चैंपियंस ट्रॉफी: आखिरी मैच में रवींद्र जडेजा को मिले 2 मेडल, ये है वजह – भारत संपर्क

रवींद्र जडेजा को मिले दो मेडल (फोटो-पीटीआई)
करारा प्रहार और गया चौका…रवींद्र जडेजा के इस शॉट के साथ ही टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी की विजेता बन गई. दुबई में हुई खिताबी भिड़ंत में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराया. इस ऐतिहासिक जीत के बाद टीम इंडिया को बेहतरीन चमचमाती ट्रॉफी मिली और सभी खिलाड़ियों को खास मेडल से नवाजा गया. लेकिन दिलचस्प बात ये है कि रवींद्र जडेजा को एक नहीं दो मेडल मिले. चौंकिए नहीं रचिन रवींद्र को दूसरा मेडल टीम इंडिया ने दिया जो कि उनकी बेहतरीन फील्डिंग के लिए नवाजा गया. टीम इंडिया हर मैच के बेस्ट फील्डर को एक मेडल देती है और फाइनल मैच में ये तमगा रवींद्र जडेजा को मिला. रवींद्र जडेजा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ ना कोई कैच पकड़ा और ना ही उन्होंने कोई रन आउट किया लेकिन इसके बावजूद उन्हें ये मेडल क्यों मिला इसका जवाब भी आप जानिए.
रवींद्र जडेजा की कमाल ग्राउंड फील्डिंग
रवींद्र जडेजा ने भले ही कोई मैच ना पकड़ा हो लेकिन अपनी बेहतरीन ग्राउंड फील्डिंग से उन्होंने कई रन बचाए. यहां तक कि उन्होंने ब्रेसवेल को रन आउट करने का एक मौका भी बनाया लेकिन कुलदीप की गलती की वजह से ये मौका भी चूक गया. खैर इसका मैच पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा और टीम इंडिया चैंपियन बन गई. इसके बाद रवींद्र जडेजा की बेहतरीन फील्डिंग को सलाम किया गया और उन्हें फील्डिंग कोच टी दिलीप ने मेडल पहनाया.
जडेजा की कमाल गेंदबाजी
फाइनल मैच में जडेजा ने कमाल गेंदबाजी की. इस खिलाड़ी ने 10 ओवर में सिर्फ 30 रन दिए और उन्होंने एक विकेट हासिल किया. जडेजा को टॉम लैथम का अहम विकेट मिला जो कि टीम इंडिया के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते थे. बाद में जडेजा ने बल्ले से विनिंग चौका लगाकर दबाव भरे मुकाबले में टीम इंडिया को जीत दिलाई.
जीत के बाद क्या बोले जडेजा?
जीत के बाद रवींद्र जडेजा ने कहा, ‘यही मेरी कहानी है; कभी हीरो, कभी जीरो. नए बल्लेबाज के लिए विकेट आसान नहीं था. हार्दिक और केएल ने बहुत अच्छा खेला. चैंपियंस ट्रॉफी जीतना बहुत बड़ी बात है. इतने लंबे समय तक खेलने के बाद भी अगर कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं जीत पाएं, तो दुख होता है.’