बिलासपुर में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए जनता ने दिए…- भारत संपर्क

बिलासपुर। न्यायधानी की ट्रैफिक व्यवस्था पर सवाल उठ रहे है, इसे लेकर शहर के जागरूक नागरिकों ने ट्रैफिक सुधार के लिए कई अहम सुझाव दिए हैं, जिन पर अमल किया जाना आवश्यक है।
भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में वाहनों पर प्रतिबंध
शहर के अत्यधिक भीड़भाड़ वाले इलाकों में चारपहिया और तिपहिया वाहनों के प्रवेश पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने की मांग उठी है। साथ ही, इन क्षेत्रों में ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की तैनाती कर व्यवस्था को सुचारु बनाए जाने का सुझाव दिया गया है।

ऑटो और बसों के लिए स्टॉपर अनिवार्य
आवागमन को व्यवस्थित करने के लिए ऑटो रिक्शा और बसों के लिए स्टॉपर तय किए जाने चाहिए। इसके अलावा, अनावश्यक रूप से सड़क जाम करने वालों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। बार-बार नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के लाइसेंस निलंबित करने और उनके वाहनों को जब्त करने की सिफारिश की गई है।
ड्रेस कोड और किराया सूची की अनिवार्यता
ऑटो रिक्शा और बस चालकों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य किए जाने की मांग की गई है। साथ ही, सभी सार्वजनिक वाहनों में किराया सूची चस्पा करने का सुझाव दिया गया है, जिससे यात्रियों को मनमाने किराए से बचाया जा सके। रायपुर की तर्ज पर शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ऑटो रिक्शा के परिचालन को रंग-विशेष से चिह्नित करने की आवश्यकता बताई गई है।
भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध
स्कूल, कॉलेज और कार्यालयों के खुलने तथा बंद होने के समय भारी वाहनों के प्रवेश पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है, ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
“ट्रैफिक प्रहरी” योजना की मांग
शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए जागरूक नागरिकों को “ट्रैफिक प्रहरी” के रूप में नियुक्त करने और उन्हें ट्रैफिक नियमों का प्रशिक्षण देकर प्रमुख चौक-चौराहों पर तैनात करने की मांग की गई है।
पार्किंग व्यवस्था में सुधार जरूरी
शहर में पार्किंग के लिए स्थान चिन्हित कर नागरिकों को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। मल्टी-लेवल पार्किंग को निशुल्क करने और लोगों को वहां वाहन खड़ा करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताई गई है। नो-पार्किंग क्षेत्र में वाहन खड़ा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का सुझाव दिया गया है।
बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नल सुधारने की मांग
शहर में बंद पड़े ट्रैफिक सिग्नलों को दुरुस्त करने की जरूरत है। साथ ही, हर ट्रैफिक सिग्नल पर “ट्रैफिक प्रहरी” की तैनाती कर नियम तोड़ने वालों के खिलाफ तत्काल चालानी कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
यातायात सहायता केंद्र फिर से शुरू करने की मांग
ट्रैफिक पुलिस द्वारा बंद किए गए यातायात सहायता केंद्र को फिर से शुरू करने की मांग की गई है, जिससे वाहनों की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
आवारा मवेशियों से बचाव के लिए कदम उठाने की जरूरत
सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम को मिलकर आवारा मवेशियों के गले में रेडियम बेल्ट लगाने की आवश्यकता बताई गई है, जिससे वाहन चालकों को रात के समय मवेशियों की उपस्थिति का आसानी से पता चल सके। इसके अलावा, आवारा मवेशियों को सड़कों पर छोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का सुझाव दिया गया है।
शहरवासियों के इन महत्वपूर्ण सुझावों पर यदि प्रशासन जल्द से जल्द अमल करता है, तो ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार लाया जा सकता है। अब देखना यह होगा कि शासन-प्रशासन इस दिशा में कितनी तत्परता दिखाता है।
Post Views: 2