200 फिल्में में एक्टिंग करने वाला साउथ का ‘राजकुमार’, जिसे सिंगिंग के लिए मिला… – भारत संपर्क
साउथ सुपरस्टार राजकुमार के बड़े रिकॉर्ड्स
साउथ फिल्म इंडस्ट्री की अलग ही धाक है. कई सारे ऐसे रिकॉर्ड्स हैं जो साउथ सिनेमा में बने हैं. ये रिकॉर्ड्स कोई छोटे-मोटे नहीं हैं. ऐसे हैं जिन्हें अब तक कोई तोड़ नहीं पाया है. लेकिन रिकॉर्ड्स भी ऐसे नहीं बनते हैं. जब तक प्रतिभा की झलक ना हो तब तक वो रिकॉर्ड्स कभी सामने नहीं आते. लेकिन प्रतिभा के दमपर कई सितारों को उनके काम के लिए अवॉर्ड्स मिलते रहे हैं. भारत में कला का सबसे बड़ा सम्मान नेशनल अवॉर्ड है. अब तक कई सारे कलाकारों को इस सम्मान से नवाजा गया है. जहां एक तरफ अमिताभ बच्चन जैसे एक्टर को 4 नेशनल अवॉर्ड मिले हैं वहीं दूसरी तरफ शबाना आजमी जैसी एक्ट्रेस ने सबसे ज्यादा 5 नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किए हैं. वहीं सिंगिंग की बात करें तो सिंगर के जे येसुदास ने कुल 8 नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किए हैं.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक एक्टर साउथ का ऐसा भी है जिसने 200 फिल्में में एक्टिंग की है. उसकी फिल्मों के सबसे ज्यादा रीमेक्स साउथ में बने हैं. लेकिन इसके बाद भी इस एक्टर को कभी भी एक्टिंग के लिए नेशनल अवॉर्ड नहीं मिला. लेकिन सिंगिंग के लिए जरूर मिला. ये अपने आप में कोई ऐसा कारनामा है जिसे अब तक कोई भी दूसरा शख्स दोहरा नहीं पाया. आइये इस रिकॉर्ड के बारे में तसल्ली से जानते हैं.
58 साल में 200 फिल्में
डॉक्टर राजकुमार की बात करें तो उन्होंने अपने अभिनय की शुरुआत साल 1942 में भक्त प्रहलाद फिल्म से की थी. उन्होंने एक चाइल्ड आर्टिस्ट के दौर पर अपने अभिनय की शुरुआत की थी और इस दौरान उनकी उम्र 13 साल की थी. इसके बाद डॉक्टर राजकुमार ने 12 साल बाद साल 1954 में बेदरा कनप्पा फिल्म से लीड एक्टर के तौर पर अपना डेब्यू किया था. इसके बाद वे कई बड़ी फिल्मों का हिस्सा रहे. साल 2000 में उनकी फिल्म शब्दवेदी रिलीज हुई थी. इस फिल्म के बाद राजकुमार की कोई भी फिल्म नहीं आई है. इन 58 सालों में राजकुमार ने कई सारी कॉमर्शियल हिट फिल्मों में काम किया. लेकिन उन्हें किसी फिल्म के लिए भी नेशनल अवॉर्ड नहीं मिला. उन्हें उनके शानदार काम के लिए पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से जरूर सम्मानित किया गया. लेकिन एक्टिंग के लिए नेशनल अवॉर्ड नहीं मिला. बल्कि उन्हें सिंगिंग के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला.
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32 साल से कायम है रिकॉर्ड
राजकुमार साउथ के ऐसे एक्टर माने जाते हैं जिनके रिकॉर्ड सबसे ज्यादा तगड़े रहे हैं. उनके रिकॉर्ड्स तोड़ पाना इतना आसान नहीं है. उन्हें रिकॉर्ड्स का उस्ताद कहा जा सकता है. एक्टर को साल 1992 में कन्नड़ फिल्म जीवन चैत्र के गाने नंदमया-ए-लोकावेल्ला गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था. एक्टर की फिल्मों से ही इंडस्ट्री में रीमेक करने का क्रेज खूब चर्चा में रहा था. रिपोर्ट्स की मानें तो वे साउथ इंडस्ट्री के पहले ऐसे एक्टर रहे थे जिनकी फिल्म का रीमेक 2-4 नहीं बल्कि 9 भाषाओं में हुआ था. वहीं रिपोर्ट्स की मानें तो उनकी 39 फिल्में ऐसी हैं जिनका रीमेक 63 बार बन चुका है. इसमें 34 एक्टर्स ने लीड रोल प्ले किया है. आज भले ही राजकुमार हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके ये अविस्मरणीय रिकॉर्ड्स उनकी गाथा गाने के लिए काफी हैं.