पाकिस्तान: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सिफर केस में राहत, सबूतों के अभाव में… – भारत संपर्क

0
पाकिस्तान: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सिफर केस में राहत, सबूतों के अभाव में… – भारत संपर्क
पाकिस्तान: पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सिफर केस में राहत, सबूतों के अभाव में कोर्ट ने रद्द की 10 साल की सजा

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक इमरान खान को सिफर मामले में बड़ी राहत मिली है. इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव के कारण इमरान खान को मिली 10 साल की सजा को रद्द कर दिया है. इमरान के साथ ही उनके सहयोगी और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की भी सजा रद्द कर दी गई है.

ट्रायल कोर्ट द्वारा घोषित सजा के खिलाफ याचिका दायर होने के बाद आईएचसी की दो सदस्यीय बेंच ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी को सोमवार को बरी कर दिया है. इस दौरान कोर्ट ने कहा कहा कि ट्रायल कोर्ट का आचरण कुछ भी था लेकिन कानून के मुताबिक ऐसे अवसरों पर जब कानूनी टीम उपलब्ध थी तो इमरान खान और कुरेशी दोनों के लिए राज्य परिषद की नियुक्ति, या निर्णय में रूढ़िवादी टिप्पणियां की गई, जिनका मामले से कोई लेना देना नहीं था.

राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा था मामला

71 साल के इमरान खान पर वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूतावास द्वारा भेजे गए एक गुप्त राजनयिक केबल (सिफर) को लीक करने के मामले में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने उन्हें और पूर्व दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी. ये मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हुआ था. इमरान खान पर बेहद गुप्त जानकारी के निजी इस्तेमाल का आरोप है. हालांकि सत्ता से बेदखल होने के बाद इमरान खान ने कहा था कि उन्हें बेदखल करने के पीछे अमेरिका का हाथ है.

ये भी पढ़ें

क्या है सिफर केस

सिफर या डिप्लोमैटिक केबल वह संवाद होता है जो विदेशी मिशन की तरफ से अपने देश को भेजा जाता है. इसमें सभी तरह के बातचीत की जानकारी होती है, जिसको डिकोड कर उसको पढ़ा जाता है. सिफर का मतलब सीक्रेट कीवर्ड में लिखा गया संदेश. सायफर, एक गुप्त और प्रतिबंधित संदेश होता है जो डिप्लोमेटिक कम्युनिकेशन का हिस्सा होता है. दो देशों के बीच होने वाली कई बातचीत को गुप्त रखा जाता है. इसके लिए बातचीत को कोड के रूप में लिखा जाता है जिसे डिकोड करना मुश्किल होता है. इसकी मूल प्रति फॉरेन ऑफिस में रखी जाती है. इसकी कॉपी करना भी गैर-कानूनी होता है. पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इससे जुड़े एक मामले में फंसे थे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर कुनकुरी में ऑडिटोरियम भवन निर्माण हेतु…- भारत संपर्क| छत्तीसगढ़ रजत जयंती वर्ष 2025 कार्यक्रम के तहत महिला एवं बाल…- भारत संपर्क| धर्म पर एकदम से बदल गई PAK की सोच, मरियम नवाज बोलीं- सबका सम्मान जरूरी – भारत संपर्क| बेडरूम में कभी नहीं रखनी चाहिए ये तीन चीजें, हार्वर्ड के डॉक्टर ने बतायी वजह| रिंकू सिंह चाहे कितने भी तूफानी शतक ठोक दीजिए, दुबई में तो पानी ही पिलाना प… – भारत संपर्क