रजत पाटीदार ने 6 पारियों में बनाए 63 रन, अब नहीं कर सकते मौका ना मिलने की श… – भारत संपर्क

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रजत पाटीदार ने 6 पारियों में बनाए 63 रन, अब नहीं कर सकते मौका ना मिलने की श… – भारत संपर्क

रजत पाटीदार हुए बुरी तरह फेल. (AFP Photo)
रांची टेस्ट की चौथी पारी में भारत को जीत के लिए 192 रन चाहिए थे. भारत का पहला विकेट गिरा तब स्कोरबोर्ड पर 84 रन जुड़ चुके थे. इसके बाद रोहित शर्मा भी मुश्किल पिच पर चूके और विकेटकीपर को कैच दे बैठे. उस वक्त स्कोरबोर्ड पर 99 रन थे. यानी भारत को जीत के लिए अब भी 93 रन की जरूरत थी. क्रीज पर आए रजत पाटीदार, उम्मीद थी कि रजत पिछली पांच पारियों की तरह फिर से गलती नहीं करेंगे और कुछ रन जोड़ेंगे. लेकिन फैंस के अंदर इस बात का डर भी था कि जब ठीक-ठाक विकेट पर रजत का बल्ला नहीं चला तो इस मुश्किल विकेट पर वो क्या ही कर पाएंगे? सिर्फ कुछ ही मिनट में फैंस के दिल का डर ही सही साबित हुआ. रजत पाटीदार एक बार फिर बगैर खाता खोले पवेलियन लौट गए. शोएब बशीर की गेंद पर वो शॉर्ट लेग पर लपके गए. इससे पहले रांची टेस्ट की पहली पारी में भी उन्होंने सिर्फ 17 रन बनाए थे.
राजकोट टेस्ट में उन्होंने पहली पारी में 5 रन बनाए थे. दूसरी पारी में खाता तक नहीं खोल पाए थे. विशाखापट्ट्नम में उन्होंने 32 और 9 रन की पारियां खेली थीं. जीत के शोर में कई बार छोटी-मोटी बातें दब जाती हैं. लेकिन रजत पाटीदार का केस अब इतना कमजोर हो गया है कि उनकी छुट्टी होना तय है. अब इस सीरीज के 3 टेस्ट मैच के बाद उनके खाते में कुल जमा 63 रन हैं. जो इस बात का सबूत हैं कि घरेलू क्रिकेट और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का फर्क समझने में कई बार खिलाड़ियों से भूल हो जाती है. ये वही रजत पाटीदार हैं जो फर्स्ट क्लास क्रिकेट में चार हजार से ज्यादा रन बना चुके हैं. इसमें 12 शतक भी शामिल हैं. अभी इस सीरीज के लिए टीम में चुने जाने से पहले भी वो साइड मैच में लगातार दो शतक जड़कर आए थे.
केएल राहुल के ना खेलने पर मिला था मौका
वैसे रजत पाटीदार को रांची टेस्ट में भी मौका नहीं मिलता. लेकिन उनकी किस्मत ने साथ दिया. पहले टेस्ट मैच में चोटिल हुए केएल राहुल रांची टेस्ट तक भी फिट नहीं हो पाए. ऐसे में कप्तान रोहित शर्मा ने रजत पादीदार के साथ ही जाना ठीक समझा. ऐसा करके उन्होंने रजत पाटीदार को लगातार तीन टेस्ट मैच भी दे दिए. जो आज की तारीख में किसी भी खिलाड़ी को अपनी काबिलियत दिखाने के लिए ठीक-ठाक मौका कहा जा सकता है. किस्मत कहिए या बदकिस्मत इन तीनों टेस्ट मैच की सभी 6 पारियों में रजत पाटीदार को बल्लेबाजी का मौका भी मिला. लेकिन पाटीदार कुछ खास नहीं कर पाए. राजकोट टेस्ट की दूसरी पारी में तो उनके ऊपर कोई दबाव भी नहीं था, लेकिन जिस तरह का शॉट खेलकर वो आउट हुए उसे समझदारी बिल्कुल नहीं कहा जाएगा.
6 पारियों में 2 बार वो बिना खाता खोले आउट हुए. 2 बार वो दहाई के आंकड़े तक भी नहीं पहुंचे. दिक्कत ये भी है कि इन पारियों में उनकी बल्लेबाजी में वो ‘इंटेड’ भी नहीं दिखा जो अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत में दिखता है. अफसोस इस बात का है कि रजत पाटीदार 30 साल से ज्यादा के हैं. अगर उनकी उम्र 23-24 साल होती तो आप कह सकते थे कि अभी उनके पास वक्त बहुत है. अब तो हालात ये है कि एक बार टीम से बाहर हुए तो वापसी में ही लंबा समय लग जाएगा.
बाकि खिलाड़ियों से सीखना होगा
इसी सीरीज में टीम इंडिया में तीन और खिलाड़ियों ने अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की. सरफराज खान, ध्रुव जुरेल और आकाशदीप. तीनों घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करके आ रहे थे. तीनों ने इस मौके को दोनों हाथ से बटोरा. सरफराज और ध्रुव जुरेल ने राजकोट में आकाशदीप ने रांची टेस्ट में डेब्यू किया. सरफराज खान ने राजकोट टेस्ट की दोनों पारियों में शानदार अर्धशतक लगाया. उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों को स्वीप और रिवर्स स्वीप शॉट खेलकर बैकफुट पर रखा. ध्रुव जुरेल ने भी अच्छी पारी खेली. रांची टेस्ट में तो ध्रुव जुरेल बहुत बड़े हीरो बनकर उबरे. पहली पारी में उन्होंने 90 रन बनाए. निचले क्रम के बल्लेबाज़ों के साथ उन्होंने कमाल की बल्लेबाजी की. हाथ से फिसल चुके टेस्ट मैच को वो वापस भारत की मुट्ठी में लाए. जिसके बाद गेंदबाजों ने अपना काम किया और बाजी भारतीय टीम ने मारी. दूसरी पारी में भी जब 192 रन का छोटा सा लक्ष्य मुश्किल विकेट पर विशाल दिख रहा था तो उन्होंने बल्ले से अपनी जिम्मेदारी निभाई. आकाशदीप ने भी अपना डेब्यू यादगार बनाया. जसप्रीत बुमराह को आराम दिए जाने के बाद रोहित शर्मा को टीम में एक तेज गेंदबाज चाहिए था. जो सिराज अहमद के साथ गेंदबाजी कर सके. आकाशदीप ने रांची टेस्ट में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के बेन स्टोक्स के फैसले को चुनौती दी.
उन्होंने 2 ओवर में इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को हिला कर रख दिया. उन्होंने सबसे पहले बेन डकेट को विकेटकीपर के हाथों कैच कराया. इसी ओवर में उन्होंने ऑली पोप को एलबीडब्लू किया. फिर अगले ओवर में जैक क्रॉली को बोल्ड किया. इस तरह उन्होंने 83 रन देकर 3 विकेट लिए. दूसरी पारी में उन्हें गेंदबाजी का मौका ही नहीं मिला. आकाश ने बल्ले से भी अपना योगदान दिया. पहली पारी में ध्रुव जुरेल के साथ मुश्किल विकेट पर उन्होंने 40 रन की अहम साझेदारी भी की. रजत पाटीदार के लिए ये तीनों खिलाड़ी एक मिसाल की तरह हैं. जिन्होंने टेस्ट कैप की कीमत समझी. ये सच है कि विराट, केएल राहुस, श्रेयस अय्यर, जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों की वापसी पर इन नए खिलाड़ियों को बाहर बैठना होगा, लेकिन इन्हें प्लेइंग 11 से बाहर करने से पहले रोहित शर्मा कम से कम एक बार सोचेंगे तो, रजत पाटीदार के बारे में सोचने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.

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