रिटर्निंग अधिकारी ने सजायाफ्ता को दे दी चुनाव लडऩे की…- भारत संपर्क
रिटर्निंग अधिकारी ने सजायाफ्ता को दे दी चुनाव लडऩे की अनुमति, गणराज सिंह पर शपथपत्र में जानकारी छिपाने का आरोप, आपत्ति की गई खारिज
कोरबा। गांव की सत्ता पर काबिज होने की जद्दोजहद में प्रत्याशी जुटे हुए हैं। प्रचार ने जोर पकड़ लिया है। इस बीच एक सजायाफ्ता अभ्यर्थी को चुनाव लडऩे की मंजूरी देने का गंभीर आरोप सामने आया है। जिला पंचायत के रिटर्निंग अधिकारी व मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिनेश कुमार नाग ने मामले में आपत्ति को खारिज करते हुए अभ्यर्थी को चुनाव लडऩे की अनुमति दी है। आपत्ति करने वाले ने चुनाव आयोग में जमा किए गए शपथ पत्र में जानकारी छिपाने का भी आरोप लगाया है। जिला पंचायत कोरबा के क्षेत्र क्रमांक 9 के प्रत्याशी गणराज सिंह कंवर के निर्वाचन आवेदन पत्र को रद्द करने की आपत्ति कौशिल सिंह नेटी ग्राम पोलमी थाना पाली ने लगाई है। जिला निर्वाचन अधकिारी को किए गए शिकायत में कौशल सिंह नेटी ने कहा है कि गणराज सिंह कंवर द्वारा क्षेत्र क्रमांक 9 से जिला पंचायत सदस्य के लिए आवेदन फार्म अभ्यर्थी के रूप में भरा गया है। शपथ पत्र प्रारूप 4 घ-एफ जिला पंचायत के समक्ष अभ्यर्थी द्वारा भरे जाने वाले शपथ पत्र की कंडिका 1, 2 की उप कंडिका 1,2, 3,4,5,6, ब 3 के उपकंडिका 1,2,3,4,5 में गलत शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है। उक्त प्रारूप में कंडिका के निरंक उल्लेख किया गया है, जो कि गलत है। वास्तव में गणराज सिंह कंवर के विरूद्ध पाली थाना में अपराध दर्ज है जो कि धारा 147, 448, 451 भादवि में दोष सिद्ध है। मामले में स्पेशल केस एससी/एसटी 23/2015 न्यायालय श्रीमती सरिता दास मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कोरबा के दाण्डिक प्रकरण में गणराज सिंह कंवर को दोष सिद्ध करार किया गया है। जिसमें एक+एक+2 साल सजा एवं अर्थदण्ड 500+500+1000 रूपये की सजा दी गई है। गणराज सिंह कंवर को उक्त गंभीर मामले में सजा होने के बाद भी उसने गलत शपथ पत्र प्रस्तुत किया है। श्री नेटी का कहना है कि तथ्यात्मक जानकारी को छिपाया गया है, जो की अपराध की श्रेणी में आता है। श्री नेटी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अनुसार दो साल सजा जिसको हुई वह पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते, जिसे लेकर उन्होंने गणराज सिंह कंवर के आवेदन को रद्द करने की मांग की है।
बाक्स
गणराज सिंह की सजा
दोषसिद्ध धारा कारावास अर्थदण्ड
147 भादवि 1 वर्ष 500
448 भादवि 1 वर्ष 500
451 भादवि 2 वर्ष 1000
(कारावास की सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी)
बॉक्स
सजा पर रोक नहीं होने पर दागी चुनाव लडऩे के योग्य नहीं
सुप्रीम कोर्ट की एक मामले में टिप्पणी है कि अगर आपराधिक मामले में दोषी ठहराए गए व्यक्ति को दो साल या इससे ज्यादा की सजा होती है, अगर उसकी दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई जाती है तो ऐसा व्यक्ति जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत चुनाव लडऩे के अयोग्य है। शीर्ष अदालत ने 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल के एर्नाकुलम संसदीय सीट पर सरिता एस नायर का नामांकन पत्र निरस्त करने के निर्वाचन अधिकारी के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर सुनाए गए फैसले में यह टिप्पणी दी थी।
वर्सन
“कोई भी प्रकरण अपील में है तो उसे अंतिम रूप से सजायाफ्ता नहीं मान सकते। उसी के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। आपत्ति को निरस्त की गई है।”
दिनेश कुमार नाग, जिला पंचायत रिटर्निंग अधिकारी व सीईओ