इजराइल से हमले का बदला नहीं ले पाएगा कतर, अमेरिका ने कर दिया गेम – भारत संपर्क


कतर के अमीर तमीम बिन हमद अल थानी
7 अक्टूबर 2023 से अब तक इजराइल सात देशों में हमले कर चुका है और कतर अब इस लिस्ट में शामिल हो गया है. हाल ही में कतर की राजधानी दोहा में इजराइल ने ताबड़तोड़ हमले किए थे. जिससे पूरा मध्य-पूर्व एक बार फिर तनाव से गुजर रहा है. हमले का निशान हमास की बैठक थी, जो गाजा युद्धविराम पर बातचीत करने के लिए जुटे थे.
मगर इस हमले की गूंज सिर्फ मध्य-पूर्व तक ही सीमित नहीं है बल्कि सीधे अमेरिका भी सकते में आ गया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद बयान देकर साफ कर दिया है कि ये फैसला उनका नहीं बल्कि इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का था.
दोहा पर बम, वॉशिंगटन में खलबली
मंगलवार सुबह अमेरिकी सेना ने देखा कि इजराइली जेट खाड़ी की ओर बढ़ रहे हैं. अमेरिका ने तुरंत स्पष्टीकरण मांगा लेकिन तब तक मिसाइलें उड़ चुकी थीं. निशाना बना हमास नेताओं की बैठत जो राष्ट्रपति ट्रंप की नई शांति प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे. व्हाइट हाउस का मानना था कि हफ्ते के अंत तक हमास से औपचारिक जवाब मिलेगा. लेकिन हमले ने पूरी तस्वीर बदल दी. कतर जो अब तक इजराइल हमसा युद्ध में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा खुद युद्ध का मैदान बन गया.
अमेरिका का गुस्सा और ट्रंप का संदेश
हमले से व्हाइट हाउस सकते में आ गया. ट्रंप ने प्रेस को बताया कि वो इस कदम से खुश हीं है. ट्रंप की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने कहा है कि कतर एक अहम सहयोदी है और शांति प्रक्रिया में बेहद अहम भूमिका निभा रहा है. ऐसे में उसकी जमीन पर हमला न तो अमेरिका और न ही इज़राइल के लिए फायदेमंद है.
ट्रंप ने कतर के अमीर और प्रधानमंत्री दोनों को कॉल कर आश्वासन दिया कि ऐसा दोबारा नहीं होगा. साथ ही, उन्होंने इजराइल के पीएम नेतन्याहू को फोन कर चिंता जताई और शांति प्रक्रिया आगे बढ़ाने की नसीहत दी. ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि ये नेतन्याहू का फैसला था, मेरा नहीं. उन्होंने विदेश मंत्री मार्को रुबियो को निर्देश दिया है कि अमेरिका-कतर रक्षा समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाए. अमेरिका के इस रूख की वजह से कहा जा रहा है कतर इजराइल से हमले का बदला नहीं लेगा.