रक्षा बंधन के लिए सजने लगी राखी की दुकानें, विभिन्न डिजाइन…- भारत संपर्क
रक्षा बंधन के लिए सजने लगी राखी की दुकानें, विभिन्न डिजाइन की राखियां हैं बाजार में मौजूद
कोरबा। रक्षा बंधन, या राखी, भाई-बहनों के बीच अटूट प्यार को दर्शाने के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि पर पड़ता है। इस दिन बहनें भाइयों की आरती उतारकर, तिलक लगाकर उनकी कलाइयों पर राखी बांधती हैं और उनके स्वास्थ्य व जीवन में सफल होने की कामना करती हैं।
इस साल यह त्योहार 9 अगस्त को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन के लिए शहर का बाजार सजने लगा है, कई स्थानों पर राखियों की दुकानें सज चुकी हैं। डाकविभाग ने भी भाइयों तक आसानी से राखियां पहुंचाने के लिए प्रधान डाकघर में पीला बाक्स टांग दिया है। वैसे तो स्नेह के बंधन रेशम के डोर का कोई मोल नहीं है, फिर भी बाजार में सभी आयु वर्ग, निम्न, उच्च एवं मध्य वर्ग के बजट को देखते हुए राखियां उपलब्ध हैं। 10 रुपए दर्जन से लेकर 10 रुपए की एक एवं 100 रुपए तक की एक राखी उपलब्ध हैं। इसके बाद जितना अधिक जरी, चांदी, का काम होता है उतनी ही अधिक राखियों की कीमत बढ़ जाती है। करीब-करीब शहर की सभी सड$कों में राखियों की दुकानें लगने लगी हैं। दुकानदारों ने बताया कि दुकान में कई प्रकार की राखियां उपलब्ध हैं, इनमें देव राखी एवं भगवान राखी, भाभी राखी , फ्लावर स्टोन, नजर राखी, चंदन डोरी राखी, बिंदी स्टोन, पैंडल राखी आदि बिक रही हैं। दुकान में स्थानीय स्तर पर बनाई हुई कुंदन वर्क में राखियां उपलब्ध हैं, इसके अलावा बच्चों को पसंद आने वाली डोरेमोन, राधाकृष्ण, हनुमान एवं स्पाइडर मैन राखी भी स्टॉल में लगाई गई हैं।
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इस बार राखियों के दाम में इजाफा
भाई बहन के पवित्र रिश्तों का त्यौहार रक्षाबंधन की तैयारियां शुरू हो गयी है। बाजार में राखी की दुकानें भी सजने लगी है। राखी का व्यापार करने वाले थोक व्यापारी बाहर से माल मंगाकर स्टॉक कर रहे है। व्यापारियों का कहना है विगत वर्ष की तुलना में इस बार राखियां महंगी बिकेगी क्योंकि राखी बनाने के काम आनेवाली मटेरियल की कीमत काफी ज्यादा है। विशेषकर राखियों में लगने वाले विभिन्न आकर व रंग बिरेंगे मोती व स्टोन चाइना से आते है। इसका उपयोग 90 फीसदी राखियों सहित डोरी में होता है। थोक विक्रेताओं ने बताया कि अधिकतर राखियां दिल्ली और कोलकत्ता से आती है।