दिल्ली एनसीआर में बदला रियल एस्टेट का सीन, खूब बढ़ी सेल और…- भारत संपर्क
दिल्ली-एनसीआर में मकानों की बिक्री एक बार फिर से रफ्तार पकड़ रही है. ऐसे में वे मकान जो नहीं बिक पाए थे, उसकी संख्या में भी गिरावट आई है. दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में ऐसे मकानों की संख्या में भारी कमी आई है. वहीं देश के अन्य शहरों में भी बिना बिके मकानों की इंवेंटरी में गिरावट दर्ज की जा रही है. नोएडा में खाली पड़े मकानोंं की इंवेंटरी अब सबसे कम हो चली है. जबकि गुरुग्राम में इनकी संख्या सबसे ज्यादा है.
रियल एस्टेट एडवाइजर कंपनी एनारॉक की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में बिना बिके मकानों की संख्या घटकर 86,420 रह गई. ये 5 साल पहले मार्च 2018 के अंत में 2,00,476 यूनिट थी.
नोएडा और गुरुग्राम के हालात
दिल्ली-एनसीआर में बीते 5 साल में बिना बिके मकानों की संख्या में 57 फीसदी कमी आई है. इसमें नोएडा और गुरुग्राम एकदम अपोजिट डायरेक्शन में खड़े हैं. गुरुग्राम में बिना बिके मकानों की संख्या 53,136 से घटकर 33,326 हो गई. इसके बावजूद दिल्ली-एनसीआर में ये बिना बिके मकानों की सबसे बड़ी इंवेंटरी है. वहीं नोएडा में ऐसे मकानों की संख्या में 71 प्रतिशत की गिरावट हुई है. नोएडा में 25,669 यूनिट में से खाली मकानों की संख्या 7,451 यूनिट रह गई है. ग्रेटर नोएडा में 61,628 के मुकाबले इनकी संख्या 70 प्रतिशत गिरकर 18,668 हो गई. जबकि गाजियाबाद में ये संख्या 37,005 से 70 प्रतिशत घटकर 11,011 रही.
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बाकी शहरों में खाली पड़े मकानों की इंवेंटरी
दिल्ली-एनसीआर के साथ ही दूसरे बड़े शहरों में भी बिना बिके मकानों की संख्या घटी है. हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई में बिना बिके मकानों की संख्या 11 फीसदी घटकर 1,75,520 यूनिट रही है. मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन व पुणे में इनकी संख्या 8 फीसदी घटकर 2,89,677 रही है. कोलकाता में यह संख्या घटकर 29,278 हो गई जो 41 फीसदी की गिरावट को दिखाता है.
दिल्ली-एनसीआर एरिया का ये उम्दा प्रदर्शन दिखाता है कि घर खरीदारों का भरोसा लौट रहा है. रेरा, जीएसटी और SWAMIH फंड जैसे कदमों का इसमें अहम रोल है. वहीं दिल्ली-एनसीआर में नए मकानों की सप्लाई भी बढ़ी है. दिल्ली-एनसीआर में नए मकानों की सप्लाई की बात करें तो 2018 की पहली तिमाही से 2024 की पहली तिमाही के बीत करीब 1.81 लाख नए घरों की आपूर्ति की गई है.