भागलपुर का जर्जर बाईपास, रोड सेफ्टी के नाम पर रोज 7 लाख की वसूली; फिर भी…


भागलपुर बाईपास की हालत जर्जर
बिहार के भागलपुर में 200 करोड़ की लागत से बने बाईपास की हालत जर्जर हो चुकी है. यह बाईपास नाथनगर से जीरोमाइल को जोड़ता है. इस पर लगातार गाड़ियों का आवागमन बना रहता है, लेकिन प्रशासन की इस बदहाल सड़क पर नजर नहीं जा रही है. जबकि सरकार प्रतिदिन भागलपुर के इस बाईपास से तकरीबन साढ़े 6 लाख से 7 लाख तक टोल टैक्स वसूलती है.
इस सड़क की हालत इतनी खराब है कि इस पर चलने वाली गाड़ियों के मालिकों को आये दिन नुकसान का सामना करना पड़ता है. इस 16 किलोमीटर लंबे बाईपास में आधा बाईपास जर्जर हो चुका है. सड़क पर जगह-जगह बड़े गड्ढे हो गए है. लिहाजा यहां से गुजरने वाले वाहन भी खराब हो रहे हैं, जिससे सड़क पर जाम की स्थिति हो जाती है.
हर दिन गुजरती हैं 25 हजार गाड़ियां
इस रास्ते से प्रतिदिन 25 हजार से भी ज्यादा वाहन गुजरते हैं. बावजूद इसके सरकार इस टूटे-फूटे सड़क पर ध्यान नहीं दे रही है. साल 2019 में इस बाईपास का निर्माण राजस्थान की एक कंपनी के द्वारा किया गया था. इसके बाद 2019 से 2021 तक बिहार और दिल्ली की कंपनी ने इस पर टोल वसूला.
प्रशासन नहीं दे रहा कोई ध्यान
इसके बाद अगस्त 2021 से अगस्त 2022 तक एमपी की कंपनी नें टोल वसूला. इसके बाद नागपुर और राजस्थान की कम्पनी ने टोल वसूला, लेकिन सड़क की स्थिति पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. साल 2024 में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था, जिस सड़क की हालत खराब होगी, उस पर टोल नहीं लिया जाना चाहिए. बावजूद इसके लोगों को न तो टोल में कोई छुट मिली और न ही रोड़ की मरम्मत पर कोई काम किया गया.
लोगों ने जताई नाराजगी
टीवी9 से बात करते हुए लोगों ने बताया कि सड़क इतनी खराब हो चुकी है, कि आये दिन लोगों को दुर्घटना का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. यह स्थिति तब और भी खतरनाक हो जाती है जब बारिश होती है. उन्होंने बताया कि बारिश के दौरान सड़क के गड्ढों में पानी भर जाता है.
इसकी वजह से गड्ढों की गहराई का पता नहीं चल पाती है. इस दौरान सबसे ज्यादा हादसे होते हैं. लोगों ने प्रशासन के सुस्त रवैये पर नाराजगी जताई है. साथ ही सरकार से इस समस्या के समाधान की अपील की है. ताकि भविष्य में होने वाली घटनाओं को टाला जा सके.