में लाइब्रेरी में बैठक व्यवस्था काफी लचर है, टेबल कुर्सी की कमी हैं। जिसे UGC के नियमों के आधार पर व्यवस्थित किया जाये जिससे छात्रों को असुविधा का सामना ना करना पड़े।
  6. प्लेसमेन्ट सेल की स्थापना हो जिससे छात्र छात्राओं के पढ़ाई के साथ ही रोजगार उपलब्ध हो सके और पढ़ाई के तुरंत बाद ही उन्हें काम उपलब्ध हो उन्हें नौकरी के लिए भटकना न पड़े।
  7. महाविद्यालय में छात्रों के प्रतिभा को निखारने और स्वास्थ्य/ सेहत को ध्यान रखते हुए एक खेल कैलेण्डर बनाया जाये तथा महाविधायालय के ही विद्यार्थियों के मध्य ही खेलों का स्पर्धा कराया जाये जिससे छात्र-छात्राएं शिक्षा के साथ ही साथ अपनी प्रतिभा को सामने ला सके और महाविद्यालय और विश्वविद्यालय का नाम रौशन कर सके.
  8. मूट कोर्ट को प्रथम कक्षा से पढ़ाया जाना चाहिए ताकि उन्हें भविष्य में इसकी संपूर्ण जानकारी रहे।
  9. महाविधायालय के N.S.S. इकाई में कार्यक्रम अधिकारी का पद रिक्त है, उस रिक्त पद पर योग्य शिक्षक कि नियुक्ति तत्काल करे छात्रो को कार्यक्रम अधिकारी की कमी के वजह से समस्या हो रही है, उचित कार्यवाही करें।
  10. महाविद्यालय परिसर में शुद्ध पेयजल, साफ सुथरी शौचालय व महाविद्यालय परिसर में व्याप्त गन्दगी को तत्काल दूर किए जाने की जरूरत है।
  11. महाविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों के वाहन को रखने के लिए पार्किंग हेतु शेड निर्माण की आवश्यकता हैं। तत्काल व्यवस्था किए जाने की जरूरत है।
  12. महाविद्यालय परिसर में विद्यार्थियों के जलपान हेतु केंटिन की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि उचित दर पर छात्र छात्रों को भोज्य सामग्री प्राप्त हो सके।

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