पुतिन के भरोसेमंद… वे शख्स जो हैं क्रेमलिन की सबसे बड़ी ताकत | Vldadimir Putin… – भारत संपर्क

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पुतिन के भरोसेमंद… वे शख्स जो हैं क्रेमलिन की सबसे बड़ी ताकत | Vldadimir Putin… – भारत संपर्क
पुतिन के भरोसेमंद... वे शख्स जो हैं क्रेमलिन की सबसे बड़ी ताकत

रूस के राष्‍ट्रपत‍ि पुत‍िन के भरोसेमंद ही उनकी बडी ताकत हैं.

व्लादिमिर पुतिन ने छह साल के नए कार्यकाल के लिए पांचवीं बार रूस के राष्ट्रपति पद की शपथ ली. सदी की शुरुआत से रूस पर शासन करने वाले 71 वर्षीय पुतिन एक बार फिर ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस की रेड कार्पेट पर चलते नजर आए.

पुतिन ने पहली बार औपचारिक तौर पर सन् 2000 में रूस की सत्ता संभाली थी. उसके बाद से भारत ने तीन प्रधानमंत्रियों को बदलते देखा है. ब्रिटेन में 7 प्रधानमंत्री बदल चुके हैं, जबकि अमेरिका में पांच अलग-अलग राष्ट्रपतियों को देखा है. यहां तक कि यूक्रेन में युद्ध अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर रहा है, लेकिन पुतिन ने डगमगाने के कोई संकेत नहीं दिखाए हैं. पुतिन के इस फैसले के पीछे उनके कुछ भरोसेमंद भी शामिल हैं जो क्रेमलिन की सबसे बड़ी ताकत माने जाते हैं. पुतिन सिर्फ फैसला लेते हैं, वह काम कैसे होगा ये उनके भरोसेमंद ही तय करते हैं.

कौन हैं पुतिन के भरोसेमंद?

यह कोई नहीं जानता कि पुतिन अपने सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक निर्णय कैसे लेते हैं, लेकिन कुछ व्यक्तियों पर इस बात का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है. इनमें सबसे भरोसेमंद माने जाते हैं रूस की सुरक्षा परिषद के प्रमुख निकोलाई पेत्रुशेव. 72 साल के पेत्रुशेव ने मोंटेनेग्रो को नाटो में शामिल होने से रोकने के लिए 2016 में तख्तापलट करा दिया था.

इस सूची में दूसरा नाम 72 वर्षीय अलेक्जेंडर बोर्टनिकोव का है जो एफएसबी के वर्तमान निदेशक हैं और रूस के शीर्ष सुरक्षाकर्मियों में से एक है. सबसे खास बात ये कि उनकी गिनती भी पुतिन के विश्वासपात्र लोगों में होती है. रूस पर उनकी मजबूत पकड़ है. नागरिक समाज पर अभूतपूर्व प्रतिबंधों के साथ-साथ, उनकी निगरानी में हजारों लोगों को हिरासत में लिया गया है. यह भी माना जाता है कि वह राष्ट्रपति के आसपास पश्चिम विरोधी भावना को बढ़ावा देते हैं.

जासूसी के दिनों का दोस्त

69 वर्षीय सर्गेई नारीश्किन रूस की विदेशी खुफिया एजेंसी एसवीआर के प्रमुख हैं. पुतिन और नारीश्किन की बॉन्डिंग उनके जासूसी प्रशिक्षण के दिनों से चली आ रही है. नारीश्किन को उसी समय ब्रुसेल्स में तैनात किया गया था जब पुतिन को केजीबी द्वारा ड्रेसडेन भेजा गया था. 68 वर्षीय रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू पुतिन के लंबे समय से विश्वासपात्र हैं. दरअसल, वह अतीत में पुतिन के साथ सर्बिया में शिकार और मछली पकड़ने की यात्रा पर जा चुके हैं. शोइगु को एक समय संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था. उन्होंने 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे की निगरानी की थी.

कौन है यूक्रेन हमले का मास्टरमाइंड?

यूक्रेन हमले का मास्टरमाइंटउ 68 वर्षीय आर्मी जनरल वालेमरी गेरासिमोव को माना जाता है जो जनरल स्टाफ के प्रमुख हैं. यूक्रेनी आक्रमण की योजना जनरल गेरासिमोव की प्रेरणा थी. युद्ध के पहले कुछ हफ्तों में कीव से रूस की प्रारंभिक वापसी और फिर अगले नवंबर में खेरसॉन से पीछे हटने का श्रेय जनरल गेरासिमोव को दिया जाता है.

74 वर्षीय विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव क्रेमलिन के प्रथम उप-प्रमुख हैं, और अब उन्होंने एक राजनीतिक रणनीतिकार की अधिक प्रमुख भूमिका निभाई है. वह यूक्रेन में रूस के कब्जे वाले क्षेत्रों और पुतिन के राजनीतिक प्रभाव अभियानों के प्रबंधन में प्रभावशाली रहे हैं.

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